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भीषण सड़क हादसे में दो जवानों की मौत से छाया मातम,जिला प्रशाषन व कर्मचारी महासंघ ने दी अश्रुविरल नेत्रों से श्रद्धांजलि

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही जिला कलेक्ट्रेट में कार्यरत छीबागांव निवासी लिपिक राजेंद्रसिंह व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी श्रवण कुमार की भीषण सड़क हादसे में आम्बेश्वर फोरलेन पर गुरुवार को बेकाबू ट्रेलर की टक्कर स्व दर्दनाक मौत हो गई । दोनों ड्यूटी से घर लौट रहे थे । श्रवणकुमार की मौत घटना स्थल आम्बेश्वर तिराया हाइवे के समीप हुई   जबकी राजेन्द्रसिंह को उपचार हेतु गुजरात ले जाते वक्त रास्ते में दम तोडा। खबर फैलते ही सिरोही जिले के कोने कोने में जिला अधिकारियों, कर्मचारियों व परिजनों में मातम फैल गया। मृतक राजेन्द्रसिंह छिबागांव के अमर शहीद भंवरसिंह राठौड़ के पुत्र थे ।दोनों युवा कर्मचारियों के असामयिक दुर्घटना मृत्यु पर आज जिला कलेक्ट्रेट परिसर में जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल,एडीएम रिछपालसिंह बुरड़क एवम दर्जनों प्रशाशनिक अधिकारी,कर्मचारियों एवम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सहमंत्री राव गोपालसिंह पोसालिया , जिला अध्यक्ष दशरथसिंह भाटी, छीबागांव पीईईओ हनवंतसिंह महेचा, जगपालसिंह राठौड़, सरप्रतापसिंह, जब्बरसिंह चौहान, नरेन्द्रसिंह चौहान, राव भंवरसिंह, लालसिंह नाथावत, राव छत्तरसिंह, राव महेन्द्रपालसिंह, ईश्वरसिंह सरकार, ललित त्रिवेदी, मांगीलाल गर्ग, दिनेश कुमार रावल, भरत कुमार रावल सहित सैकड़ों अधिकारी कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि दी।

उल्लेखनीय है कि आज तक इस रोड पर अनेक अन गिनत जाने गयीं हैं। सिरोही जिला मुख्यालय पर न्यूरोसर्जन चिकित्सक नही है ना सिरोही मे आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने न्यूरोसर्जन चिकित्सक लगाने की सुध नहीं ली जबकि सिरोही जिले ओर इस रोड पे सर्वाधिक हादसे होते है। सब घायल मरीजो को गुजरात रेफर किया जाता हैं लंबा रास्ता होने के कारण मरीज रास्ते मे ही दर्दनाक मोत हो जाती है।

अगर सिरोही, मे न्यूरोसर्जन की सुविधा होती तो कितनो कि जानें बचती !

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