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सफाई कर्मचारियों की अवस्था से हुए प्रेरित स्कूल प्रोजेक्ट को बनाया स्वच्छता अभियान की नींव।

सिरोही, राजस्थान के दो युवा भाइयों दिप्तांशु मालवीय और मुकुल मालवीय ने एक मोटराइज्ड उपकरण विकसित किया है, जो रैपर, कागज, पाउच इत्यादि के टुकड़े टुकड़े करता है और उन्हें एक भंडारण बिन में इकट्ठा करता है।

स्नैकिंग एक ऐसी चीज है, जिसे हममें से ज्यादातर लोग पसंद करते हैं। वेफर्स, चॉकलेट्स, बिस्कुट्स, फ्रूट केक, पानी के पाउच आदि का सेवन किया जाता है और उनके रैपर इधर-उधर फेंक दिए जाते हैं। इन्हें बाद में मैन्युअल रूप से उठाया जाना चाहिए, जो श्रमसाध्य और समय लेने वाला है। वर्तमान में इस कार्य को स्वचालित रूप से करने के लिए बाजार में कोई मशीन उपलब्ध नहीं है।

मुकुल और दिपांशु ने ऐसे उपकरण के बारे में सोचा, जब उन्होंने एक स्वीपर को एक बस स्टेशन पर कूड़े के पाउच, कागज के टुकड़े और खाली वेफर पैकेट उठाते देखा। उन्होंने महसूस किया कि इस तरह के टुकड़ों को लेने के लिए हर बार झुकना उनके लिए कितना मुश्किल होता है और इस डिवाइस के साथ आया है।

मशीन बहुत सरल है, संचालित करने और बनाए रखने में आसान है और स्वच्छता कर्मचारियों के लिए बहुत उपयोगी है। इसमें नगर पालिकाओं, टाउन एरिया समितियों आदि द्वारा प्रसार की काफी संभावनाएं हैं और यह “स्वच्छ भारत अभियान” के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए गोद लेने के लिए एक आदर्श तकनीक है। NIF ने डिजाइनरों की मदद से उसी का एक बेहतर मॉडल विकसित किया।

दिपांशु मालवीय और मुकुल मालवीय को 9 वें राष्ट्रीय ग्रासरूट इनोवेशन अवार्ड्स के दौरान उनके "रैपर पिकर" के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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