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कैन्सर पीडित शिक्षक के स्थगन आदेश की पालना विभाग द्वारा नहीं करना शर्मनाक - गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

सिरोही जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा सिरोही, पीईईओ खडात एवं पीईईओ मुंगथला द्वारा न्यायालय के स्थगन आदेशों की घोर अवहेलना पर राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत के नेतृत्व में गुरूवार को जिला कलेक्टर सुरेन्द्र कुमार सोलंकी को ज्ञापन देकर कार्यवाही की मांग की।

इसके बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी लक्ष्मी देवी के समक्ष कैन्सर पीडित सत्यनारायण बैरवा एवं उनकी पत्नी सविता बैरवा के स्थगन आदेश की पालना नहीं करना शिक्षा विभाग के लिए शर्म की बात हैं। यह वक्तव्य गहलोत ने जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा सिरोही गंगा कलावन्त एवं सीबीईओ आबुरोड दलपतराज पुरोहित की उपस्थिति में एक घण्टे तक हुई बहस में विरोध स्वरूप कडा एतराज जताकर कार्यवाही की मांग की।

 

संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया हैं कि सत्यानारायण बैरवा असाध्य रोग कैन्सर से पीडित होकर चिकित्या परामर्श अधीन है। यह जानते हुए भी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय सिरोही ने बिना कोई सदाशयता मानवीयता दर्शाए पति पत्नी दोनो को स्थानान्तरण से ऐसी जगह पदस्थापन किया हैं कि इसका असर सीधा इनके स्वास्थ्य पर पड रहा हैं

जो इनके लिए प्राण घातक हो सकता हैं। करीब साल भर से लगातार आज दिनांक तक पति पत्नी दोनो बार बार जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय सिरोही के चक्कर काटने को मजबूर किये जा रहे हैं लेकिन राहत के नाम उल्टा गलत विकल्प हाथों हाथ भरवा के प्रताडना के घाव पर नमक डाल दिया। राज्य सरकार के भी स्पष्ट निर्देश हैं कि असाध्य रोग से पीडित शिक्षक को सैट अप परिवर्तन या स्थानान्तरण में इच्छित नजदीक पदस्थान में प्राथमिकता मिले लेकिन इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय सिरोही ने चहेतों को लाभ देने की बदनीयत में पद छिपाकर पति पत्नी दोनो को घोर कष्ट झेलने को मजबूर किया हैं।

मरी हुई मानवियता के ऐसे अधिकारियों की अमानवीय कार्यशैली की संगठन घोर निन्दा करता हैं। पीडित को राहत देने की बजाय विभाग और न्यायालय के बीच त्व्स्स्प्छळ ठ।स्स् बनाकर अधूरी सेवा में प्राण त्यागने को मजबूर किया जा रहा हैं। पीडित पति पत्नी दोनो माननीय सिविल सेवा अपील अधिकरण की चलपीठ जोधपुर ने तीसरी बार अग्रिम आदेश तक मूल पदस्थापन पद पर सेवा का स्थगन आदेश जारी किया हैं

लेकिन स्थगन के बावजूद 14.09.2019 को पीईईओ खडात एवं मुंगथला ने जबरन कार्यमुक्त कर दिया। यह विभाग की घोर अनुशासनहीनता हैं। सिविल सेवा अपील अधिकरण की चलपीठ जोधपुर के 17.9.2019 के माध्यम स्पष्ट रूप से दोनो का स्थगन आदेश जारी होने के बावजूद एक सप्ताह से कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर किया जा रहा हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी मूक दर्शक बनकर मौत से जूझ रहे शिक्षकों को राहत देने की बजाय न्यायालय आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों पर कठोर से कठोर दण्ड की कार्यवाही की मांग की।
गहलोत ने चेतावनी दी हैं

कि 48 घण्टे के भीतर न्यायालय के आदेशों की पालना में दोनो को कार्यभार ग्रहण करवाकर दोषी पीईईओ मुंगथला एवं खडात के विरूद्ध यदि कार्यवाही नहीं की तो आन्दोलन किया जायेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी शिक्षा विभाग की रहेगी। जिला कलेक्टर से पुरे प्रकरण में प्रशासनिक स्तर से जांच की मांग की हैं। प्रतिनिधि मण्डल में जिला मंत्री इनामुल हक कुरैशी, सिरोही उपशाखाध्यक्ष देवेश खत्री, आबूरोड उपशाखाध्यक्ष सत्येन्द्रसिंह राठौड, इन्दरमल खण्डेलवाल, पीडित सत्यनारायण बैरवा व उनकी पत्नी सवित बैरवा, गुरूदीन, धर्मेन्द्र खत्री, अशोक आढा, भीखाराम कोली, रमेश परमार सहित अनेक शिक्षक सामिल हुए।

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