शिक्षक बेखौफ होकर काम करे और हर गलत पर अपनी प्रतिक्रिया दे - लोढ़ा
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
शिक्षक बेखौफ होकर काम करे और हर गलत पर अपनी प्रतिक्रिया दे नही तो हम जिन्दा लाशे बनकर रह जायेंगे। ये उद्गार सिरोही विधायक संयम लोढा ने व्यक्त किये।
-शिक्षक बेखौफ होकर काम करे और हर गलत पर अपनी प्रतिक्रिया दे नही तो हम जिन्दा लाशे बनकर रह जायेंगे। ये उद्गार सिरोही विधायक संयम लोढा ने व्यक्त किये। वे आज शिवगंज में आयोजित राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के जिला अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
उपस्थित अतिथिगणों ने मुख्य अतिथि विधायक लोढ़ा के साथ उद्घाटन समारोह का द्वीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। मुख्य अतिथि विधायक लोढा ने अपने उद्बोघन में निर्वाचन के बाद प्रथम समागम के इस शुभ अवसर पर शिक्षकों द्वारा दिये गये सहयोग के लिए सभी का आभार प्रकट किया।
उन्हांने कहा कि राज्य के गहलोत सरकार की कार्यशेली जन हितेषी एवं प्रभावशाली है जिसमें आमजन के हितों के प्रति सदैव सजगता बरती जायेगी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक लोढा ने शिक्षकों से अपील की कि शिक्षा के साथ सामाजिक जीवन की अनेक समस्याओं पर भी शिक्षकों को ध्यान देकर आमजन की मानसिकता में परिवर्तन लाना पडेगा इसके लिए लोगो में चेतना पैदा करना जरूरी हैं।
समाज आज भी अनेक बुराईया मौजुद हैं। हमे एक इन्सान के रूप में एक इन्सान की पीडा को महसूस कर ठीक करना पडेगा। ऐसे मामलों में शिक्षकों की अपनी भुमिका महत्वपूर्ण रहती है। वर्तमान में नशे का शिकार हो रही युवा पीढी पर भी विधायक लोढा ने चिन्ता जाहिर कर उस पर ध्यान देने की जरूरत बताई।
उन्होने बताया कि देश की त्रैमासिक विकास दर पिछले छ वर्ष में सबसे नीचले स्तर पर हैं जो गम्भीर चिन्ता का विषय हैं। हर क्षेत्र में मंदी होने से युवाओं का दिशाभ्रम होना उनकी अपेक्षाओं का धराशाही होना स्वभाविक हैं। उन्होने बताया कि जिन लोगों ने गाँधीजी के सविनय अवज्ञा आन्दोलन, असहयोग आन्दोलन में भाग नही लिया और जिन लोगों पर राष्ट्रपिता की हत्या के मुकदमें लगे उनके समर्थक वाट्स अप युनिवरसीटी के माध्यम से हम पर मिथ्या आरोप लगाते रहते हैं। ये वे ही लोग हैं जिनके कार्यकाल में राजनीति विज्ञान में यह पढाया जाता था कि भगतसिंह को फांसी होने से चन्द्र शेखर आजाद का मनोबल टुट गया और आज सरकार के एससीईआरटी की पुस्तकें पढाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
विधायक लोढा ने बताया कि केन्द्र में अलग सत्ता होने पर भी अनेक तकलीफों के बावजूद राज्य की अशोक गहलोत सरकार बेहतर काम कर रही हैं।
न्यु पेन्शन स्कीम को लेकर विधायक ने कहा कि यह कर्मचारी के भविष्य के हितों के लिए घातक हैं लेकिन पुरानी पेन्शन स्कीम लागु करना केन्द्र का विषय हैं। कर्मचारी संगठनों की ताकत कमजोर होने से ऐसे निर्णय होते हैं। यही कारण हैं कि रेल्वे, एयर पोर्ट को तो निजी हाथों में बेच दिया हैं यदि आपने अपनी आवाज को बुलन्द नही रखा तो शिक्षा का निजीकरण होते भी देर नही हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी विनिता बोहरा ने अपने उद्बोधन में अध्यापन को देश का सबसे नोबल प्रोफेशन बताया जिसकी वजह से आज देश चांद को छु सका हैं क्यों कि उप वैज्ञानिकों को पढाने वाले भी आप जैसे शिक्षक ही हैं। उन्होने कहा कि बच्चों में मोबाइल की उपयोगिता पर नजर रखना अत्यन्त जरूरी है जिससे किशोर पीढी के कदमों को अपराधिक कृत्यों की ओर अग्रसर होने से रोका जा सके।
समारोह के मुख्य प्रवक्ता मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने अपने उद्बोधन में वर्तमान अशोक गहलोत सरकार द्वारा घोषण पत्र के अनुरूप शिक्षा तंत्र में उठाये गये कदमों की सराहना की जिसमें विद्यालयों का समय परिवर्तन, आवासीय प्रशिक्षणों से राहत देना प्रमुख हैं। समारोह में प्रदेश महामंत्री डॉ. हनवन्तसिंह मेडतिया, जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह सोलंकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश खण्डेलवाल, जिला मंत्री इनामुल हक कुरैशी ने भी सम्बोधन दिया।
समारोह में राज्य पुरूस्कार प्राप्त शालिनी राठौड, राजकुमारी माथुर एवं सेवानिवृत्ति को प्राप्त करने वाले शिक्षकों, कार्यक्रम सहयोग देने वाले भामाशाहों का भी सम्मान किया गया। उद्घाटन समारोह में विशिष्ठ अतिथि सहायक निदेशक मुल शंकर मेघवाल, पुर्व प्रधान सिरोही नीतिराजसिंह देवडा, पुर्व प्रधान शिवगंज अचलाराम माली, हंजा मेघवाल, शिवगंज चेयरमेन पुष्पा सेन, पीसीसी सदस्या संध्या चौधरी, समाज सेवी ममता खण्डेलवाल, भामाशाह रेखा मेडतिया उपस्थित रहे। जिलेभर के उपशाखा अध्यक्ष देवेश खत्री, मनोहरसिंह चौहान, हिम्मत टेलर, सत्येन्द्रसिंह राठौड सहित सैकडों शिक्षको ने अधिवेशन में उपस्थिति दी।
कार्यक्रम के अन्त में मुख्य अतिथि विधायक संयम लोढा ने अधिवेशन संयोजक छगनलाल भाटी एवं सहसंयोजक रमेश रांगी का बहुमान किया। संयोजक छगन भाटी ने सभी का आभार व्यक्त किया।