महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय सिरोही ने अल्प समय में बनाई अलग पहचान
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत एवं हमारे विधायक संयम लोढा के कर कमलों से उदघाटित सिरोही के पुराना भवन में संचालित जिले का पहला अंग्रेजी माध्यम विद्यालय जो अहिंसा सर्किल पर स्थित है
जो आम जनता की सेवा में समर्पित व पूर्णतया निःशुल्क है। इसी वर्ष शुरू हुए इस विद्यालय ने अल्प समय में अपनी ख्याति पूरे जिले में फैल गई है।
इस विद्यालय में नये प्रधानाचार्य के रूप में जगदीश सिंह आढा सहित कुल 18 शिक्षकों व अन्य मंत्रालिक कार्मिकों की नियुक्ति हुई। इस विद्यालय को शुरू हुए करीब 100 दिन ही हुए है। यह अंग्रेजी माध्यम का सरकारी विद्यालय दूसरी पारी में 12:30 से 5:30 तक चलता है।
विद्यालय की शुरूआत शानदार प्रार्थना सभा से होती है जो हर किसी का मन मोह लेती है। प्रार्थना सभा शुरूआत से पूर्व महात्मा गांधी के प्रिय गुजराती भजन जन तो तेने कहिए जे पीर पराई जाने रे से होती है। जो राग- खमाज पर आधारित है एवं ताल- भजनी कहरवा के पार्श्व संगीत में सभी बच्चे प्रार्थना स्थल पर एकत्रित होते हैं।
प्रार्थना सभा की शुरूआत राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् से होती है जो संस्कृत भाषा में है। राग- देस एवं ताल- रूपक (7 मात्रा) की यह प्रस्तुति अत्यन्त ही मनमोहक होती है।
तत्पश्चात् राग यमन की सरस्वती वन्दना "जय जय जय हे वीणापाणी..." ताल- कहरवा (8 मात्रा) में ऐसा समां बाँधती है कि रास्ते पर चलने वाले राहगीर भी एक बार तो रूककर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
उसके बाद पी वी सुब्बाराव द्वारा रचित राष्ट्रीय प्रतिज्ञा को बच्चे अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत करते हैं। प्रार्थना सभा में अंग्रेजी भाषा में समाचार वाचन व अंग्रेजी भाषा में सामान्य ज्ञान के प्रश्नों की प्रस्तुति बच्चों के व्यक्तित्व को झलकाती है।
अगली कड़ी में अंग्रेजी भाषा में प्रेरणा गीत We shall overcome (in english) कक्षा 3 की नन्हीं मुन्नी बालिकाओं के द्वारा ताल- बन्द कहरवा में प्रस्तुत किया जाता है।
उसके बाद किसी एक शिक्षक अथवा प्रिंसिपल महोदय के द्वारा बालकों को सम्बोधित किया जाता है।
प्रार्थना सभा के अन्त में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया जाता है। जो बिल्कुल भारतीय संविधान द्वारा निर्धारित नोट्स, राग, ताल व समय में प्रस्तुत किया जाता है जो अपने आप में अनुकरणीय व उल्लेखनीय है।
प्रार्थना सभा प्रभारी एवं एकेडेमिक हैड दिलीप कुमार शर्मा ने बताया कि प्रार्थना सभा के सभी कार्यक्रम वाद्य यंत्र बजाकर प्रस्तुत किये जाते है। इस संदर्भ में कक्षा 7 की ट्विंकल रावल व कृश खंडेलवाल हारमोनियम सीख रहे है वहीं कक्षा 6 से वेदान्त और उसकी बहिन सिद्धि कुमारी नायक तबला सीख रही है। संभवतया अगले सत्र से बच्चे खुद वाद्यों के साथ विभिन्न गायन प्रस्तुत करना शुरू कर देंगे।
विद्यालय का शैक्षिक स्तर अत्यन्त ही गुणवत्ता पूर्ण है। सभी विषयों के विषय विशेषज्ञ शिक्षक कार्यरत है। सभी पद भरे हुए है। विद्यालय में कम्प्यूटर लैब, विज्ञान लैब, पुस्तकालय, संगीत शिक्षा, खेलकूद सहित सभी सुविधाएं निःशुल्क एवं गुणवत्ता पूर्ण है।
यह विद्यालय अभी अपनी शैशवावस्था में है अर्थात् new born स्कूल है बावजूद इसके इसने सफलता के झंडे गाडने शुरू कर दिये है।
इस वर्ष के जुडो प्रतियोगिता में इस विद्यालय ने शारीरिक शिक्षक बलवन्तसिंह महेचा के नेतृत्व में जिले में प्रथम स्थान हासिल किया।
वहीं विज्ञान शिक्षिका शिवानी चौहान के मार्गदर्शन में इस विद्यालय ने विज्ञान माडल प्रदर्शनी में भी जिले में प्रथम स्थान पर रहकर पूरे जिले में अपनी अलग पहचान बना दी है।
इस अंग्रेजी माध्यम के सरकारी विद्यालय में वर्तमान में कुल 344 छात्र छात्राएँ (कक्षा 1 से 8 तक) शिक्षा ग्रहण कर रहे है। आगामी वर्षों में ये ही बच्चे कक्षा 9-10-11-12 में इसी विद्यालय में पढेंगे। यह विद्यमान पूर्णतया अंग्रेजी माध्यम में संचालित है व कक्षा 1 से 12 तक की कक्षाएँ संचालित होगी।
यह सब प्रधानाचार्य जगदीश सिंह आढा के कुशल नेतृत्व व पूरे स्टाफ की कठिन मेहनत से संभव हो सका है।
शिक्षकों व शिक्षिकाओं का व्यवहार बच्चों व अभिभावकों के साथ अत्यन्त ही मधुर है। विद्यालय शैक्षिक, सह शैक्षिक, भौतिक एवं अनुशासन की दृष्टि से उत्कृष्ट व उल्लेखनीय है।
पूरा विद्यालय 23 सीसी टीवी कैमरों से लैस है। जिसके माध्यम से प्रिंसिपल अपने कक्ष में बैठे बैठे विद्यालय की, शिक्षकों की व बच्चों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखते है।
यह विद्यालय को एजुकेशनल है अर्थात् लड़के व लड़कियों दोनों को संयुक्त रूप से पढाया जाता है। विद्यालय में कार्यरत महिला शिक्षक (लेडी टीचर) बालिकाओं का पूरा एवं विशेष ध्यान रखती है। खास बात यह कि इस विद्यालय में न केवल विद्यार्थी बल्कि सभी शिक्षक भी निर्धारित यूनिफार्म में समय पर विद्यालय आते है।
जिले के आला अधिकारी समय समय पर इस विद्यालय का निरीक्षण करते रहते है। सभी शिक्षा अधिकारी इस विद्यालय की प्रगति से संतुष्ट हैं।
इस विद्यालय की गतिविधियों को देखकर लगता है कि आगामी सत्र में इसमें पढने वाले बच्चों की संख्या दुगुनी हो जायेगी। राज्य सरकार की यह योजना गरीबों व आम जनता के लिए वरदान साबित हो रही है।