झालरावाव बावड़ी की सफाई में जुटी श्री साईनाथ सेवा संस्था की टीम।
खास खबरBy Sirohiwale
शहर के मध्य में झालरा मस्जिद के पास सन्1785 मे बनी झालरावाव बावड़ी में श्री साईनाथ सेवा संस्थान की टीम द्वारा प्रथम चरण के तहत श्रमदान किया गया। संस्था से जुड़े श्रम वीर सवेरे 7:00 बजे से ही गैती, फावड़ा, कुल्हाड़ी, ठाटिया, खरपी ले बावड़ी में उतरे व एक-एक कर सभी सीढ़ियों की सफाई व बावरी की दीवारों के बीच से निकली टहनियों की कटाई की। बावड़ी की सीढ़ियों पर काफी धूल जमी हुई थी। आसपास बस्ती है। घरों की गंदगी, पॉलिथीन में भरा कचरा, पूजन सामग्री इत्यादि से बावड़ी सुरक्षित रहे इस हेतु सुरक्षा जाली लगी है, परंतु फिर भी काफी वर्षों से सफाई ना होने के कारण पानी में काफी गंदगी व दुर्गंध लिए है। जाली पर भी काफी कचरा था जिसे पूरी तरह हटाकर जाली को साफ किया गया। संस्था के सेवा कार्यो से जुड़े वरिष्ठ सेवानिवृत्त श्री रतन लाल पुरोहित ने बताया की बावरिया हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत है। हमारे शहर में 17 बावरिया है, जिन्हें पूर्व में पूजा जाता था और उनका निर्मल स्वच्छ जल रोजाना के काम हेतु लिया जाता था। सभी बावरिया स्वच्छ होगी तो शहर वासियों को भविष्य में जल संकट से जूझना नहीं पड़ेगा।
हिंदू वेव अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार श्री हरीश दवे ने संस्था के कार्य को सराहा और प्रशासन, जनप्रतिनिधि व आमजन से अपील करते हुए कहा कि हमारे शहर में कभी भी पानी की कमी नहीं हो सकती परंतु मजबूत मैकेनिज्म के अभाव में हमें गर्मियों के दिनों में जल संकट से जूझना होता है। सभी को अपना नैतिक दायित्व समझ जिम्मेदार, जागरूक होना होगा। संस्था से जुड़े 25 श्रमवीरों ने 3 घंटा पसीना बहा प्रथम चरण का श्रम दान पूर्ण किया।
इस भगीरथ कार्य में संस्था अध्यक्ष विजय त्रिवेदी,मुस्ताक अहमद, गोविंद एस.चौहान, राहुल सोनी, गोविंद एल. चौहान ,रतन लाल पुरोहित, मनीष सगरवंशी, मोबिन मिर्जा, युवराज सिंह, प्रकाश माली, उत्तम सगर वंशी, पंकज जाला, गुणवंत सगरवंशी, मो.अजहरुद्दीन, कमल सिंह कुंडी, राम सिंह, रतन सिंह, मो.अयूब, मनीष माली, कन्हैया माली, गुलाम कादिर कुरैशी आदि ने योगदान दिया। संस्था अध्यक्ष विजय त्रिवेदी ने बताया कि बावड़ी में जगह-जगह धार्मिक ग्रंथ व उनके पन्ने बिखरे हुए तथा पीओपी की एक बड़ी स्टेचू मिली है जो कि हम सभी के लिए सोचनीय हैं। हम सभी को अपने संगठित प्रयासों से हमारी विरासत को बचाना होगा। द्वितीय चरण में बावड़ी के अंदर जल से गंदगी, कचरा हटा उसे स्वच्छ किया जाएगा।