राजस्थान की कांग्रेस सरकार भाजपा शासित राज्यों की तरह तुरंत पेट्रोल डीजल पर वेट कम करें - नारायण पुरोहित
गहलोत सरकार बिजली बिलों की यूनिट दर कम करे व आमजन को राहत दे : नारायण पुरोहित
कांग्रेस को केंद्र की मोदी सरकार के बजाए गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए - नारायण पुरोहित
सिरोही, हरीश दवे | भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने कांग्रेस के धरना प्रदर्शन को नोटकी करार दिया। जिलाध्यक्ष पुरोहित ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस शासित राज्य पेट्रोल और डीजल पर टैक्स क्यों नहीं घटाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर गरीबों की चिंता है तो राजस्थान सरकार भाजपा शाषित राज्यो की तरह पेट्रोल डीज़ल पर तुरंत टैक्स घटा देना चाहिए।पुरोहित ने कहा कि अभी देश में सिर्फ कोरोना जैसे महामारी को लेकर भारत मे टीकाकरण पर 35 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. उनके मुताबिक मुश्किल समय में सरकार द्वारा जनकल्याण योजनाओं के लिए पैसों को बचाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमतों और कंपनियों की आर्थिक स्थिति को देखकर तय होती हैं. लेकिन केंद्र सरकार पर आरोप लगाने वाले राजस्थान के कांग्रेस नेताओं को प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए कम से कम राजस्थान में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट की दरों में कमी करनी चाहिए।
पुरोहित ने राजस्थान में बढ़ते बिजली बिलों को लेकर गहलोत सरकार को घेरा ओर कहा कि राजस्थान में बढ़ते बिजली बिलों से कोरोना काल मे आम जनता की कमर कस तोड़ दी है।पहले गहलोत को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए।पुरोहित ने राज्य सरकार से मांग की की बिजली के बिल प्रति माह किये जायें ताकि आम जन को राहत मिल सके।
पुरोहित ने बताया कि सरकार निजी बिजली कंपनियों से ऊंचे दाम में बिजली खरीद रही हैं एक्सचेंज में बिजली ₹3 से ₹3.50 में उपलब्ध है लेकिन सरकार फिर भी ₹12 यूनिट दर तक से बिजली खरीद रही हैं और बिजली खरीद में सिक्स चार्ज के नाम पर करोड़ों रुपए का गड़बड़झाला है जिससे कोरोना महामारी में आम जनता पर भार पड़ रहा है। पुरोहित ने कहा कि गहलोत सरकार को ऐसे एग्रीमेंट को तत्काल रद्द कर देना चाहिए। और कोरोना महामारी में भारी भरकम बिजली बिलों से आम जनता को राहत देनी चाहिए।
पुरोहित ने कहा कि कांग्रेस सरकार फ्यूल सरचार्ज, स्थायी शुल्क एवं वीसीआर के नाम पर किसानों एवं आमजन के साथ लूट बंद करनी चाहिए।कांग्रेस अब भाषण और बयानबाजी की पार्टी बनकर रह गई है जबकि उसके नेता बेवजह प्रधानमंत्री और भाजपा पर तोहमत लगाते रहते हैं।पुरोहित ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा-पत्र में बिजली के बिलों में बढ़ोतरी नहीं करने का वादा किया था। इसके बावजूद वादाखिलाफी करते हुए कोरोना कालखण्ड में प्रदेश की जनता को राहत देने के बजाय बिजली के बिलों में बढ़ोतरी की गई इससे एक करोड़ 40 लाख उपभोक्ताओं, किसानों, घरेलू उपभोक्ताओं पर बिजली की मार पड़ रही है।