उन्नीस साल बाद फिर जगी रोवाड़ा घाटा सडक़ निर्माण की उम्मीद
खास खबरBy Sirohiwale
विधायक संयम लोढ़ा के प्रयासों के चलते केन्द्रीय वन मंत्रालय ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को दी 4 हैक्टयर भूमि हस्तांतरित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति।
इस जमीन के बदले सार्वजनिक निर्माण विभाग वन विभाग को जमा करवाएगा 46 लाख रूपए।
क्षेत्र के ग्रामीणों में हर्ष की लहर।
सिरोहीवाले न्यूज ब्यूरो
हरीश दवे
शिवगंज। उपखंड क्षेत्र के रोवाडा-मनादर के बीच रोवाडा घाटा सडक़ निर्माण की उन्नीस साल बाद एक बार फिर उम्मीद नजर आ रही है। विधायक संयम लोढ़ा के प्रयासों के चलते केन्द्रीय वन मंत्रालय ने घाटा सडक़ निर्माण के लिए वन विभाग की 4 हैक्टयर भूमि सार्वजनिक निर्माण विभाग को प्रदान करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। रोवाडा घाटा सडक़ निर्माण से रोवाडा एवं मनादर के बीच वर्तमान में करीब 30 किलोमीटर की दूरी मात्र 9 किलोमीटर रह जाएगी।
गौरतलब है कि इस घाटा सडक़ निर्माण की जोयला, जोगापुरा, आल्पा, रोवाडा, मनादर, कैलाशनगर आदि गांवों के ग्रामीण लंबे समय से मांग कर रहे थे।
वन विभाग के उप वन संरक्षक शुभम् जैन ने बताया कि रोवाडा घाटा सडक़ निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से वन विभाग की 4 हैक्टयर भूमि 5/500 से 9/500 किलोमीटर भूमि की मांग की गई थी। सार्वजनिक निर्माण विभाग की इस मांग पर केन्द्र सरकार ने अपनी सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। रोवाडा-मनादर घाटा निर्माण के लिए जिस भूमि की मांग की गई है उसके लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को केन्द्रीय वन मंत्रालय को 46 लाख 1 हजार 920 रूपए की राशि जमा करवानी होगी।
जैन ने बताया कि मांग पत्र के अनुसार सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से राशि जमा करवाए जाने के बाद वन विभाग की 4 हैक्टयर भूमि सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने की स्वीकृति जारी कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राशि मांग पत्र वन विभाग की ओर से सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीशासी अभियंता को भेज दिया गया है।
उपखंड के मनादर से रोवाडा आने के लिए वर्तमान में ग्रामीणों को करीब 35 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इसके अलावा जोयला, जोगापुरा, आल्पा के ग्रामीणों को भी मनादर एवं कैलाशनगर के बीच आवागमन के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रोवाडा-मनादर घाटा निर्माण होने से यह दूरी घट कर मात्र आठ से नौ किलोमीटर ही रह जाएगी। इसके अलावा कैलाशनगर से भी ग्रामीणों को शिवगंज आने के लिए करीब 15 किलोमीटर का फायदा होगा। जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी।
गौरतलब है कि वर्ष 2002-2003 में संयम लोढ़ा के पहली बार विधायक निर्वाचित होने के बाद ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने प्रयास कर इस घाटा सडक़ का निर्माण करवाने का बीडा उठाया था। उस समय कार्य भी प्रारंभ हुआ था, मगर बाद में सरकार बदलते ही इस घाटा सडक़ का निर्माण की कार्रवाई भी खटाई में पड़ गई। तब से ग्रामीणों की ओर से इस घाटा सडक़ निर्माण की मांग उठाई जा रही है। इस बार विधायक निर्वाचित होने पर विधायक लोढ़ा ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया था कि रोवाडा-मनादर घाटा निर्माण को लेकर जो भी विभागीय पैचीदगियां है उन्हें दूर करवाकर इसका निर्माण करवाया जाएगा।
विधायक लोढ़ा के लगातार प्रयासों का ही परिणाम है कि केन्द्रीय वन मंत्रालय ने रोवाडा घाटा वन क्षेत्र की 4 हैक्टयर भूमि सार्वजनिक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। मनादर-रोवाडा घाटा सडक़ निर्माण की दिशा में मिली इस पहली सफलता से ग्रामीणों में हर्ष की लहर है। इसके लिए आल्पा सरपंच एवं सरपंच संघ अध्यक्ष नारायणलाल रावल, रोवाडा सरपंच परबतसिंह, मनादर सरपंच सुमित्रा देवी राजूभाई रावल, कैलाशनगर सरपंच तेजाराम मीना, झाडोली वीर सरपंच मोवनी देवी, जोयला सरपंच गुडियादेवी मंछाराम मेघवाल, जोगापुरा सरपंच छैलसिंह देवडा सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने विधायक संयम लोढ़ा का आभार प्रकट किया है।