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जुलाई 2022 में शुरू होगा मेडिल कॉलेज का पहला बैच

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

सिरोही में 325 करोड की लागत बन रहा जोधपुर सम्भाग का चौथा मेडिकल कॉलेज

प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया व विधायक संयम लोढा ने देखा मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य

रिपोर्ट हरीश दवे

शिवगंज, 22 सितम्बर | सिरोही राष्ट्रीय राजमार्ग पर 75 बीघा भूमि पर 325 करोड की लागत से बन रहे मेडिकल कॉलेज का पहला बैच जुलाई 2022 में प्रारम्भ हो जाएगा। जिले के प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं विधायक संयम लोढा ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वेराविलपुर के पास बन रहे मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्य का मौका देखा। प्रभारी मंंत्री प्रमोद जैन भाया ने मौके पर मौजूद पीएमओ डॉ ए.के. मौर्य से मेडिकल कॉलेज निर्माण कार्य व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी ली। पीएमओ मौर्य ने बताया कि विभिन्न चरणो में मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय को अपग्रेड करने का कार्य किया जाएगा। राज्य सरकार की मंशा के अनुसार जुलाई 2022 में मेडिकल कॉलेज का पहला बैच शुरू हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज की बाउंड्री वॉल के साथ ऐकेडमी की नींव खोदने का कार्य प्रारम्भ हो चुका है।

विधायक संयम लोढा ने बताया कि सिरोही जिले को मेडिकल कॉलेज की अत्यधिक आवश्यकता थी। सिरोही जिले के मरीजों को उच्च उपचार के लिए गुजरात जाना पडता था। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद रेफर सिस्टम पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। साथ ही चिकित्सकों की कमी पूरी होगी और सभी बीमारियों के 50 से अधिक विशेषज्ञ मिलेंगे। लोढा ने कहां कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का लक्ष्य है कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज हो। सरकार राज्य के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलना चाहती है ताकि आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का लाभ आमजन को मिल सके। लोढा ने कहां कि राज्य सरकार की गहलोत सरकार सभी को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी दिशा में आगे बढते हुए बडी संख्या में मुफ्त दवाएं और सामान्य बीमारियों के लिए मुफ्त जांच उपलब्ध करवा रही है। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना भी राजस्थान के लोगो के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना के तहत राज्य के हर परिवार को कैशलेज ईलाज के लिए 5 लाख रूपये का लाभ दिया जा रहा है।

330 बेड का बनेगा मेडिकल कॉलेज- सिरोही राजमार्ग पर वेराविलपुर के पास कोलर गांव में बन रहे मेडिकल कॉलेज में 330 बेड होंगे। सिरोही में बन रहा मेडिकल कॉलेज जोधपुर संभाग का चौथा मेडिकल कॉलेज है। इसके लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार 60 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत के अनुपात में खर्च उठाएगी। सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में सिटी स्कैन एवं एमआरआई जैसी विशिष्ट जांच भी नि:शुल्क उपलब्ध कराएगी।

बनेगा जीएनएम ट्रेनिंग सेन्टर- मेडिकल कॉलेज व जिला चिकित्सालय को अपग्रेड करने के साथ साथ 10 करोड की लागत से जीएनएनएम ट्रेनिंग सेन्टर भी बनाया जा रहा है। पीएमओ ए.के. मौर्य ने बताया कि प्रशासनिक स्वीकृति के बाद जीएनएम ट्रेनिंग सेन्टर का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। मेडिकल कॉलेज में विभिन्न फैकल्टी मानदंडो के आधार पर सुनिश्चित की जाएगी।

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