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कोरोना महामारी के खिलाफ लड रहे कोरोना वॉरियर्स जंग के असली यौद्धा- गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

शिवगंज :-राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविन्दसिंह डोटासरा, चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा एवं मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को पत्र भेजकर वैश्विक कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड रहे कोरोना वॉरियर्स यौद्धाओं की हौसला अफजाई एवं देश-विदेश में राजस्थान के रोल मॉडल बनने पर धन्यवाद ज्ञापित किया हैं।

संघ प्रगतिशील के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि विश्व में प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध बन्दूक-तौपो एवं परमाणु बमों से लडे गये थे। लेकिन वर्तमान में विश्व के लगभग 75 फिसदी देश कोरोना महामारी से झुझ रहे हैं तथा विश्व में लगभग सवा लाख लोगो की मौत हो चुकी हैं एवं 25 लाख से अधिक लोग महामारी की चपेट में हैं। दुसरे शब्दों में इस महामारी को तृतीय विश्य युद्ध कहे तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। और यह तृतीय विश्य युद्ध चिकित्सा एवं पुलिस विभाग के साथ-साथ अन्य विभिन्न सरकारी कर्मचारियों-प्रशासनिक अधिकारियों (सफाई कर्मचारियो, आंगनवाडी कार्यकर्ता, पंचायत कर्मचारी एवं शिक्षक वर्ग) के द्वारा अपने एवं अपने परिवारों की चिन्ता किये बगैर जी-जान से लडा जा रहा हैं। हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इस कोरोना महामारी से जनता को बचाने में लगे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को कोरोना यौद्धा का नाम देकर इस महामारी से जनता को बचाने में लगे कर्मचारियों को इस महामारी से लडने में इनके हौसले को बढाया हैं तथा राज्य के जननायक एवं मुख्यमंत्री ने भी कोरोना महामारी से जनता को बचाने में लगे चिकित्सा विभाग, पुलिस विभाग, सफाईकर्मी, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं शिक्षक वर्ग को महामारी में ड्युटी के दौरान मृत्यु होने पर 50 लाख की सहायता करने की घोषणा से कर्मचारियों के उत्साह में भारी वृद्धि हुई हैं। इसी के साथ राज्य सरकार ने इस महामारी के समय विभिन्न कार्यो जैसे सर्वे, होम आइसोलेशन, खाद्य सामग्री वितरण, कोरोन्टाइन सेन्टर आदि में ड्युटी में लगे शिक्षकों की सेवा को महत्वपूर्ण मानकर तथा शिक्षकों को भी कोरोना यौद्धा मानकर शिक्षकों की ड्युटी के दौरान मृत्यु होने पर शिक्षकों के लिए 50 लाख रू की सहायता की घोषणा की हैं। वैसे सर्वविदित हैं कि शिक्षक वर्ग सरकार के विभिन्न कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भुमिका निभाता हैं। इस महामारी के समय भी विभिन्न कार्यो में लगे सरकारी कर्मचारियों में से लगभग 50 प्रतिशत करीब पौने दो लाख संख्या शिक्षकों की हैं। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि शिक्षकों की बडी फोज के बिना सरकार रूपी गाडी चल ही सकती यानि शिक्षक सरकार रूपी गाडी का एक पहिया है।

वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष गहलोत ने इस महामारी के समय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में लडने के लिए जो प्रयत्न और कार्य किये जा रहे हैं उन कार्यो एवं प्रयत्नों की देश के साथ-साथ विदेशों में भी बहुत प्रसन्शा हो रही हैं। तथा देश विदेश में भी राजस्थान सरकार द्वारा इस महामारी के खिलाफ किये गये उपायों को उपनाया जा रहा हैं। जैसे विश्व में सर्व प्रथम जयपुर के एसएमएस के डॉक्टरों द्वारा कोरोना मरिजों को ठीक करने हेतु प्रयुक्त दवा और कोरोना के संक्रमण को नियन्त्रित करने हेतु भीलवाडा मॉडल को देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपनाया जा रहा हैं। लॉक डाउन के दौरान शिक्षकों को मुख्यालय से बाहर को मुख्यालय पर नही लौटने एवं गृह जिले में ही रहने के आदेश के साथ कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे विभिन्न कल्याणकारी घोषणा की बहुत प्रसन्शा की है। संगठन की मांग एवं सुझाव पर सरकार द्वारा शिक्षकों को भी कोरोना यौद्धा मानकर शिक्षकों के कल्याण के लिए की घोषणाओं पर सरकार के कार्या को सराहनीय बताया हैं।

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