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लोढा ने उठाया लखमाराम देवासी को झूठे प्रकरण में फंसाने का मामला

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

सरकार के जवाब से संतुष्ट नही हुए लोढा कहां दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सदन करे कार्यवाही

रिपोर्ट हरीश दवे

चार साल निर्दोष को जेल में रखा, परिवार को मुआवजें देने की सरकार करें घोषणा

शिवगंज/जयपुर।

राजस्थान विधानसभा के प्रक्रिया तथा कार्यसंचालन संबंधी नियमों के नियम 131 के अंतर्गत ध्यानाकर्षण के जरिये सिरोही विधायक संयम लोढा ने सिरोही विधानसभा क्षेत्र के बरलूट थाना अंतर्गत झाडौलीवीर निवासी निर्दोष लखमाराम देवासी को हत्या व लूट के झूठे प्रकरण में फंसाने पर लिप्त दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने व पीडित को निर्दोष होने के बावजूद 4 वर्ष जेल में रखने को लेकर राजस्थान सरकार से जवाब मांगा।

विधायक संयम लोढा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जवाब पेष करते हुए राजस्थान सरकार के संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने कहां कि नाथाराम पुत्र गणेशाजी जाति देवासी निवासी झाडौलीवीर सिरोही ने 26 मई 2018 ने रिपोर्ट पेश की थी कि लखमाराम देवासी व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति ने मेरी मां जो घर पर अकेली थी हत्या कर घर में रखे ढाई लाख रूपये नकदी व सोने चांदी के आभूषणों व घर में रखे कुछ कागजात भी लेकर गये इत्यादि पर प्रकरण संख्या 48 दिनांक 26 मई 2018 को अंतर्गत अपराध धारा 459, 460, 397, 302/34 भादंसं संख्या में दर्ज कर अनुसंधान किया गया। अनुसंधान पश्चात बाबूलाल उपनिरीक्षक द्वारा अभियुक्त लखमाराम पुत्र हमीराराम जाति रेबारी झाडौलीवीर पुलिस थाना बरलूट को गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से लखमाराम को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया तथा लखमाराम के विरूद्व धारा 459, 460, 397, 302/34, 109, 113 भादंसं के तहत तत्कालिन थाना अधिकारी द्वारा आरोप पत्र संख्या 62 दिनांक 22 अगस्त 2018 को मुर्तिब कर आरोप पत्र दिनांक 23 अगस्त 2018 को माननीय न्यायालय अपर मुख्य न्यायाधीश मजिस्टेट सिरोही के न्यायालय में पेष किया गया।

संसदीय मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब पेष करते हुए बताया कि तत्पष्चात महानिदेशक एसटीएस एवं एसओजी राजस्थान सरकार के 287-94 दिनांक 3 मई 2019 के माध्यम से प्रकरण में अग्रिम अनुसंधान किया गया। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य व अनुसंधान से प्रथक प्रथम प्रकरणो में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे सुरमाराम पुत्र भूताराम जाति गरासिया निवासी ओर पुलिस थाना सदर आबूरोड को 29 मार्च 2019 को नानाराम पुत्र बिजलाराम जाति गरासिया निवासी ओर पुलिस थाना सदर को 3 अप्रैल 2019 को, गेमाराम पुत्र लखाराम गरासिया निवासी कालीबोर भीमाना पुलिस थाना नाना को 4 अप्रैल 2019 को प्रोडक्षन वारंट के जरिये में गिरफतार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया तथा मुलजिम चैनाराम उर्फ चुनिया उर्फ शंकरलाल उर्फ लक्ष्मण पुत्र नेनाराम जाति गरासिया निवासी मेवाडो का मठ बेकरिया पुलिस थाना बेकरिया को दिनांक 12 जुलाई 201़9 को गिरफतार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा। उक्त चारो अभियुक्तों के खिलाफ 459, 460, 397, 302/34, 109, 113 भादंसं में अपराध प्रमाणित मानकर गिरफतार किया जाकर विभिन्न स्तर पर तितम्बा चालान न्यायालय में पेश किया गया था तथा शेष अभियुक्त हंसाराम के विरूद्व धारा 173 (8) के तहत अनुसंधान जारी है।

मंत्री ने जवाब में कहां कि लखमाराम वारदात में नही था शामिल- प्रकरण में अनुसंधान से पूर्व गिरफतारषुदा लखमाराम पुत्र हमीराराम का प्रकरण की वारदात में शामिल नही होना पाये जाने पर उसे धारा 169 द्र.प्रं.स के तहत माननीय न्यायालय से रिहाई दिलवाने हेतु कार्यालय अतिरिक्त महानिदेषक पुलिस एसटीएस एवं एसओजी राजस्थान सरकार के पत्र क्रमांक 87778 दिनांक 8 दिसम्बर 2020 पुलिस अधीक्षक सिरोही को प्रेषित किया गया जिस पर बरलूट थाना अधिकारी सिरोही तथा अनुसंधान अधिकारी गुमानाराम उपाधीक्षक पुलिस द्वारा ट्रायल कोर्ट माननीय सेंषन न्यायालय सिरोही में दिनांक 9 दिसम्बर 2020 को प्रार्थना पत्र पेष किया गया जिसकी सुनवाई 19 दिसम्बर 2020 को हुई जिसमें माननीय न्यायालय सिरोही द्वारा उक्त रिहाई का आवेदन पत्र खारिज किया।

प्रकरण में गिरफतार अभियुक्त लखमाराम रेबारी की माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर में दायर एसबी. सीआरएल. एम.बीएआईएल नंबर 12437/2021 में बाद सुनवाई अभियुक्त को जमानत पर रिहा करने के आदेश होने पर दिनांक 17 जनवरी 2022 को जिला कारागृह सिरेाही से लखमाराम जमानत पर रिहा है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही को दिये जांच के आदेश् संसदीय मंत्री धारीवाल ने विधायक संयम लोढा के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर कहां कि उक्त प्रकरण में लखमाराम देवासी को गिरफतार करने व न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने वालो के खिलाफ कार्यवाही के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही द्वारा प्राथमिकता से जांच करवायी जा रही है, प्राथमिकता जांच रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।

लोढा ने रखी युवक के मुआवजे व दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ र्कावाही की मांग- विधायक संयम लोढा ने मंत्री के जवाब के बाद कहां कि एक युवा को चार साल बिना गुनाह के जेल में रखकर उसके चार वर्ष खराब कर दिये। सरकार को उसके परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए। और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए इस पर मंत्री धारीवाल ने कहां कि सात दिवस के भीतर ही इस मामले में जांच की जाएगी और जांच में यदि पुलिस अधिकारी दोषी पाये जाते है तो उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही होगी। मंत्री के जवाब से विधायक लोढा संतुष्ट नही हुए और उन्होंने वेल में आकर अपना विरोध दर्ज करवाया। लोढा ने पुलिस की कार्यशेली के प्रति रोष प्रकट कर नारेबाजी की।

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