राजस्थानी जीवदया के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं, एम एस बिट्टा
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही। आल इण्डिया ऐन्टी टेरेरिस्ट फोर्सजीव मैत्रीधाम पहुंचे। मुख्य द्वार पर ट्रस्ट की ओर से मेनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन व प्रबंधक सुरेन्द्र जैन ने उनकी अगवानी कर स्वागत किया। वे वहां से सीधे गौशाला पहुंचे और गौशाला को देखा व गौशाला संचालन के बारे मे पुरी जानकरी लेने के बाद उन्होने गौमाता को गुड, पोष्टिक लडडु खिलाये ओर छोटे बछडो को बोतल से दुध पिलाने का आनंद लिया। उन्होने कामधेनु व नन्दी की पूजा की ओर पशुओ को खिलाये जाने वाले हरे चारे, सुखा घास, पीने के पानी व आहार की जानकारी ली। मेनेजिंग ट्रस्टी महावीर जैन ने बताया कि 100 गायो को रखने की भावना से के पी संघवी परिवार ने यह गौशाला खोली जिसमे 8 हजार से अधिक पशुओ का लालन पालन का लाभ मिला ओर अब 5036 पशु आज इस गौशाला मे पल रहे हैं। जेड प्लस की सिक्यरिटी मे आये बिट्टा ने कामधेनु गौमाता के नीचे निकल कर उसके कान मे गौमाता से देश मे अमन चेन की कामना की। बिट्टा ने के पी संघवी आर्ट गेलेरी मे लगे पेटिंगों को बारिकी से देखा ओर उसे अदभुत कला बताया। उन्होने पावापुरी तीर्थ-जीव मैत्रीधाम पर बनी एक डाकुमेन्टरी फिल्म को भी देखा। शाम को शंखेश्वर पार्श्वनाथ जिनालय मे दर्शन वंदन करने के बाद आरती का लाभ लिया ओर भक्ति कार्यक्रम मे बैठकर भक्ति का आनंद लिया।
पावापुरी तीर्थ संस्थापक के पी संघवी परिवार के नितिन भाई संघवी ने बिट्टा का साफा-माला-शाल ओढाकर अभिनंदर कर गौमाता का स्मृति चिन्ह भेंट किया। नितिन संघवी के साथ हुई बातचीत मे बिट्टा ने कहा कि राजस्थानी जीवदया के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं।राजस्थान व गुजरात मे जीवदया का अदभुत कार्य होता है ओर पावापुरी मे के पी संघवी परिवार की समर्पणता व उदारता से यह एक ऐसा जीवदया व परमात्मा का धाम बन गया हैं जहां आने के लिए हर किसी का बार-बार मन होता हैं। यहा आने से शांति की विशेष अनुभूति होती है। बिट्टा ने पावापुरी तीर्थ मे यात्रियो के साथ खुले मन से फोटो भी खिंचवा कर उनका अभिनंदन स्वीकार किया। रात्रि विश्राम के बाद कल सवेरे वे अजारी मे मां सरस्वती के दर्शन कर बामणवाडा तीर्थ मे दर्शन करेंगे। बुधवार को वे राणकपुर तीर्थ होते हुए जोधपुर पहुंचेगें।