स्वच्छ जल स्वस्थ हम के साथ श्री सारणेश्वर बावड़ी की सफाई
खास खबरBy Sirohiwale
श्रमदान ही जीवन का पुण्य दान है ,,, विजय त्रिवेदी
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
श्री साईनाथ सेवा संस्थान के सदस्यो द्वारा शहर के आराध्य देव श्री सारणेश्वर महादेव मंदिर के बाहर दरवाजे के सामने रोड पर स्थित सारणेश्वर बावड़ी में प्रथम चरण के तहत श्रमदान किया गया।
सारणेश्वर बावड़ी चहूओर से कटीली झाड़ियों से ढकी हुई है व प्रथम दृष्टया नजर में नहीं आती। संस्था के श्रम वीर सवेरे 7:00 बजे फावड़ा,कुल्हाड़ी,गैटी,खरपी ले बावड़ी में उतरे।
आसपास के जंगली बबूल बीच बावड़ी की सुंदरता मनमोहक है, साथ ही काफी वर्ष उपरांत भी इसके निर्माण हेतु जिन पत्थरों का उपयोग किया गया वे काफी मजबूत व बावड़ी को आकर्षक रूप देते हैं।
श्रमदान में लगभग 3 घंटा पसीना बहाते हुए बावड़ी के साथ लगे जंगली बबलू की कटाई की, सीढ़ियों पर जमी धूल, मिट्टी, गंदगी हटाई बिखरे पत्ते तगारी में भर सीडी़ओ को साफ किया।
"स्वच्छ जल स्वस्थ हम" के इस पुनीत कार्य में संस्था अध्यक्ष विजय त्रिवेदी, डॉ. मोबिन मिर्जा, गोविंद एल. सिंह, गुणवंत सगरवंशी, गजेंद्र सिंह चौहान, मनीष सगरवंशी, प्रकाश माली, राहुल सोनी, शंकर माली, गोविंद एस. सिंह, मो.अजहरुद्दीन, राम सिंह, युवराज सिंह, कमल पंजाबी, उत्तम सगरवंशी, पंकज वैष्णव, भगवानाराम आदि ने योगदान दिया।
संस्था अध्यक्ष ने बताया कि हमारे शहर सिरोही की इस सबसे प्राचीन बावड़ी का निर्माण सन 1469 ईस्वी में महाराज श्री राव लाखा ने अपनी रानी अपूर्वा देवी के लिए कराया था।
साथ ही बावड़ी के साथ सुंदर बगीचा था। जहां से पुष्प मंदिर में भगवान की शोभा बढ़ाते थे। काफी वर्ष बीत जाने के पश्चात भी बावड़ी की सुंदरता व मजबूती एक सुकून का आभास कराती है। बावड़ी में जल उपलब्ध है जिसे आगे चल कर दो या तीन सप्ताह में सीडी़ओ समेत पूर्णतया स्वच्छ किया जाएगा।
बावड़िया हमारी ऐतिहासिक धरोहर है। उनकी उचित देखभाल करते हुए हम स्वच्छ जल रोजाना के काम में ले सकते हैं।
इस हेतु हम सभी को जागरूक होकर अपना नैतिक दायित्व निभाना होगा।