सिरोही जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं बाढ़ बचाव के संबंध में बैठक वीसी के माध्यम से सम्पन्न हुई
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही, 12 मई। जिले में वर्ष 2021 की वर्षा ऋतु में संभावित बाढ़ चक्रवात/ अतिवृष्टि की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत व्यवस्थाऐं सुनिश्चित करने हेतु जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण एवं बाढ़ बचाव के संबंध में बैठक जिला कलक्टर कार्यालय परिसर राजीव गांधी सेवा केन्द्र वीसी से जिला कलक्टर भगवती प्रसाद की अध्यक्षता में ब्लाॅक से जुडे अधिकारियों की मौजूदगी में आयोजित हुई।
बैठक मे शासन के स्तर पर लिये गये निर्णय अनुसार इस जिले के लिये नोड़ल अधिकारी जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियन्ता, सिरोही को बनाया हैं वे बाढ़ राहत व्यवस्था के लिये नोड़ल अधिकारी के रूप में कार्य करेगें ।
बैठ़क में विचार विमर्श के पश्चात विभागवार निम्न प्रकार तत्काल क्रियान्विति करने के लिये संबंधित विभागों के अधिकारियों को बाढ़ एवं अतिवृष्टि से निपटने के लिए जिला मुख्यालय के सभी संबंधित विभाग अपने-अपने कार्यालय में दिनांक 15 जून से 30 सितम्बर 2021 तक बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना करेंगे । साथ ही तहसील मुख्यालय पर एवं उपखण्ड़ मुख्यालय आबूपर्वत पर भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित करें तथा नियंत्रण कक्ष को अपने स्तर से सुचारू रूप से 24 घण्टे राउण्ड-दी-क्लाॅक संचालित रखेंगे। हर वर्ष की भांती जिला मुख्यालय कलक्टर कार्यालय सिरोही में बाढ़ नियंत्रण कक्ष, 01 जून, 2021 से स्थापित किया जा रहा हैं जिसके दूरभाष नम्बर 02972-225327 एव 1077 रहेगा। जल संसाधन खंड सिरोही एव सुमेरपुर प्लान में दिये गये स्थानों/बांधों पर पर्याप्त मात्रा में रेत के कट्टे 30 मई 2021 तक रखवाना सुनिश्चित करें । जिले के सभी बांधों के गेट्स में आयलिंग एवं ग्रीसींग का कार्य 15 जून से पूर्व पूर्ण करवाया जावें साथ ही बांधों के लिकेज/डेमेज का निरीक्षण कर तत्काल मरम्मत का कार्य दक्ष टेक्निीशीयन से करवाया जावें ताकि आपातकालीन स्थिति में किसी समस्या का सामना नही करना पड़े । साथ ही बांध की सुरक्षा दिवारों का निरीक्षण कर डेमेज/लिकेज पाया जाये तो नियमानुसार मरम्मत की कार्यवाही अविलम्ब कराना सुनिश्चित करें । जिले के मानचित्र में बाढ से प्रभावित क्षेत्रों, बांधों एवं बाढ़ से क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में प्रभावित होने वाले ग्रामों का विवरण अंकित करते हुये एक प्रति जिला कार्यालय तथा उपखण्ड वाईज प्रति तैयार कर संबंधित उपखण्ड अधिकारियों को उपलब्ध करवाई जावें ।
जिले के समस्त प्रमुख बांधों पर 15 जून से पूर्व वायरलेस की जांच पुलिस विभाग से करवाकर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें । बांधों के भरने के समय पल-पल की जानकारी जिला कलेक्टर एवं नियंत्रण कक्ष को दी जावें । मत्स्य ठे़केदार एवं नक्की झील ठेकेदार के पास उपलब्ध नावों को चलाने के लिए जानकार नाविकों के बारे में विभाग के स्तर से जानकारी प्राप्त कर अपने पास सुरक्षित रखेेगे, ताकि आवश्यकता पडने पर उनका उपयोग हो सके । मत्स्य विभाग अधिकारी से भी सम्पर्क बनाये रखेगे तथा जिला परिवहन अधिकारी नावों की फिटनेस के बारे में नियमानुसार अपेक्षित कार्यवाही सम्पादित करेगे । कन्टीजेन्सी प्लान की एक प्रति जिला नियंत्रण कक्ष एवं उपखण्ड़ अधिकारियों को भिजवाना सुनिश्चिित करेंगे । बांध के गेट खोलने वाले तथा तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों को कार्य स्थल पर तैनात किया जावें साथ ही बांध सुरक्षा प्रमाण-पत्र 15 जून 2021 तक प्रस्तुत किया जावें कि सारे बांधों के गेट में आॅयलिंग/ग्रीसिंग एवं गेट चैक कर दिये गये हैं व सभी गेट सही पाये गये हैं । गेट खोलने वाले कर्मचारी के नाम, मोबाईल नम्बर तहसील कार्यालय में होने चाहिये साथ ही गेट की चाबी सार्वजनिक कार्यालय में रखी होनी चाहियें ।
जल संसाधन विभाग ऐसे समस्त ग्रामों व शहरों के Low Lying Areas का चिन्हिकरण करें, जिनमें अधिक वर्षा होने पर प्रायः जनधन व्यापक रूप से प्रभावित होता हैं । समस्या से ग्रस्त शहरो/ग्रामों की चिन्हित बस्तियों /स्थानों में अधिक वर्षा होने की स्थिति में पैदा होने वाली समस्याये तथा प्रभावित होने वाले जन धन के सम्बन्ध में Shelf Of Project तैयार किया जावें तथा उसकी Technical Viability रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकताए निर्धारित करके वित्तीय प्रावधान निर्धारण करेंगे । अत्यधिक वर्षा/बाढ़़ से जो पानी एकत्रित होता हैं उसकी निकासी व उसके उपयोग के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार की जावें । साथ ही मानसुन के पहले एनिकट एवं चैक डेम का निरीक्षण करें एवं जहां कही बांध/एनिकट क्षतिग्रस्त हो उसकी आवश्यक मरम्मत करावें । तथा रेस्क्यू टीम एवं एर्यर फोर्स के दूरभाष नम्बर पता कर अपने पास रखे ताकि आवश्यकता पडने पर उपयोग किया जा सके । अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
सार्वजनिक निर्माण विभा एवं राष्ट्रीय उच्च मार्ग खंड पाली द्वारा जिले की प्रमुख नदीयों से गुजरने वाली मुख्य सड़को पर नदियों में बहाव के दौरान कर्मचारियों को तैनात करेंगे ताकि तेज बहाव के दौरान वाहनों को नदियों में प्रवेश सेे रोका जा सकें एवं मय चैन व चैन के बीच में बोर्ड (संभावित खतरे की जानकारी के प्रतीक चिन्ह ) लगाये जावें । तहसील/उपखण्ड़ तथा ग्राम पंचायत मुख्यालयों को जोड़ने वाली समस्त सड़कों/रपटों को क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में अभी से विभागीय बजट अनुसार रख-रखाव करेंगे । भारी मशीनरी क्रेन, गैस कटर, जे.सी.बी. एवं उनके चालक के मोबाईल एव लेड़ लाईन फोन नम्बर आदि की जानकारी एवं सूची तैयार रखेगें ताकि आवश्यकता के समय उनका उपयोग किया जा सकें । तूफान/बाढ़/अतिवृष्टि के दौरान सड़को के किनारे पर खडे वृक्ष गिरने से अवरूद्व होने वाले मार्गो से पेड़ तत्काल हटवाकर आवागमन बनाये रखेगे। ऐसे क्षतिग्रस्त (जर्जर सार्वजनिक/सरकारी भवन को चिन्हित किया जावें जो सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा बनाये गये हैं तथा वर्षाकाल में गिर सकते हैं उनकी मरम्मत करवाना सुनिश्चित करें एवं अनुपयुक्त पाये जाने पर ऐसे भवनों की सूची बनाई जाकर उसको खाली कराने की कार्यवाही की जावें ।
सा0नि0वि0 सिरोही के अधीक्षण अभियन्ता को जिले के समस्त राजकीय भवनों की छतों की सफाई का कार्य करवाने, पुराने बांधों की स्थिति का जायजा लेने एवं ऐसे स्थान जहां पानी इक्कठा होता हैं वहां पर सफाई रखने एवं गेल इण्डिया एवं बिनानी फैक्टरी में उपलब्ध क्रेन व जे.सी.बी की आवश्यकता पडने पर उपलब्ध हो, संबंधित संस्था से सम्पर्क बनाये रखने बाबत् निर्देशित किया गया । साथ ही 15 जून 2021 तक यह प्रमाण-पत्र जिला कलक्टर कार्यालय, सिरोही में प्रस्तुत करेगें कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है । ऐसे सभी मार्गो, रपटो की सूची बनाए जो पिछली बाढ़ के कारण सम्पर्क से कट गये हा । साथ ही वैकल्पिक रास्ता अभी से चिन्हित करके रखे ।
सार्वजनिक निर्माण विभाग ऐसे समस्त ग्रामों व शहरों के Low Lying Areas का चिन्हिकरण करें, जिनमें अधिक वर्षा होने पर प्रायः जनधन व्यापक रूप से प्रभावित होता हैं । समस्या से ग्रस्त शहरो/ग्रामों की चिन्हित बस्तियों /स्थानों में अधिक वर्षा होने की स्थिति में पैदा होने वाली समस्याये तथा प्रभावित होने वाले जन धन के सम्बन्ध में Shelf Of Project तैयार किया जावें तथा उसकी Technical Viability रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकताए निर्धारित करके वित्तीय प्रावधान निर्धारण करेंगे । अत्यधिक वर्षा/बाढ़़ से जो पानी एकत्रित होता हैं उसकी निकासी व उसके उपयोग के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार की जावें । अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
विद्युत विभाग अभी से जिले की समस्त विद्युत लाईनों, लूज वायरिंग, ट्रासफामर्स का फिल्ड़ स्टाॅफ के माध्यम से 30 मई 2021 से पूर्व चैक-अप करवायेगें तथा जहंा-जहंा रख रखाव की आवश्यकता हैं, ठीक करवायेगें ताकि विद्युत आपूर्ति बांधित नही रहे । अपने विभाग का प्लान तैयार करवायेंगें जिसमें समस्त प्रकार की गतिविधियों का समावेश करंेंगे तथा किस-किस क्षेत्र के लिये कौन अधिकारी प्रभारी रहेगा, उनके टेलीफोन नम्बर, मोबाईल टीमों का गठन सभी जानकारी जिला कार्यालय को एवं अपने विभागीय नियंत्रण कक्ष को उपलब्ध करवायेंगे और विभाग के आवश्यक नम्बरों को सुलभ स्थानों पर लिखवाया जावे ताकि जन-समान्य आवश्यकता पड़ने पर संपर्क कर सके । फिल्ड़ स्टाॅफ को आपदा के दौरान फिल्ड़ में ही रहने हेतु पाबंद करेंगे ताकि विद्युत संचार में गतिरोध की स्थिति में किसी भी प्रकार की जन-धन की हानि को रोका जा सके । अंाधी तुफान के समय क्षतिग्रस्त विद्युत लाईनों की तत्काल मरम्मत को प्राथमिकता देगें, क्योंकि विद्युत का सीधा संबंध पेयजल व्यवस्था से जुडा होता हैं । अतः पेयजल विद्युत की आपूति न होने के कारण प्रभावित न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखेंगे । किसी भी स्थान पर ट्र््रासफामर्स की शिकायत प्राप्त होने पर 72 घन्टों में बदलने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे ।
विद्युत तारों से होने वाली घटना को ध्यान में रखते हुये ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें की जिले में ऐसी कोई घटना घटित न हो इस बात को ध्यान में रखते हुये आवश्यक इन्तजामात सुनिश्चित करेंगे । 15 जून 2021 तक यह प्रमाण-पत्र जिला कलक्टर कार्यालय, सिरोही में प्रस्तुत करेगें कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है । अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा आपदा के दौरान पेयजल व्यवस्था को बनाये रखने के लिए विभाग का प्लान तैयार करंेंगे । जिसमें आवश्यक सामग्री की उपलब्धता तथा उसके स्टाॅक स्थल की जानकारी तथा पेयजल व्यवस्था के लिये प्रभारी अधिकारी/कर्मचारी का पूर्ण नाम, टेलीफोन नम्बर वगैरह का विवरण अंकित हो । जिले के प्लान की जिला कार्यालय को प्रति भिजवाते हुये एक प्रति संबंधित उपखण्ड़ अधिकारियों को भी भिजवाई जावें । आपदा के दौरान आम जनता को शुद्व पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगें तथा पानी के शुद्धिकरण की आवश्यक व्यवस्था करेंगे । ब्लीचिंग पाउडर एवं क्लोरिन टैबलेट आदि दवाओं की पूर्ण पूर्ति रखेंगे । पेयजल आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में पेयजल परिवहन कर आम जनता को पानी उपलब्ध करायेगें, इस हेतु सहायता विभाग के उनके पास उपलब्ध वाटर टैंकर का भी उपयोग कर सकेंगे और आवश्यकता की स्थिति में नियमानुसार किराये के वाटर टैकर हायर करके भी पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे । बाढ़ के दौरान नदियों में उपलब्ध वाटर पाईन्ट को अभी से चिन्हित करेंगे तथा उसके प्रभावित होने की स्थिति में किन-किन ग्रामों में पेयजल आपूर्ति बाधित होगी उसकी पूर्ण जानकारी रखेंगें तथा इन पाईन्ट की जानकारी जिला कार्यालय तथा उपखण्ड़ कार्यालयों को भी उपलब्ध करवायेगें । शहरी क्षैत्रों में पाईप लाईन के पास नालो की साफ-सफाई नगर परिषद के सहयोग से करावें साथ ही नालो के पास स्थित पाईप लाईनो के सभी लिकेजेस को तुरंत ठीक किया जाए । जनरेटर सेट एवं हेैण्डपम्प की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करेंगे नई बिछाई गई पाईप लाईनों की एक वर्षा के पश्चात भौतिक सत्यापन करेंगे ताकि उनके क्षतिग्रस्तता की स्थिति का पता लग सकेगा एवं तदनुसार उसमें सुधार की कार्यवाही करेंगें । शहरी क्षेत्रों में पानी के जगह-जगह पर स्थित वाॅल पाईन्ट पर भी कोई प्रतिक चिन्ह लगायेंगे ताकि पानी के अधिक बहाव के दौरान आम व्यक्ति को उसकी जानकारी रहेगी एवं किसी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके । 15 जून 2021 तक यह प्रमाण-पत्र जिला कलक्टर कार्यालय, सिरोही में प्रस्तुत करेगें कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है । अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
चिकित्सा विभाग द्वारा जिले के कन्टीजेन्सी प्लान में विभाग से संबंधित समस्त जानकारियों का समावेश किया जावें तथा उसकी एक प्रति संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध करवायें । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा प्रमुख चिकित्सा अधिकारी के स्तर पर मोबाईल टीमों का गठन कर उसमें पर्याप्त स्टाॅफ एवं दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित की जावें । एंटी वेनम इन्जेक्शन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करें । जिले के समस्त सी.एच.सी./पी.एच.सी.स्तर पर दवाईयों की आपूर्ति अभी से सुनिश्चित करेंगे, यदि दवाईयों की कमी हैं तो चिकित्सा विभाग राज. जयपुर को मांग भिजवाकर दवाईयों की आपूर्ति को बनाये रखने के लिये व्यवस्था सुनिश्चित करेंगें । जलदाय विभाग से सामन्जस्य स्थापित कर पेयजल शुद्धता की समय-समय पर जांच भी करवायेंगे एवं शुद्ध पेयजल की आपूर्ति बनाये रखने के लिये में क्लोरिन टेबलेट पर्याप्त मात्रा रखेगें । एम्बुलेन्स को सही हालात में रखना सुनिश्चित करेंगे ताकि आवश्यकता पडने पर किसी कठिनाई का सामना करना नही पडे । समस्त फिल्ड स्टाॅफ को मुख्यालय पर ही रहने के लिये पाबंद करेंगे । एम्बुलेंस की आवश्यकता पडने पर उनके साथ डाॅक्टर व कम्पाउण्डर/नर्स को भी भेजा जावें । आबादी में जल भराव वाले क्षेैत्रों में मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिये डस्व् का पर्याप्त स्टाॅक रखा जाए । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिरोही को ग्रामीण स्तर पर वर्षा जनित बिमारियों की रोकथाम के लिये आवश्यक निर्देश दिये गये । अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
जिला रसद अधिकारी, सिरोही को जिले में समस्त राशन की दुकानों पर वर्षा से पूर्व खाद्यान्न की पर्याप्त आपूर्ति बनाये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे । विशेषतः जिले में आगामी 4 माह की खपत को ध्यान में रखकर खाद्यान्न, केरोसीन, पी.ओ.एल., गैस, आदि की आपूर्ति करेंगे । जिले के समस्त पेट््रोल पम्प पर पी.ओ.एल. तथा गैस एजेन्सी के माध्यम से एल.पी.जी. गैस को रिजर्व करवायेंगे ताकि आपदा के दौरान रिजर्व स्टाॅक का उपयोग किया जा सकें । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आग्रह पर डस्व् के लिये केरोसीन उपलब्ध कराएंगें । बाढ/अतिवृष्टि के दौरान प्रभावित व्यक्तियों के भोजन की व्यवस्था एन.जी.ओ./दानदाताओं, समाजसेवी संस्थाओं/भामाशाहो से सहयोग प्राप्त कर व्यवस्था करवाना सुनिश्चित करेंगे, इस हेतु अपने फिल्ड स्टाॅफ का सहयोग लिया जावें । फूड पैकेट बनाने वालो को भी अभी से चिन्हित करके रखा जावें
उपखण्ड़ स्तर पर भी उपरोक्त बिन्दूओं पर पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करें । जिला रसद विभाग को जिले में आपदा होने या पड़ौसी जिलो में आपदा होने पर भी उनकी सेवाए ली जा सकने को भी ध्यान में रखते हुये तैयारी रखेंगे । 15 जून 2021 तक यह प्रमाण-पत्र जिला कलक्टर कार्यालय, सिरोही में प्रस्तुत करेगें कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है । अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
पशु पालन विभाग मृत पशुओं के निस्तारण की कार्यवाही स्थानीय निकाय यथा नगर पालिका एवं ग्राम पंचायत से सहयोग प्राप्त कर सुनिश्चित करेंगे एवं विकास अधिकारी से सम्पर्क बनाये रखेगें । चिकित्सा विभाग की भांति मोबाईल टीम का गठन करेंगे, जिसमें पर्याप्त स्टाॅफ एवं दवाईयों की व्यवस्था सुनिश्चित हो । जिले में पशुओं के लिये दवाईयों की आपूर्ति समस्त चिकित्सा केन्द्रो तथा जिला मुख्यालय पर उपलब्ध हो । दवाईयों की कमी होने की स्थिति में अपने विभाग को प्रस्ताव भिजवाकर आपूर्ति को बनाये रखेंगे । बाढ़/अत्यधिक वर्षा से जलभराव की स्थिति में प्रभावित होने वाली गोशालाओं को चिन्हित कर पशुओं को बचाने की योजना तैयार करेगें । 15 जून 2021 तक यह प्रमाण-पत्र जिला कलक्टर कार्यालय, सिरोही में प्रस्तुत करेगें कि उपरोक्तानुसार कार्यवाही सम्पादित की जा चुकी है । अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
कृषि विभाग अपने स्तर पर पानी के उपयोग की नवीनतम योजना का विज्ञापन प्रसारित कर आम जनता को इसके उपयोग एवं निकासी के बारे में जानकारी दे । उप वन संरक्षक, सिरोही/आबूपर्वत जिले के स्नेक केचर के मोबाईल नम्बर अपने पास रखेंगे तथा आवश्यकता पडने पर संबंधित को अपेक्षित कार्यवाही सम्पन्न कराने हेतु पाबन्द करेगें । सिरोही एवं आबूरोड के जिला परिवहन अधिकारी को जिले में उपलब्ध निजी ट््रक, ट््रेक्टर, भारी वाहनों यथा क्रेन, जे.सी.बी. आदि की सूचियाॅ जिसमें वाहन संख्या, मालिकों के नाम मय पूर्ण पता, टेलीफोन विवरण सहित तैयार कर एक प्रति जिला कार्यालय तथा संबंधित उपखण्ड़ अधिकारियों को भिजवाना सुनिश्चिित करेंगे । आपदा के दौरान वाहन अधिग्रहण की स्थिति में जिला प्रशासन/उपखण्ड़ अधिकारियों का सहयोग करेंगे । जिले में विभिन्न ठेकेदारों के पास उपलब्ध नोकाओं की जांच करवाकर उनका फिटनेस जारी करके उनकी सूची इस कार्यालय व तहसीलदारगण को तत्काल भिजवायेगें । ओवर लोड वाहनों का चालान किया जाकर सूचना तीन दिवस की समयावधि में आवश्यक रूप से भिजवाई जावें । सहायक मत्स्य विकास अधिकारी को निर्देश दिये वे 02 नाव अपने कार्यालय में मंगवाकर सुरक्षित रंखे ताकि आवश्यकता पडने पर उनका उपयोग किया जा सके । नावों की अधिक आवश्यकता होने पर नाव मालिकों एवं नाविकों के मोबाईल नम्बर मय पता अपने पास सुरक्षित रखेगें ताकि आपातकाल के दौरान इनकी सेवाये अधिग्रहण की जा सके । अतः सभी संबंधितों को पाबंद करावें कि उनके क्षेत्र के विभिन्न जलाश्यों में मत्स्य पालको द्वारा उनकी नावों का मछली पकड़ने के अतिरिक्त अन्य किसी रूप में प्रयोग नही करें ।
जिला परिषद/शिक्षा विभाग/समाज कल्याण विभाग एवं जनजाति क्षेत्रिय विभागः- बाढ़/अतिवृष्टि की स्थिति में स्कूलों में पढ़ने वाले एवं छात्रावासों में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे । क्षतिग्रस्त शाला भवनों/छात्रावासों की वर्षा से पूर्व सूची तैयार की जाकर उनके मरम्मत के प्रस्ताव तैयार कर संबंधित विभाग से बजट की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे तथा मानसून से पूर्व आवश्यक मरम्मत करवायेंगे । आपदा के दौरान शाला भवनों के उपयोग करने के लिये शालाओं की चाबियों को ग्राम सेवक/पटवारी द्वारा मांगने पर उपलब्ध करवायेंगे । फिल्ड स्टाॅफ को मुख्यालय पर रहने हेतु पांबद करेंगे ताकि आपदा के दौरान आवश्यकता पडने पर उनकी सेवाये भी ली जा सकेगी । बाढ़/अतिवृष्टि की गंभीर स्थिति के दौरान स्कूलों/छात्रावासो में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे तथा परिस्थिति को देखते हुये आवश्यकतानुसार स्वविवेक से निर्णय लेगें । ऐसी कार्यवाही करने हेतु संस्था प्रधानो को निर्देशित करेंगे । पंचायती राज विभाग आवश्यकता पडने पर लोगो को इवेक्यूट कर एक जगह रखने के लिये भवन की सूची बनायेगा । पंचायती राज विभाग सभी पंचायतों में नाले-नालियों की सफाई करवाएगा । राजकीय महाविद्यालय महाविद्यालयों के प्राचार्य द्वारा एन.सी.सी. कैडेट्ो, एन.एस.एस., वाॅलेन्टियर्स को बाढ के दौरान जन साधारण को सहायता प्रदान करने हेतु प्रशिक्षित करेंगे इसी प्रकार जिला शिक्षा अधिकारी(माध्यमिक/प्राथमिक) अपने अधिनस्थ संस्था प्रधानों, एन.सी.सी. कैडेट्स, स्काउट्स-गाईड़ एवं एन.एस.एस वाॅलेन्टियर्स को बाढ के दौरान आने वाली आपदा के समय की जाने वाली सहायता/सहयोग सम्बन्धि प्रशिक्षण से प्रशिक्षित करे एवं उन्हें हर समय तैयार रहने हेतु निर्देशित करें एवं सूची भिजवाई जावें एव जिले पंचायती राज के अधीन आने वाले समस्त बांधों/तालाबों का मानसून पूर्व निरीक्षण करवाकर लिकेज/डेमेज पाये जाने की स्थिति में विभागीय बजट की उपलब्धता के अनुसार तत्काल मरम्मत करवाने तथा बाधों पर रेत से भरे कटे पर्याप्त मात्रा में तैयार रखने के निर्देश दिये गये ।
महाविद्यालय एवं सी.ओ. स्काउट को राजकीय महाविद्यालय के एन.सी.सी.कैडेटो/एन.एस.एस. वाॅलेन्टियर्स/स्काउट वाॅलेन्टियर्स को बाढ/अतिवृष्टि के दौरान जन साधारण को आपदा राहत सामग्री का वितरण तथा अपेक्षित सहयोग प्रदान करने हेतु निर्देश दिये गये । जिले में पांचों तहसील में स्काउट आपदा केन्द्र बने हुये हुये हैं जिसमें प्रशिक्षित सदस्य साजो सामान के साथ उपलब्ध हैं । जिसकी सूची मय उपकरणों के आपको भिजवा दी जायेगी ।
जिला पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक ने बताया कि पुलिस प्रशासन को आकस्मिक व्यवस्था को संभालने के लिये कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये प्रशासन को पूर्ण सहयोग प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित करेगें । पुलिस विभाग के वायरलेस सेटों को हमेशा ही कार्यशील रखा जावेगा तथा ंिसंचाई विभाग के वायर-लेस सेटों को भी कार्यशील रखने एवं आवश्यकता पडने पर पुलिस विभाग से सम्पर्क में रहने के निर्देश दिये गये । तैराकों की सूची तथा बाढ बचाव के लिए आवश्यक सामग्री की सूचना जिला कार्यालय को भिजवायेंगे । बाढ़/अतिवृष्टि/वर्षा की जानकारी वायरलेस सेट से जिला नियंत्रण कक्ष को उपलब्ध करवाने हेतु प्रत्येक थानाधिकारियों को पाबंद करेंगे । सेना, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल आबू, एन.सी.सी. एवं होमगार्ड़ के अधिकारी बाढ की स्थिति बनने की स्थिति को ध्यान में रखते हुये अपने संसाधनों सहित हर समय तैयार रहे ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवा ली जा सके ।उन्होंने बताया कि जिले का कन्टिजेन्सी प्लान अपडेट करने, जिले में एस.डी.आर.एफ. टीम को बुलाने एवं जिला प्रशासन स्तर से सेना, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल से सम्पर्क करने एवं सिविल डिफेस टीम को तैयार रखने हेतु आवश्यक सुझाव दिये गये ।
आगार प्रबन्धक,सिरोही/आबूरोड़ रोड़वेज वर्षा के दौरान नदियों में पानी का अत्याधिक बहाव होने की स्थिति में बसों को उसमें प्रवेश नही करने के लिए चालक/परिचालक को पाबंद करेगें तथा यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगें एवं अपने वर्कशाप को चालू रखने के निर्देश प्रदान किये गये ।
वर्तमान समय में टेलीकाॅम व्यवस्था की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुये टेलीफोन विभाग अभी से विभागीय उपकरणों के रख-रखाव की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे । टेलीफोन व्यवस्था के लिये आवश्यक सामग्री की जानकारी जिला कार्यालय तथा उपखण्ड़ अधिकारियों को देंगें ताकि आवश्यकता के समय उपयोग तत्काल किया जायेगा । तकनीकी स्टाॅफ को हमेशा तत्पर रहने हेतु पाबंद करेगें । जिन गांवों में मोबाइल नेटवर्क नही आता हैं उन गांवों की सूची सभी उपखण्ड अधिकारी बीएसएनएल के माध्यम से एकत्रित करेगें और वायरलेस सेट के माध्यम से सम्पर्क स्थापित करवाने का प्रयास करेंगे ।
बाढ़ एवं अतिवृष्टि के दौरान नागरिक सुरक्षा हेतु होमगार्ड़ की टीम को तैयार रखना, बाढ़ एवं अतिवृष्टि के दौरान पानी में से व्यक्तियों को निकालने हेतु होमगार्ड़ के तैराक व आवश्यक सामान एवं लाईफ जैकेट की व्यवस्था करना । साथ तैराक/गोताखोरोें की दुरभाष नम्बर सहित सूची शीघ्र उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये ।
जिला कलक्टर द्वारा आयुक्त नगर परिषद, सिरोही एवं अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका सिरोही/शिवगंज/पिण्डवाडा/आबूपर्वत को नगर पालिका क्षेत्रों में नालों/नालियों आदि की सफाई विशेष अभियान के रूप में 15 जून से पूर्व करवाना सुनिश्चित करेंगे ताकि वर्षा के दौरान नालों एवं नालियों में अवरोध उत्पन्न नही हो इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करेंगें । शहरी क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करंेंगे ताकि किसी प्रकार के संक्रामक रोग के उत्पन्न होने से बचाया जा सकें । शहरी क्षेत्रों में, निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के प्रभावित होने की स्थिति में रेन बसेरा में ठहराने, भोजन आदि की व्यवस्था जन सहयोग तथा नगर पालिका प्रशासन के स्तर पर सुनिश्चित करेंगे एव स्वायत्त शासन विभाग द्वारा नगरपालिकाओं को जारी दिशा निर्देश की अक्षरशः पालना सुनिश्चित करेंगे ।
जिला कलक्टर द्वारा समस्त उपखण्ड अधिकारियों/तहसीलदारो एवं विकास अधिकारियों को अत्यधिक वर्षा एवं बाढ की स्थिति के दौरान बचाव एवं राहत व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बाढ़/अतिवृष्टि के दौरान उपखण्ड़ अधिकारी तथा विकास अधिकारी/ तहसीलदार /अधिशासी अधिकारी,नगर पालिका अपने-अपने क्षेत्र की आपदाओं की पूर्ण जानकारी रखेंगे तथा आम जनता को पूर्ण सहयोग देना सुनिश्चित करेंगे । राहत संबंधी समस्त गतिविधियों के लिये जिम्मेदार होंगे । उपखण्ड अधिकारी, आबूपर्वत जिले में आपदा के समय नावों एवं नाविकों की आवश्यकता पडने पर उपलब्ध करवायेगें। कन्टीजेन्सी प्लान के अनुसार ही समस्त प्रकार की राहत गतिविधियों के लिये जिम्मेदार रहेंगे तथा अपने-अपने क्षेत्र के संबंधित विभागों से पूर्ण समन्वय स्थापित कर उनकी सेवाये लेना सुनिश्चित करेंगे । आपदा के दौरान वाहन आदि अधिग्रहण के लिये उपखण्ड़ अधिकारी अधिकृत रहेगें, लेकिन अधिग्रहण विशेष परिस्थितियों में जिला कलेक्टर की जानकारी में लाकर ही करेंगे । प्रभावित को राहत देने संबंधी जिला कार्यालय के पूर्व निर्देशानुसार तहसीलदार अपने-अपने क्षेत्र के प्रभावितों को रिपोर्ट तैयार कर अपनी स्पष्ट अनुशंषा सहित तत्काल जिला कार्यालय को भिजवायेगें । सभी उपखण्ड अधिकारियों को उपखण्ड स्तर पर आपदा प्रबन्धन एवं बाढ बचाव संबंधी तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये गये । उपखण्ड़ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र एन.एच. (राष्ट््रीय राजमार्ग प्राघिकरण ) के अधिकारियों के साथ हाईवें पर निर्मित पूलों के आस-पास अवरोध जल प्रवाह मार्ग का निरीक्षण करगें एवं खुलवायेगें । इसके साथ अपने-अपने क्षेत्र की आपदा प्रबन्धन योजना बनाकर शीघ्र जिला कार्यालय को उपलब्ध करवायेगें । तहसीलदारगण/विकास अधिकारी पटवारयिों एवं ग्राम सेवकों को अपने अपने मुख्यालय पर रहने हेतु पाबंद करेगें एवं अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण कर नदी/नालों/तालाबों के आस-पास अथवा अन्दर किये गये अतिक्रमणों को अविलम्ब ही हटवाकर पालना रिपोर्ट सात दिवस की समयावधि में ही प्रेषित करें । ग्राम स्तर पर नियुक्त पटवारी, ग्राम सेवक एवं ए.एन.एम. अध्यापक आदि कार्मिक को तारतम्या रखने हेतु पाबंद करेंगे तथा किसी भी तकनीकी अधिकारी/कर्मचारी, डाक्टर, चिकित्सा कार्मिकों को एवं गिरदावर, पटवारी तथा ग्राम सेवक को उपखण्ड़ अधिकारी की बिना पूर्व अनुमति अवकाश/मुख्यालय त्यागने की स्वीकृति नही देंगे । इस सम्बन्ध में अलग से आदेश प्रसारित किये जा रहे हैं जिसकी अक्षरशः पालना सुनिश्चित करें । उपखण्ड अधिकारी के स्तर पर प्राईवेट सामुदायिक भवनों, ठहराव, स्थलो, दानदाताओं, एन.जी.ओ. की सूची अभी से तैयार करवाई जाकर एक प्रति जिला कार्यालय को भिजवाई जावेगी जिससे आवश्यकता के दौरान इस सूची का उपयोग हो सकेगा । ग्राम पंचायत मुख्यालय स्तर पर नियुक्त कार्मिको को अपने पास आपदा के समय सहयोग करने वाले व्यक्तियों की सूची तैयार करने हेतु विकास अधिकारीगण उन्हें निर्देशित कर पाबन्द करें ताकि उनसे भी समय सहयोग लिया जा सके । साथ ही आवश्यकता अनुसार रस्से 3-3 बडी टार्च, तगारी, फावडो की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें । विकास अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र में स्थित तालाबों/बांधों को चैक करवायेगें व आवश्यकता अनुसार मरम्मत का कार्य नियमानुसार करवाने की कार्यवाही करेगें । तहसीलदारगण अपने-अपने क्षेत्र में विभिन्न विभागों द्वारा रखवाये गये रेत के कट्टो एवं खाली कटटों को पटवारी के माध्यम से चैक करवायेगें एवं तैराको की सूची तैयार करवायेगें । समाज सेवक/संस्थाओं/दानदाताओं की सूची तैयार की जावें ताकि आवश्यकता पडने पर उन्हें उपयोग में लिया जा सके ।
नगर पालिका द्वारा की गई सफाई का पर्यवेक्षण तहसीलदार स्वंय कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगे एवं अपने विभाग से संबंधित कार्यो की एक चैक-लिस्ट तैयार करवायेगें तथा उसमें प्रमाण-पत्र अंकित करेगे कि चैक लिस्ट में दी गई जानकारी सही है ।
बैठक मे मुख्य कार्यकारी अधिकारी भागीरथ विश्नोई, उपखंड अधिकारी हंसमुख कुमार, जलदाय, जल संसाधन , विद्युत एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता, जिला परिवहन अधिकारी समेत ब्लाॅक से जुडे अधिकारी मौजूद थे