कोरोनावायरस

कोरोना की रोकथाम में लगे शिक्षकों जीवन एवं सेवा की सुरक्षा की जाये - गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

शिवगंज : राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा एवं मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता को ज्ञापन भेजकर ’’कोरोना वैश्विक महामारी’’ की रोकथाम के मध्यनजर शिक्षकों की ड्युटी एवं जीवन-सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करवाने की मांग की हैं।
वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने ज्ञापन में बताया हैं कि कोरोना वैश्विक महामारी को राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय आपदा घोषित किया हैं। राज्य सरकार के साथ सभी जन सहयोगार्थ इस आपदा से निपटने व रोकथाम के लिए राज्यभर में युद्ध स्तर पर कार्य करने की ओर राज्य अग्रसर हैं।

प्रत्येक शिक्षक व कर्मचारी वर्ग ने पांच-तीन-दो-एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोविड-19 राहत कोष में जमा करवाकर तन-मन-धन से हर सम्भव सहयोग देने में तत्परता दिखाई हैं। राज्य सरकार द्वारा 14 विभागों को आपात सेवा में शामिल किया हैं जिसमें शिक्षा विभाग सम्मिलित नहीं होने के बावजूद भी राष्ट्रीय आपदा में शिक्षक सेवा देने के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं शिक्षकों की विभिन्न समसस्याओं अधिकांश शिक्षकों की ड्युटी चैक पोस्ट, होम आईसोलेशन, विदेश या दुसरे राज्यों से आये लोगों के लिए डोर-टु-डोर सर्वे में लगाये गयी

ड्युटी में जिला प्रशासन शिक्षकों के जीवन की सुरक्षा के प्रति कतई गम्भीर नहीं होने से बिना मेडिकल कीट, सेनेटाईजर, मास्क व हेण्ड ग्लब्स एवं प्रशिक्षण के बिना फिल्ड में भेजने से शिक्षको में खतरे का भय एवं खोफ उत्पन्न हो गया हैं जिसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिलवाकर अविलम्ब जीवन की सुरक्षा के सभी उपकरण उपलब्ध कराने, राज्य में 14 अप्रेल 2020 तक लॉक डाउन रहता है तो राजकीय विद्यालयों में पोषाहार का गेहु, चावल, दाल, तेल, मशाले इत्यादि खराब व सडने की पुरी सम्भावना के मध्य नजर उसका उपयोग लिया लाये अथवा बच्चों के अभिभावको को वितरित करवाकर करोडो के अनाज को खराब होने से बचाने, जिले से बाहर पारिवारिक जिम्मेदारियों व पारिवारिक कारणों से अपने-अपने गृह जिलो में 21 मार्च 2020 को पहुंच गये इसके बाद राज्य में लॉक डाउन एवं 22 मार्च को जनता कफ्यु के बाद निजी व सरकारी वाहनों के आगमन पर रोक के चलते शिक्षक वापस मुख्यालय पर नहीं पहुंच पाये। अब जिला प्रशासन द्वारा शिक्षकों की ड्युटी लगाई जा रही हैं एवं मुख्यालय पर अनुपस्थित शिक्षकों की सुचना मांग कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की तैयारी में हैं। राज्य सरकार प्रत्येक जिलो में मूल निवास स्थान से जहां पर पदस्थापित हैं वहां पहुंचाने की व्यवस्था करवावे अथवा गृह जिले में आवागमन के अभाव में फसे हुए शिक्षकों की सेवा उनके गृह निवास के नजदीक के उच्च माध्यमिक विद्यालयों अथवा सीबीईओ कार्यालयों में पुलिस कर्मियों की तर्ज पर उपस्थिति सुनिश्चित करवाकर उनसे सेवा लेकर उनकी सेवा सुरक्षा के प्रति उत्पन्न भय पर विराम लगाने, सर्वे, आईसोलेशन, चैक पोस्ट पर ड्युटी देने वाले शिक्षकों एवं कर्मचारियों का स्वास्थ्य कर्मियों एवं सफाई कर्मियों की तर्ज पर बीमा करवाने, सिरोही, जालोर, नागोर, राजसमन्द सहित विभिन्न जिलो के जिला प्रशासन द्वारा शिक्षकों के निलम्बन-नोटिस देकर मात्र शिक्षको को परेशान करने की प्रवृति पर विराम लगाकर शिक्षकों के एकमुश्त निलम्बन अपास्त करने, होम-आईसोलेशन वार्ड में शिक्षकों के साथ मेडिकल स्टाफ की ड्युटी लगाने, 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के शिक्षकों एवं कर्मचारियों की ड्युटी में शिथिलन प्रदान करने, शिक्षकों की ड्युटी के दौरान संक्रमित होकर मृत्यु हो जाने पर 50 लाख का अतिरिक्त क्लैम देने की राज्य सरकार से मांग की।

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