वानरराज का किया विधि विधान से अंतिम संस्कार।
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार सुबह शहर के आयुर्वेदिक अस्पताल व रैवानाथ अखाड़ा के बीचो-बीच एक वानर राज की बिजली के तारों में झुलस नीचे गिरने से असमय मौत हो गई, जिसकी सूचना श्री साँईनाथ सेवा संस्थान को मिली। उन्होंने तुरंत इस बाबत संस्था से जुड़े कार्यकर्ताओं को जानकारी दी एवं कार्यकर्ताओं ने मौका स्थल पहुंच आस-पड़ोस के रहवासी एवं सेवाभावी जनों का सहयोग लेकर वानर राज को फुल- हार एवं सफेद कपड़े से ढक अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान एवं मंत्रोच्चार द्वारा वैदिक संस्कृति अनुसार कालकाजी तलाब से आगे अर्बुदा गौशाला के पास वन क्षेत्र में खड्डा खोड़ किया।
तत्पश्चात संस्था के सदस्यों द्वारा दौ मिनट का मौन रख दिवंगत आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की गई।
इस पुनीत कार्य में संस्था से जुड़े मनीष सगरवंशी, कमल पंजाबी, उत्तम सगरवंशी, योगेश त्रिवेदी, पंडित दिनेश दवे, हरदेव रावल, भरत कुमार, प्रद्युमन प्रजापत, दीपक कोटवानी आदि का सहयोग रहा।
संस्था अध्यक्ष ने बताया कि हमारे हिंदू धर्म में हर जीव में देवताओं का वास माना जाता है और वानर (बंदर) का तो विशेष महत्व है क्योंकि वानर को हनुमान जी का प्रतीक माना जाता है।
हमारे शहर में जब कभी किसी कोने में वानर के मृत होने की सूचना मिलती है, संस्था से जुड़े सदस्य वहा पहुंच पूरे विधि विधान से अंतिम संस्कार की रश्म पूर्ण करते हैं।