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अब खुलेगी मन की बात चुनावी बुखार अब आया बाहर

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

नगरपरिषद चुनावी की तारिक फाइनल होने वाली है अब इस बीच चलेगा प्रवासी ओर समाजसेवी संस्थाओ के कर्म करने का राज सामने आना शरू हो चूका हैँ, राज जी हां आप को बताना चाहेंगे की पिछले 2 वर्षो से कर्मयोगी बनी कई समाजसेवी संस्थाएं ओर प्रवासी भाइयो की मन की बात दबा कर रखी थी जो की चुनाव नजदीक आते हैँ सामने आनाशुरू हो गया है , हालांकि सभापति की कोनसी कैटगरी की सीट आती हैँ वो बाद की बात है लेकिन कई नये युवाओं नेताओं की मन के लड्डू अब फूटने शरू हो गये हैँ, चुनाव आते है आरोप प्रत्यारोप का दौर शरू हो चूका है , गैारतलब है की चुनाव आते ही नये नये चेहरे सामने आना भी शरू हो जाते है कई प्रवासी को चुनावी बुखार सताने लगा है सीधे तोर पर देखा जाये तो ये कह सकते हैँ कर्मफल की तमन्ना अब जाग चुकी हैँ

नेता बनने की लालसा को लेकर कई समय से काम कर रही संस्था अब अपने मन की बात कहने जा रही हैँ ओर चुनाव आते ही अपने लक्ष्य को जनता के सामने रखना शरू कर दिया हैँ ओर कई गली मोंहल्लों मे बैठके ली जा रही है है जिसको देखा जाये तो सोशियल मिडिया के माध्यम से चुनावी बुखार की तपिस सामने आ रही हैँ लेकिन अब ये जनता को सोचना है की इस बार जनता को देखेगी किसके पाले मे बोल गिरेगी. पिछले कई दिनों से समाजसेवा करके जनता को रिझाने के लिये कई संस्था ने अपना दम खम्ब लगा लिया हैँ ओर कई जगह अच्छा काम करके भी समाज ओर सिरोही की जनता के दिलो मे भी अपनी जगह बना ली हैँ लेकिन अब सब खेल टिकट ओर कैटगरी पर अटका पड़ा है

चाबी का खेल अभी बाकी

देखा जाए तो चुनावी मौसम में निर्दलीय के रूप में अपनी पार्टियों को छोड़कर चाबी पर विश्वास किया था और चाबी अपने लक्ष्य पर सही उत्तरी और ताले में लग गई आगे देखने वाली बात यह है कि यह चाबी किसके साथ रहती है यह चाबी सिरोही शिवगंज के लिए बड़ी मजबूत चाबी है इस चाबी का साथ लेने के लिए कई प्रकार से अपनी दावेदारी पेश करने में लगे हुए लेकिन चाबी का कमाल किसके ऊपर रहता है यह देखने वाली बात है चाबी के इर्द-गिर्द घूमने वाले भी बहुत है और सभापति की लालसा में कई तो अपने आप को सभापति भी मान रहे हैं लेकिन चाबी किस और रुक पलटी करती है यह समय बताएगा

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