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त्रिनिटी काॅलेज प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही की मांग त्रिनिटी बीएड काॅलेज टीएसपी एरिया में एक आदिवासी छात्रा ने की खुदकुशी

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सिरोही द्वारा बी.एड. काॅलेजो अवैध वसुली को लेकर एस.एफ.डी. प्रान्त सहयोजक के नैतृत्व में श्री सुरेन्द्रंिसह राठौड के नैतृत्व में अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री रीछपालसिंह को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया।

अभाविप के पदाधिकारियों ने एडीएम सिरोही को राज्यपाल के नाम सौपे ज्ञापन में बताया कि प्रदेश के कई काॅलेजो में लगातार छात्र-छात्राओं से अवैध रूप से हजारो रूपये लिये जाते है। जब भी कोई छात्र-छात्रा उसके खिलाफ आवाज उठाता है तो काॅलेज प्रशासन उस छात्र-छात्रा को डरा-धमकाकर उपस्थिति कम कर देता है, तथा प्रेक्टिकल में फेल करने की धमकी ऐसे कई मामले सामने आ रहे है। पूर्व में भी प्रदेशभर में कई विषय सामने आये है, आपको एवं शिक्षामंत्री एवं मुख्यमंत्री को विद्यार्थी परिषद जागरूक छात्र संगठन होने के नाते सूचना देता रहा परन्तु इस सन्दर्भ में आप द्वारा राज्य का मुखिया होने के नाते ऐसे विषय की रोकथाम के लिये सरकारी स्तर पर कोई कदम नही उठाया जाता है, जिससे शिक्षाकर्मियो के हौसले बुलन्द होते है। कई न कई सरकारी स्तर पर इन संरक्षण प्राप्त है। हाल ही में सिरोही जिले के त्रिनिटी टिचर काॅलेज सिरोही रोड में एक गरासिया जाति की छात्रा को इनता मानसिक रूप से परेशान किया गया कि काॅलेज प्रशासन की प्रताडना से तंग आकर आत्म हत्या कर ली। एबीपीवी ने ज्ञापन में मांग करते हुए कहां कि त्रिनिटी टीचर काॅलेज की तुरन्त प्रभाव से मान्यता रद्द की जाये व भारतीय दण्डसंहिता की धारा 306 एवं 107 के तहत काॅलेज प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाये और दोषियो के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये। जिससे अन्य काॅलेजो की घटना में भी रोक लग सके। सरकार एक नियम आयोग बनाये, ताकि इस प्रकार की अवैध वसुली रोकी जाये एवं इस पिडित परिवार को मुआवजा तथा सरकारी नौकरी देने के अलावा इसका छात्रा का टी.एस.पी. क्षैत्र में सम्मिलित है। अतः टी.एस.पी. अधिनियम को ध्यान में रखते हुये काॅलेज प्रशासन के खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाये।

ज्ञापन देते हुऐ जिला सहयोजक शक्तिपालसिंह काबावत, जिला सहसहयोजक दशरथ सुबेन्सा, नगर अध्यक्ष जसमितसिंह सिंदल, नगरमंत्री कल्पेश दास, नगर सह मंत्री गिरिश सोलंकी, नरेश माली व प्रशांत प्रजापत आदि दर्जनो कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी।

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