शिक्षा से ही सुदृढ़ समाज की परिकल्पना संभव : लोढ़ा
बागसीन गांव में आयोजित प्रधानाध्यापकों की वाकपीठ् में विधायक लोढ़ा ने लिया भाग।
सिरोही वाले ब्यूरो ऑफिस
हरीश दवे, सिरोही
शिवगंज। मुख्यमंत्री के सलाहकार विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि शिक्षा से ही सुदृढ समाज की परिकल्पना करना भी संभव नहीं है। बच्चें को कोरा कागज बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक जैसा चाहे वैसी इबारत लिख सकता है। जब शिक्षक विद्यालय के बच्चों को अपना परिवार समझने लग जाता है तो वह उस बच्चें का जीवन प्रकाशमय बना देता है।
विधायक लोढ़ा शनिवार को बागसीन गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में आयोजित उच्च प्राथमिक विद्यालय के संस्था प्रधानों की एक दिवसीय वाकपीठ को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
विधायक ने वाकपीठ में मौजूद संस्था प्रधानों एवं बागसीन गांव के अभिभावकों से बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि बालिका शिक्षा के क्षेत्र में हमारा जिला अंतिम से दूसरे स्थान पर है और निरक्षरता में अंतिम पायदान पर है। हमारे लिए यह चुनौती कम नहीं है।
उन्होंने वहां मौजूद अभिभावकों विशेषकर महिलाओं से कहा कि वे अपनी बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करवाए ताकि वे भी अपने पैरों पर खड़ी होकर अपनी प्रतिभा साबित कर सके। उन्होंने जिले में तैनात महिला अधिकारियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमें उन्हें देखकर खुश नहीं होकर यह मन में संकल्प करना चाहिए कि एक दिन हमारी बेटी भी पढ़ लिखकर ऐसी अधिकारी बन सकेगी। बालिका शिक्षा के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों का जिक्र करते हुए लोढ़ा ने कहा कि उनके विधायक बनने के बाद जिले में बालिका शिक्षा के लिए काफी प्रयास किए गए है। शिवगंज एवं कालंद्री में कन्या महाविद्यालय खुलवाएं गए है। सिरोही में कन्या महाविद्यालय का पीजी में क्रमोन्नत करवाया गया है। इसके अलावा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ४० विद्यालयों को क्रमोन्नत करवाया गया है।
विधायक लोढ़ा ने शिक्षा के साथ साथ खेल को भी जीवन का हिस्सा बनाने की अपील करते हुए कहा कि खेल से आत्मबल मिलता है। इससे व्यक्ति मानसिक तनाव में नहीं आता उसे लडऩे की शक्ति मिलती है। क्योंकि एक खिलाड़ी रोज हारता है और हर बार हारने के बाद जीतने का संकल्प लेकर फिर से आगे बढ़ता है। इस मौके पर उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए सिरोही में खेल स्टेडियम स्वीकृत करवाने का भी जिक्र किया। राज्य सरकार की ओर से चलाए गए नो बेग डे अभियान के बारे में विधायक ने कहा कि इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि सप्ताह में एक दिन ऐसा हो जिसमें बच्चे पढ़ाई नहीं कर कुछ नया करें। विडम्बना है कि हमारे क्षेत्र के कई स्कूलों में नो बेग डे का कान्सेप्ट अभी भी अमल में नहीं लाया जा रहा है। उन्होंने संस्था प्रधानों से इसे गंभीरता से अमल में लाने के निर्देश दिए।
वाकपीठ को संबोधित करते हुए एसीबीईओ हरिशंकर मीना ने वाकपीठ के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला। ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक परमार ने सभी वार्ताओं को विद्यालय में क्रियान्वयन पर जोर दिया। अंत में संस्था प्रधान हिम्मतमल माली ने सभी संभागियों व भामाशाह का आभार प्रकट किया। वार्ताकार के रूप में वाकपीठ को रगाराम, सोदाराम, विजयलक्ष्मी, हंसाराम ने अपना उद्बोद्यन दिया।
इससे पूर्व विधायक संयम लोढ़ा का बागसीन गांव पहुंचने पर विद्यालय प्रशासन सहित ग्रामीणों की ओर से परंपरानुसार स्वागत किया गया। इस अवसर पर करणी सेना के अध्यक्ष नारायणसिंह बागसीन, सरपंच प्रतिनिधि पूरणसिंह, पूर्व जिला प्रमुख अन्नाराम बोराणा, पूर्व प्रधान अचलाराम माली सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।