वसुन्धरा सरकार में शिक्षकों का मानसिक आर्थिक उत्पीडन हुआ - धर्मेन्द्र गहलोत
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
-सत्ता परिवर्तन के शुरूआती रूझानों से शिक्षकों में राहत की उम्मीद जगी हैं। ये उद्गार राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने प्रकट किये।
वे आज संगठन के जिला अधिवेशन के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
मुख्य अतिथि मुख्य महामंत्री गहलोत ने सम्बोधन में कहा कि राज्य की तत्कालिन वसुन्धरा सरकार में शिक्षकों का जो सेट अप चेंज व तबादलों में मानसिक आर्थिक उत्पीडन हुआ और शिक्षा तंत्र के मुल ढॉचे प्रारम्भिक शिक्षा को तोडकर शिक्षा का राजनीतिकरण कर उसे नीजि हाथों में सौपने के लगातार प्रयास हुये वो किसी से अछुते नहीं हैं।
तत्कालिन भाजपा सरकार ने राष्ट्रपति सर्वपल्ली डा. राधाकृष्णन के जन्म दिवस पॉच सितम्बर शिक्षक दिवस को जिस प्रकार शिक्षको को किराये का लालच देकर राजकीय आदेशो के माध्यम से जयपुर आने को पाबंद किया, काले वस्त्रों पर पाबंदी लगा शिक्षक सम्मान समारोह में डंडे बजाकर शिक्षकों को अपमानित किया शिक्षक आज भी उसे भुला नहीं हैं। राज्य की अशोक गहलोत सरकार द्वारा पॉच सितम्बर शिक्षक सम्मान समारोह को जिस बेहतर ढंग से आयोजित कर भाजपा काल में शिक्षकों के सम्मान पर लगे घाव पर मरहम लगाने का काम किया
उसपर संगठन ने खुले दिल से सराहना की हैं। वर्तमान गहलोत सरकार ने शिक्षामंत्री के सानिध्य में संगठनों से वार्ता कर शैक्षिक जगत की समस्याओं के प्रति जो सजगता दिखाई हैं उससे आशा की जा सकती हैं कि शैक्षिक गुणवत्ता और शिक्षकों के वेतन भत्ता संबधी मॉंगों पर सरकार जल्दी ही सकारात्मक पहल करेगी।
मुख्य महामंत्री गहलोत ने आशा व्यक्त की हैं कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार तत्कालिन भाजपा कार में बंद किये विधालयों को फिर से चालु कर नौनिहालों को निवास के नजदीकी स्थल पर पढने का सुअवसर प्रदान करेगी। समापन समारोह में खुले अधिवेशन में शिक्षण व्यवस्था व शिक्षकों की समस्याओं को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव तैयार किये गये जिसे राज्य सरकार को भेजे जायेंगे।
अधिवेशन में महामंत्री डा. हनवंत सिंह मेडतिया ने 6डी मामले में सेट अप परिवर्तन पूर्व शिक्षकों से विकल्प भरवाने, प्रत्येक पंचायत स्तर पर बालिका उच्च माध्यमिक विधालय खोलने, विधालयों में चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की छात्र संख्या आधार पर नियुक्ति करने, प्रत्येक विधालय में शारीरिक शिक्षक लगाने, शिक्षकों के चौपहिया वाहन ऋण के ब्याज को आयकर मुक्त करने का प्रस्ताव रखा जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह सोलंकी ने विधालयो में दुध वितरण की व्यवस्था को बंद करने, कम्प्युटर कार्य हेतु तकनिकि शिक्षा प्राप्त शिक्षक नियुक्त करने, व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों को 9-18-27 का चयनित वेतनमान यथावत रखने, 4800 ग्रेड पे के प्रत्येक शिक्षक को चाहे वो किसी पद पर हो उसे दिवाली का बोनस देने, सातवे वेतन आयोग की वेतन विसंगति दुर कर शिक्षकों को लाभ देने का प्रस्ताव रखा।
जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश खण्डेलवाल ने विभिन्न शिक्षको के अलग अलग केडर खत्म कर उन्हें स्थायी कर पुरा वेतन देने, उच्च माध्यमिक विधालयों मे ंहेल्थ ब्युटी वेलनेस, पुस्तकालय के शिक्षकों की नियुक्ति करने का प्रस्ताव रखा।
जिलामंत्री ईनामुल हक कुरैशी ने उच्च माध्यमिक प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में व्याख्याताओ एवं संकण्डरी स्कुल प्रधानाध्यापक का अनुपात संख्या आधार पर 80ः20 का करने, शिक्षकों के पहिचान पत्र बनाकर राजकार्य से निजी वाहन स्तेमाल को टोल फ्री करने का प्रस्ताव रखा।
संयोजक छगनलाल भाटी ने विद्यालय के समय विभाग चक्र में कम्प्युटर शिक्षा व खेल के स्थाई कालांश जोडने, खेलों में भाग लेने वाले छात्रों को अध्यापन में पांच प्रतिशत बोनस देने, राज्य के सभी विधालयों की समान युनिफार्म समान पाठक्रम करने, प्रयोगशाला सहायक से बीएड कर शिक्षक बने सभी शिक्षको को 5400 ग्रेड पे देने का प्रस्ताव रखा। सभी प्रस्तावों का उपस्थित शिक्षकों ने पुरजोर समर्थन किया। हरीराम कलावन्त, प्रवीण जानी, रमेश रांगी, देशाराम मीणा, जेठाराम मीणा, रतीलाल मीणा, देवीसिंह गुर्जर, श्रवण खण्डेलवाल, चन्द्रपाल राव, गोविन्द कुमार, राजेन्द्र गहलोत, जीवन प्रकाश, हंसाराम गहलोत, मघाराम नौंगिया, कान्तिलाल मीणा, दिनेशकुमार वासडा, बिशनलाल वर्मा, बाबुलाल, भगताराम, रूपाराम मीणा, सोनाराम मेघवाल ने भी सम्बोधित किया।