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सोमवार को दिखाऊंगा आम आदमी व पार्षद की ताकत: पार्षद मनोज

सिरोही

कोंग्रेसी पार्षद मनोज पुरोहित का पत्र सोशल मीडिया में वायरल, कोंग्रेसी पार्षद बोर्ड की कार्यशैली से नाराज।

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही नगर परिषद के कोंग्रेस बोर्ड के सभापति महेंद्र मेवाड़ा के प्रति किसी भी कोन्ग्रेसी पार्षद के असंतोष के भाव नही है।लेकिन प्रशाशन शहरों के संग अभियान के दौरान अनेक वरिष्ठ कोन्ग्रेसी पार्षद नगर परिषद प्रशासन व ठेकेदारो की मनमानी से नाराज है।वही बोर्ड में अनेक विवादित मामलों के हल नही होने व गुमशुदा पत्रावलियों पर भी वाजिब कार्रवाई नही होने तथा जन समस्याओं की अनदेखी से भी पार्षद नाराज है।ऐसे ही नाराजगी के दौर में कोंग्रेस के जुझारू पार्षद मनोज पुरोहित का व्यवस्थाओं के प्रति आक्रोश भरा पत्र सोसल मीडिया में वायरल होने के बाद कोंग्रेसी पार्षदो व कोंग्रेस संगठन में हड़कम्प मच गया। मनोज कुमार ने लिखा कि हमारे माननीय मुख्यमंत्री महोदय राजस्थान की जनता की सेवा के लिए सदैव सजग है व चिन्तनशील हैं। उन्होंने कल 2 अक्टूबर को कहा भी एक हमारी सरकार पूरी चलेगी ओर अगले चुनाव में रिपीट भी होगी। लेकिन सिरोही नगरपरिषद नही चाहती कि सिरोही शहर में कांग्रेस बोर्ड रिपीट हो। लोगो के फोटो सेल्फी खिंचवाकर की आज मेरा काम हुआ मैं खुश हूँ, इस झूठी सेल्फी के पीछे सब झूठ ही झूठ हैं। जब मैं स्वयं पार्षद अपनी नगरपरिषद से दुखी हूं तो भला जनता कैसे खुश हो सकती हैं।

शहर की सफाई बेकार है, मेरे वार्ड की हालत खराब है, जनता परेशान है, कोई भी योजना गरीबो को नही मिलती, उन्हें जवाब नही मिलता, करोड़ो की सड़कें व रिपयरिंग बेकार है, पानी की टँकीया, मोटरे, टेंडर की सामग्री, टेंडर की प्रकिर्या, केम्प में पट्टे बाटने का झूठ, परिषद की मिस मैनेजमेंट कार्यशैली इन सब से मैं दुखी हूं। धैर्य की भी सीमा होती है। किसी कर्मचारी, अधिकारी या परिषद के नेताओ को लगता हो कि मनोज को हमसे गरज है, या आप मुझसे परिचय व प्रेम रखकर मुझ पर अहसान कर रहे है तो उन सभी को कह देता हूँ कि आप सबके परिचय, प्यार, व्यक्तिगत काम का मोहताज नही हूँ मै। एक परसेंट भी गरज नही है कि तुम मुझे जानो या न जानो।

श्री अशोक गहलोत सरकार को करना चाहिए कि आयुक्त सहित सभी कर्मचारियों को ठीक उसी प्रकार ट्रांसफर करना चाहिए, जिस प्रकार कुछ दिनों पहले पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों को किया था। एक भी कर्मचारी नही रखे, सबको जैसलमेर, बाड़मेर भेजे। सब कोई काम के नही है, बहुत सो को लगता है कि नगरपरिषद उनकी वजह से ही टिकी हुई है, ऐसे कर्मचारियों व अधिकारियों को एपीओ करना चाहिए।

मेरे वार्ड में काम न हो पाने का मेरा धैर्य समाप्त हुआ, अब कोई जरूरी नही की मैं अपने इस बोर्ड से कोई उम्मीद रखूं ओर न ही इन अधिकारियों और कर्मचारियों से।

एक आम आदमी, आम पार्षद की ताकत क्या है वह कल सोमवार से आपको पता चल जाएगी कि एक व्यक्ति किस हद तक प्रयास कर सकता है। और वो व्यक्ति मैं हूँ।

मैं शहर की जनता से माफी मांगता हूं कि आपने मुझे जिताया पर कोई काम परफेक्शन से या नॉर्मल भी शहर में नही हो रहे है। मेरे वार्ड में नही हो रहे है। कोई प्लानिंग नही, परिषद का को धनी धोरी नही, कोई विजन नही।

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