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विधायक के प्रयास के बावजूद भी प्रशासन है बेखबर जिला अस्पताल का है बेहाल कौन है इसका जिम्मेदार

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्टर हरीश दवे

राजकीय चिकित्सालय के हाल बेहाल, घर बैठे डॉक्टर कर रहे इलाज मरीजो की लगी कतार, कोंन सुने मरीजो की पुकार।

सिरोही के प्रमुख राजकीय चिकित्सालय सिरोही, ट्रॉमा सेंटर, ओर जनाना अस्पताल की बदहाल चिकित्सा व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ

तो कमकपाती सर्दी में मौसमी बीमारियों से मरीजो,विविध व्याधियो से ग्रसित मरीजो,शिशु ओर महिलाओ की जान सांसत में आगई हो भले विधायक सन्यम लोढा राजकीय चिकित्सालय मे स्टाफ़ बढ़ाने और शायिका बिस्तर 200 लगाने की ओर अन्य सुविधाएं बढ़ाने की।मांग गत दिनों चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से कर चुके है।और उनके प्रयासों से अभी करीब 33 डॉक्टर सिरोहो चिकित्सालय में अपनी सेवाएं दे रहे हो लेकिन जहाँ मरीजो कि कतार लगी है

वही आज 11 डॉक्टर अनुपस्थित है।अस्पताल में एक्सरे डिजिटल मशीन एक माह से काम नही कर रही,निशुल्क दवाई काउंटर कभी कभार ही खुलते है।सोनाग्राफी की रिपोर्ट में महिलाओ को जांच आज करवानी हो संमय तीन दिन बाद किया जाता है।

मरिज को पर्ची में डॉक्टर से जांच करवाने में जहाँ लंबी कतार लगी है।वही आनन फानन में जांच कर निबटा दिया जाता है और दवाई लिखने से पहले मरीज का ब्लड प्रेशर नही मापा जाता और उसे अन्य कतार लगा बीपी जांच करवा दुबारा लाइन लगानी पड़ती है।डॉक्टर अंकेश कलबी ने आज दवाई लिखने से पूर्व यही किया एक मरीज जब अपनी पिछला केस रिपार्ट कार्ड ले के इन डॉक्टर महाशय से बीपी जांच की बात कही तो उन्होंने कहा कि पहले बाहर जा के बीपी जांच कराओ।बाहर बीपी काउंटर पे भेजा तो उसने बीस नम्बर में जांच कराने को कहा।वहाँ पर पूछा तो उसने कहा कि आप वहीं जाओ।और मरिज को फुटबॉल बना दिया

।वहां निरीक्षण को आये डिप्टी डायरेक्टर डॉ सुशील परमार से इस बाबत पूछा तो कार्यवाह पीएमओ दिनेश राठौड़ ने कहा की पीएमओ साहेब की पत्नी गुजर गई है।इसलिए काउंटर की व्यवस्था कि है।ट्रॉमा सेंटर ओर जनाना अस्पताल में भी अनेक डॉक्टर नदारद ओर मरीज नदारद दिखे सर्वाधिक परेशानी महिला दर्दियो को उठानी पड़ रही है।

जिन्हे सोनाग्राफी के लिए आज पर्ची बनाई लेकिन उसकि जांच का समय शुक्रवार ओर सोमवार को मिला अपने परिजन की सोनाग्राफी जांच कराने आयी पार्षद मणि माली को भी यहीं उत्तर और तारीख मिली तब उन्होंने विधायक सन्यम लोढा से बात कहीं तो उन्होंने कहा में बात करता हु।छात्रा कला माली ओर अनेक मरीज विविध व्याधियो के डॉक्टरों के कक्ष बाहर कतार लगा के खड़े दिखे लेकिन डॉक्टरों की कुर्सियां 12 बजे तक नही भरी।ओर मजबूरी में मरीजों को सरकारी डॉक्टरों के निवास ओर ओर उनके निजी क्लिनिक ओर प्राइवेट नर्सिंग होम ओर लेबोरेटरी में इलाज ओर जांच कराने के लिए जा कर आर्थिक लूट खसोट का सामना करना पड़ रहा।। राजकीय चिकित्सालय की बद हाल व्यवस्था पर भले विधायक सन्यम लोढा अपने विपक्ष काल से उठाते रहे है।लेकिन सत्तारूढ़ कोंग्रेस,ओर विपक्षी भाजपा और जनप्रतिनिधियो के मुंह मे सरकारों चिकित्सा तंत्र की बदहाली ओर आम मरिज कि बरसो से चल रही समस्या डॉक्टरों का अस्पताल में अनुपस्थित रहने और घर बेठ इलाज कराने की नीति के विरोध में आवाज उठाने से कन्नी काट दी है।

ओर उनके मुंह मे दही जम गया है।और यही हाल रहे तो कभी सिरोही चिकित्सालय के हालात भी कोटा,जोधपुर जैसे हो जाए तो अतिशयोक्ति नही होंगी।

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