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हमारी बेटी आज बनी अपने ही स्कूल की प्रिंसिपल

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

 राज्य सरकार के आदेशानुसार आज अन्तर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विद्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्थाओं को बालिकाओं ने संभाला । बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती हीरा खत्री व व्यवस्था प्रभारी राव गोपालसिंह पोसालिया के अनुसार सर्व सहमति से सुश्री भव्या बाफना एक दिन की प्रधानाचार्य बनकर विद्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्था को देखा । विद्यालय की छात्राओं ने 25 आचार्यों का कार्य करते हुये शिक्षण कराया है और गैर शैक्षणिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है। इसके लिए राज्य सरकार ने एक दिन बालिकाओं के नाम करने का फैसला किया है।

राव बताया कि इस दिन जिले के सभी स्कूलों में प्रमुख रूप से तीन-तीन गतिविधियां आयोजित की गई। इनमें ‘एक दिन बालिकाओं के नाम’ के तहत स्कूल की सभी गतिविधियों में भाग लेने वाली और सहपाठियों की मदद में आगे रहने वाली बालिका को संस्था प्रधान का दायित्व सौंपा । वह बालिका शिक्षक की भूमिका में रहकर कक्षा पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद गतिविधि, हाजिरी लेने सहित स्कूल संचालन से जुड़े सभी काम देखी। इस संबंध में उसी के निर्देश माने । दूसरी गतिविधि के तहत बालिकाओं को मीना-राजू की कहानी पर नाटक प्रस्तुत करने, कविता, स्लोगन और रोल मॉडल आदि पर अपनी अभिव्यक्ति प्रकट करने का अवसर दिया । ।

इसलिए मनाते हैं अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस

संयुक्त राष्ट्र संघ ने कनाडा के प्रस्ताव को 19 दिसंबर 2011 को हरी झंडी दी थी। यूनाइटेड नेशन ने 2002 से इसे मनाना शुरू किया। इसका मुख्य उद्देश्य था लड़कियों के विकास के लिए अवसरों को बढ़ाना और दुनिया भर में कम होती बालिका संख्या के प्रति लोगों को जागरुक करना। ताकि लैंगिक असमानता को खत्म कर समाज में बेटे-बेटी को समान अधिकार मिले।

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