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जिला कलेक्टर पहुचे अर्बुदा गोशाला, हरे घास को तरसता गोवंश

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

अर्बुदा गोशाला के प्रबंधन की वास्तविकता को जाने हालात सुधारने के दिये आदेश जिला कलेक्टर

रिपोर्ट हरीश दवे

तो अर्बुदा गोशाला बन सकती तीर्थस्थली:

सिरोही की ऐतिहासिक अर्बुदा गोशाला ओर डेरी फार्म्स पूर्णतया सरकारी सरंक्षण व प्रबन्धन के अभाव में जबरदस्त बदहाली का शिकार है।फील वक्त यहाँ करीब साढ़े सात सौ के करीब गोवंश पल रहा है।जिसमे नन्दी,नव जात बछड़े,ओर दुधारू गाय विभिन्न संमय में अलग अलग बने बाड़ो में रहती है।और जिला कलेक्टर की अध्यक्षता ओर तहसीलदार के सचिव दायित्व में एक संचालन कमिटी बनी है जो निजी पशुपालक ओर प्रबंधक के प्रबन्धन में विविध गाइड लाइन से संचालित होती है।और मीडिया में जब चारे की कमी की बात उछलती है तो दानदाता भामाशाह सूखा चारा, गुड,दलिया देते रहते है।और नगर परिषद प्रशासन भी गत भाजपा बोर्ड के समय से गोवंश के लिए नगर में हरे घास ओर रोटी के लिए टेम्पो भी घूमता है

सोशल मीडिया हुआ बड़ा भामाशाह

अर्बुदा गौशाला की भी बात की जाए तो यहां पर कुछ लोग आकर चार पांच फोटो खिंचवाने के बाद गौशाला में दिखते नहीं और गौशाला के नाम पर ढिंढोरा तो बहुत पीटा जाता है लेकिन गौ सेवा होती नहीं है जब गोसेवा अगर मन से कर सकते हो तो उसको बताने की जरूरत भी नहीं होती लेकिन आजकल सोशल मीडिया बहुत हावी हो गया है

गौशाला में सेवा के नाम पर सरकारी कर्मचारी

वही देखा जाए तो सिरोही तहसीलदार द्वारा इस गौशाला को अच्छा बनाने के लिए कार्य तो किए जा रहे हैं जिस प्रकार पैसा है उस प्रकार कार्य भी हो रहा है यहां पर गोवंश की सेवा में पशुपालक परिवार के जोड़े काम करते है। यहां पर किसी भामाशाह द्वारा न तो कर्मचारी लगाए गए न निजी डॉक्टर कम्पाउंडर की सुविधा की गई।न गोशाला प्रबन्धन की कोई उचित नीति अमल में आई।

चिकित्सा व्यवस्था है अच्छी

वही देखा जाए तो चिकित्सा व्यवस्था को अच्छा बनाने के लिए लंबे समय से रिक्त पदों की विधायक संयम लोढ़ा द्वारा भर्ती करवा दी गई आज उसी का प्रतिफल है कि आज सिरोही जिले में चिकित्सा व्यवस्था अच्छी हुई है अगर पूर्व में भी ध्यान दिया होता तो व्यवस्था बिगड़ती नहीं आज विधायक द्वारा सिरोही शिवगंज विधानसभा में सभी संस्थाओं को भर दिया गया है जिससे चिकित्सा व्यवस्था की बात की जाए तो यहां पर चिकित्सा व्यवस्था में जभी भी कोई पशु या बीमार हो तो उसकी सूचना पर तुरंत पशुपालन विभाग के कर्मचारी आकर उनका इलाज कर देते है लेकिन इलाज से ज्यादा गोवंश को सेवा सुश्रुषा की दरकार है। पूर्व में भजन मंडली ने तो भजन और संगीत कार्यक्रम में चंदा अभियान चलाया पर गोवंश के बदतर हालात नही सुधरे।लेकिन अभी भी गौशाला संगीत में हो गई है सेवा के नाम पर खाली ढिंढोरा पीटा जा रहा है

हरे चारे का है अभाव

अर्बुदा गोशाला में मिलने वाला अदना हरा चारा गोवंश के मुंह मे जीरे के समान है लेकिन कानजी हाउस उजाड़ चुकी सिरोही नगर परिषद अर्बुदा गॉशाला के नाम पे श्रृंखलाहर माह भारी राशि अवश्य व्यय करती है।। अगर यही राशि हरे चारे के लिए उपलब्ध कर दी जाए जिससे नगर परिषद जो घर-घर घूमकर भोजन या खाद सामग्री इकट्ठा करती है जो नगर परिषद का डीजल से तो हरा चारा ही मिल जाए तो अच्छा हैअर्बुदा गोशाला करीब पौने पाँच हजार बीघा भूमि के स्वामित्व वाली एक समृद्ध और उन्नति शाली गोशाला बन सकती है जिसका डेरी उधोग अनेक जनो के लिए रोजगार के अवसर खोल सकता है।

अर्बुदा गौशाला पहुंचे कलेक्टर

आज सोसल मीडिया में अर्बुदा गॉशाला में एक बछड़े के बीमार होने का मैसेज वायरल होने के बाद जिला कलेक्टर सिरोही वहाँ पहुचे ओर गोशाला का अवलोकन किया।अर्बुदा गोशाला में जब तक सक्षम प्रबन्धन नही होगा।और जिला प्रशासन दूरगामी योजना नही बनाएगा तो गोशाला की भूमि पे अतिक्रमण बढ़ते रहेंगे जिसकी मंशा अर्बुदा गौशाला ओर डेरी बनाने वालों की थी।

अतिक्रमण की भेट चढ़ी अर्बुदा गौशाला

अर्बुदा गोशाला का गोचर अतिक्रमणो का शिकार है,पूर्व तहसीलदार द्वारा अतिक्रमण चिन्हित किए हुए हैं लेकिन आज तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई यह भी एक प्रश्न उठता है क्यों नहीं होती है कार्रवाई जब यह जमीन गौशाला की है

जिसे रोकने में न तो जिला प्रशासन न अर्बुदा गोशाला के संचालन प्रबन्ध न को सुध है। आज अर्बुदा गोशाला की गाय जो सिरोही नगर परिषद द्वारा पशुपालकों द्वारा चारे के अभाब में छोड़े गए गोवंश ओर विभिन्न गोशालाओं के छोड़े नन्दियो को पकड़ कर अर्बुदा गोशाला में रखा गया है। अधिकांश गोवंश नगर में पॉलीथिन बेग खाया हुआ है और नगर में भटकने के दौरान गोवंश को हरा चारा रोटियां फल फ्रूट ओर होटलों ओर ठेले खोमचों पर फेंकी हुई खाद्य सामग्री मिलती थी पूर्व में यहां पर प्रशासन द्वारा पाबंदी लगाई गई थी कि कई भी गोवंश को छोड़ा नहीं जाए अगर छोड़ा गया है और उसको नगर परिषद पकड़ लेती है तो उसके ऊपर एसडीएम द्वारा जुर्माना लगाया जाता था वह भी अब बंद हो गया है

रास्ते पर बेचते वाली घास को लगे पाबंदी

सिरोही नगर परिषद में पूर्व के बोर्डो ने प्रस्ताव लेकर नगर में घास बेचने पर पाबंदी लगाई लेकिन उस पे अमल नही हुआ जिसका परिणाम यह रहा कि भटकने वाली पशुपालकों द्वारा छोड़े गोवंश को तो नगर परिषद में खाने को हरा चारा मिलता है और सड़क जाम होने पर गोमाता लाठी प्रहार भी सहती है।

अर्बुदा गॉशाला के बाहर ही बैठ जाये

तो कम से कम गोवंश को हरा चारा तो वहां मिल सके कियु की नगर का कोई ऐसा घर नही जिसमे गो ग्रास नही निकलता हो।

हिन्दू वेव के जिला संयोजक ने

जिला कलेक्टर ओर क्षेत्रीय विधायक संयम लोढा से मांग करते हुए अर्बुदा गॉशाला से अवैध अतिक्रमण, करवाई की जाए और 500 बीघा भूमि पर भी घास उगाई जाए और सक्षम प्रबन्धन में गॉशाला योजनाबद्ध तरीके से संचालित हो तो अर्बुदा गॉशाला ओर डेरी फार्म्स एक तीर्थ ओर सेकड़ो जनो के रोजगार का केंद्र बन सकती है।आज भी साढ़े सातसौ गोवंश में दुधारू गायो से दूध तो निकलता होगा और गोवंश का रिकॉर्ड भी संधारित होता होगा।जिस प्रकार की अर्बुदा गोशाला चल रही है।

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