राजकीय राणा पूंजा जनजाति आश्रम छात्रावास सियावा का औचक निरीक्षण जिला कलेक्टर के आदेशानुसार किया गया।
खास खबरBy Sirohiwale
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
छात्रावास में कई कमियां को उजागर
रिपोर्ट हरिश दवे
संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग के डॉ ओ पी कोली द्वारा औचक निरीक्षण सियावा का करने पर जनजाति आश्रम छात्रावास में कई कमियां पाई गई खिड़की दरवाजे पर गेट नहीं थे तो पानी के अभाव में छात्रावास बेहाल है व छात्रावास में छात्रावास प्रबंधक की अटेंडेंस रजिस्टर में साइन की हुई थी।एवं निरीक्षण के द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा एप्लीकेशन भी बताई गई अब जनजाति छात्रावास की बदहाली का असर आदिम छात्रों को भुगतना पड़ता है।
सिंयावा गांव गुजरात की बॉर्डर पर आया हुआ है यहां पर लोगों को किस प्रकार से छात्रावास में सुविधा मिल सके राजस्थान सरकार प्रयत्न कर रही है लेकिन वार्डन द्वारा इस प्रकार का तथ्य सामने आ रहा है जिसे कहीं ना कहीं छात्रावास की दुर्गत पर सवाल उठना लाजिमी है।
बंद पड़ी है मशीन ने छात्रावास में आरो प्लांट है लेकिन दोनों खराब सोलर प्लांट है गरम पानी के लिए लेकिन व्यवस्था नहीं पानी के अभाव में सोलर प्लांट पड़े हैं बंद सवाल यह उठता है गरीबों का निवाला कौन छीन रहा है
जिस प्रकार जिला कलेक्टर द्वारा अधिकारियों को निरीक्षण पर भेजा जाता है कमियां पाई जाती है पर खानापूर्ति करके रिपोर्ट खत्म कर दी जाती है डॉक्टर ओपी कोली द्वारा पूर्व में जौलपुर रेवदर का निरीक्षण किया गया था उसमें सभी कार्यालय 9:34 पर बंद पाया गया था और आज यह निरीक्षण करने पर भी इतनी खामियां बाहर आई है तो कहीं ना कहीं अधिकारियों पर भी सवाल होते हैं कि निरीक्षण किस प्रकार किए जाते हैं आज डा ओ पी कोली द्वारा जिस प्रकार निरीक्षण किया जा रहा है और निरीक्षण में सत्य रिपोर्ट प्रस्तुत की जा रही है तो कहीं ना कहीं सवाल तो उठते हैं
मुख्यमंत्री द्वारा विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है अनुसूचित जनजाति क्षेत्र को
कि क्या दूसरे खानापूर्ति करके आते हैं जब भी कहीं भी निरीक्षण किया जाए तो रिपोर्ट सत्य सामने आनी चाहिए जिससे कुछ भला हो सके और गरीब जनता हो या मजदूरों उनका हक मिल सके जब सरकार पीछे नहीं है तो फिर यह कहां जाता है बजट और वह भी अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के अंदर तो आजकल मुख्यमंत्री द्वारा विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है लेकिन इसके उपरांत भी सुविधा का अभाव क्यों है यह एक सवाल मंडरा रहा है।
जिला कलेक्टर इसी प्रकार करवाएं मॉनिटरिंग
औचक निरीक्षण की रिपोर्ट चिकित्सालय हो या स्वास्थ्य केंद्र हो या उचित मूल्य की दुकान हर का निरीक्षण करने पर ज्ञात होता है कि किस प्रकार गांव में सुविधा मिल रही है अगर जिला कलेक्टर यह मोनिटरिंग सही ढंग से और चालू कर दे तो जिला कहीं आगे बढ़ सकता है ग्रामीणों किसान वर्ग और पशुपालकों को इसका लाभ मिल सके