एमए इतिहास का छात्र रहा प्रवीण निकला मूर्ति चोर गिरोह का मास्टर माइंड, 8 आरोपी गिरफ्तार
माउन्ट आबूBy Sirohiwale
पिंडवाड़ा. पुलिस गिरफ्त में मूर्ति चोरी के आरोपी।
प्रवीण एमए इतिहास का छात्र रहा, इसलिए जानकारी थी मूर्तियों की कीमत
यह आठ आरोपी पकड़े गए
दो दिनों तक पुलिस मगरों में तलाशती रही आरोपियों को, सोमवार रात पकड़ में आया था शिवलाल
भास्कर न्यूज | सिरोही
पिंडवाड़ा पुलिस ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए नांदिया गांव स्थित सांवरिया मंदिर में 10 दिन पूर्व चोरी हुई तीन मूर्तियों के मामले में आठ आरोपियों के गिरफ्तार कर उनसे मूर्तियां भी बरामद की है। आरोपियों से हुई पूछताछ में सामने आया कि इस वारदात का मास्टर माइंड एमए इतिहास की डिग्री लेने वाला प्रवीण राजपुरोहित था, जिसे इन मूर्तियों के बारे में अच्छे से जानकारी थी और चार साल पहले अपने साथी विक्रम राजपुरोहित के साथ मिलकर इन्हें चोरी करने की योजना बनाई थी।
पुलिस के अनुसार आदर्श निवासी प्रवीण राजपुरोहित व विक्रम राजपुरोहित दोनों पिंडवाड़ा स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करते थे। प्रवीण ने मंदिर में स्थापित काले नीलम के पत्थरों की मूर्तियों की कीमत के बारे में अपने दोस्त विक्रम को बताया। इसके बाद विक्रमसिंह ने अपने मित्र सुरेश रावल को इस मंदिर व इनमें स्थापित मूर्तियों के बारे में बताया। दोनों ने पिंडवाड़ा आकर मंदिर दर्शन के बहाने इसकी रैकी भी की। सुरेश ने अपने गांव के यूनिस खान को उनकी पूरी योजना के बारे में बताया तो दोनों ने दुबारा मंदिर की रैकी की। दोनों इतनी बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे सकते थे तो उन्होंने पाली जिले के भीमाणा में रहने वाले कुख्यात नकबजन रेशमाराम गरासिया, शिवलाल गरासिया व धनाराम गरासिया को नांदिया के सांवलाजी मन्दिर में चोरी करने के लिए तैयार किया और चोरी से तीन दिन पहले विक्रमसिंह राजपुरोहित व शिवलाल गरासिया मंदिर देखने आए। इस पर 5 जनवरी की रात मोटरसाइकिल पर आए रेशमाराम गरासिया, शिवलाल गरासिया व धनाराम गरासिया ने मंदिर के ताले तोड़ उसमें रखी काले नीलम के पत्थर से बनी भगवान सांवलाजी, गुरुड़ भगवान व भगवान कृष्ण की मूर्तियाें समेत चांदी के जेवरात व सोने की बिंदी चुरा फरार हो गए। एसपी जय यादव के निर्देश पर एएसपी सरजीत सिंह मीणा व सिरोही सीआई विक्रमसिंह और पिंडवाड़ा सीआई सुमेरसिंह ने कार्रवाई करते हुए इन 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने भगवान सांवलाजी की मूर्ति से चोरी किए चांदी के जेवरात व सोने की बिंदी को नाना निवासी कन्हैयालाल सोनी को बेच दिए थे, जिसकी बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं।
मूर्ति चोरी करने के बाद विक्रम और सुरेश ने कीमत जानने के खुद के पास लिए रखे थे इनके खंडित हिस्से
...और यह पुलिस की टीम, जिन्हें मिली बड़ी कामयाबी
मंदिर से चोरी कर भगवान को छुपाया मगरों में, तीनों मूर्तियां बरामद