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श्रमवीरों के श्रमदान से झूपा घाट स्थित छगवाव बावड़ी पूर्णतया स्वच्छ हुई।

श्री साईनाथ सेवा संस्थान की टीम द्वारा "स्वच्छ जल स्वस्थ हम" अभियान में बरसाती मौसम के तहत स्वच्छ जल बावरियों में सहज सके, इस हेतु बावरियों की साफ सफाई का कार्य अनवरत जारी है। संस्था के श्रमवीरो द्वारा एक- एक कर सभी बावरिया जल सहित स्वच्छ की जा रही है।
उसी क्रम में झुपाघाट स्थित अति प्राचीन श्री सारणेश्वर महादेव मंदिर के साथ लगी छगवाव बावड़ी को प्रथम चरण के श्रमदान में ही जल सहित पूर्णतया स्वच्छ किया गया। बावडी़ व उसके आसपास जगह-जगह सांपों के बिल व ऊगी बरसाती झाड़ियों में श्रमवीर सवेरे 6:30 बजे से ही एक-एक कर उतरे। कुल्हाड़ी व खरपी की सहायता से बरसाती झाड़ियों की कटाई की गई। कई वर्षों से जमी धूल, मिट्टी, गंदगी हटाई गई व झाड़ू बुआर कर बिखरे पत्ते तगारी में भर सीडी़ओ को साफ किया गया।


श्रमवीरो के पसीने व इंद्रदेव की मेहरबानी से आसमान से टपक रही बूंदो द्वारा सिडी़यो को पूरी तरह चमकाया गया।
साथ ही संस्था के तेराक बावड़ी के जल में उतरकर रस्सी, टोकरी व कैरेट की सहायता से विद्यमान पूजन सामग्री, पॉलिथीन में भरा कचरा, शराब व शरबत की बोतलें, पव्वे, छोटे-मोटे लकड़ियों के अनगिनत टुकड़े, कचरा, मूर्तियां इत्यादि निकाल पूर्णतया जल को स्वच्छ किया।
संस्था से जुड़े लगभग 30 श्रम वीरों ने बिना रुके लगातार 4 घंटे श्रमदान कर एक ही बार में छगवाव बावडी को पूर्णतया साफ-सुथरी किया।


स्वच्छ जल संरक्षण के इस भागीरथी अभियान में संस्था अध्यक्ष विजय त्रिवेदी, मनीष सगरवंशी, राजेंद्र नरूका, युवराज सिंह,भगवाना सगरवंशी, कन्हैया माली, भवानी सिंह, मो.अजहरूद्दीन, पृथ्वी सिंह, गुणवंत सगरवंसी, रतन सिंह, उत्तम सगरवंशी, जीतू प्रजापत, कुलदीप राठौड, प्रकाश माली, पंकज झाला, मनीष लखानी, राहुल सोनी, कुलदीप सिंह, कमल पंजाबी, योगेश त्रिवेदी, कालू माली, श्रवण सिंह आदि युवा श्रमवीरो के साथ ही वरिष्ठ नवाब खान, भीख सिंह भाटी, बलवंत सिंह ने भी अपना भरपूर पसीना बहाया।
विजय त्रिवेदी ने बताया कि बावड़ी के पास टंकी व ओड़ा बना हुआ है जिसमें पूर्व में झूपाघाट के रहवासी बावड़ी का जल नहाने, पीने, कपड़े धोने इत्यादि के काम लेते थे। फिलहाल व ढकी हुई है। वर्तमान में बावड़ी का जल आस-पड़ोस व्यापारी गण काम में लेते हैं। बावड़ी की सफाई से उन्हें स्वच्छ जल उपलब्ध होगा व बावड़ी में जाना-आना सुगम होगा।
बावड़ी काफी गहरी है परंतु जर्जर हो चुकी है। कोई अप्रिय घटना ना घटे इस हेतू प्रशासन द्वारा इसकी सुध लेनी अति आवश्यक है।

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