खास खबर

सारणेश्वर महादेव ओर देवस्थान बोर्ड के अधीन मन्दिरो में धार्मिक पर्यटन से विकास की अपार संभावनाएं। - विधायक लोढा।

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

भाजपा जिला उपाध्यक्ष अशोक पुरोहित ने देवस्थान बोर्ड को भंग करने की करी मांग।

सिरोही के पूर्व नरेश रघुवीर सिंह देवड़ा मन्दिरो के विकास की करे पहल।

संयोजक हरीश दवे

सिरोही के सारणेश्वर मन्दिर और कालका जी मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए देवस्थान बोर्ड को भंग करने की मांग देवनगरी जागरूक मंच ने जिला कलेक्टर को मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौप कर की।

विधायक संयम लोढा ने सारणेश्वर महादेव मंदिर और देवस्थान बोर्ड के अधीन देवालयों बाबत पूछने पर उन्होंने कहा की विधानसभा में मामला उठाया गया और राज्य सरकार ने देवस्थान बोर्ड के क्रिया कलाप ओर प्रबन्धन को लेकर जिला कलेक्टर सिरोही को जांच सौपी है और जांच कार्रवाई के बाद अगला कदम उठाया जाएगा

भंडारे बाबत पूछे जाने पर कहा कि जांच में सब पता चलेगा ओर में सारणेश्वर महादेव मंदिर और देवस्थान बोर्ड के अधिक मन्दिरो के विकास और धार्मिक पर्यटन के बढ़ावे के लिए कार्य करूँगा

भाजपा के जिला उपाध्यक्ष अशोक पुरोहित ने भी देवस्थान बोर्ड को भंग करने की मांग करते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नही है यह जनता की धार्मिक आस्थाओं का प्रश्न है जिसे कोई भी जन प्रतिनिधि उठाता है तो जनता उसको संमर्थन है।की जिले की पौराणिक धरोहर के सरंक्षण को लेकर अतिरिक्त जिला कलक्टर को जिला कलक्टर के नाम सौंपे गए थे ज्ञापन में दोनों मंदिरों की दुर्दशा और जनसुविधाओं के अभाव के लिए देवस्थान बोर्ड को दोषी बताया।

ज्ञापन में बताया गया कि ये दोनों मंदिर देवस्थान बोर्ड सिरोही के अधीन आते हैं। सारणेश्वर मंदिर में लाखों रुपये दान में आते हैं, लेकिन देवस्थान बोर्ड ने इसमें काम कराना मुनासिब नहीं समझा। मंदिर परिसर में बनी धर्मशालाएं जर्जर हैं। मंदाकिनी तालाब कचरा पात्र बन चुका है।यह ऐतिहासिक धरोहर अपनी भव्यता खोता जा रहा

चढ़ावे की काफी राशि आती है। इसके इनके विकास के लिए खर्च नहीं किया जाता है। जिसे देवस्थान बोर्ड नियंत्रित नहीं कर पा रहा है। देवस्थान बोर्ड की मंदिर के विकास के प्रति बरती जा रही उदासीनता के कारण इसे भंग कर इसका जीर्णोद्धार नहीं किया गया तो जन आंदोलन की चेतावनी दी गई है।


एडीएम मुकेश चौधरी ने प्रतिनिधि मंडल को सारणेश्वर मंदिर में जर्जर संपत्तियों की सूची बनाने के लिए कहा। जिससे राज्य सरकार के आदेश पर चल रही जांच में उन जगहों को निरीक्षण कर वास्तविकता रिपोर्ट में शामिल किया जा सके। सिरोही देवनगरी का एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा ज्ञापन दिया गया था

-इससे पहले भी की जा चुकी है देवस्थान बोर्ड भंग करने की मांग

सिरोही का देवस्थान निजी बोर्ड है। इसका राज्य सरकार के देवस्थान बोर्ड से कोई लेना देना नहीं है। फिलहाल इसके अधीन जिलेभर के 51 ऐतिहासिक मंदिर आते हैं। यह मंदिर किसी न किसी समुदाय के इष्ट देव के मंदिर हैं। इसके विकास के लिए समय-समय पर कई समाज वालों ने जिला प्रशासन और राज्य सरकार को देवस्थान बोर्ड की कार्यप्रणाली पर रोष जताया है।

हिन्दू वेव के जिला संयोजक हरीश दवे ने विधायक संयम लोढा द्वारा विधानसभा में मामला गुंजाने के देवस्थान बोर्ड के अधीन 51 मन्दिरो का मामला गहराता जा रहा है।सिरोही के पूर्व नरेश को पहल कर देवस्थान बोर्ड के अधीन मन्दिरो में आधारभूत सुविधाएं बढ़ानी चाहिए।

Categories