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गोपालन मन्त्री अर्बुदा गोशाला पे दे ध्यान तो ही हो सकता अर्बुदा गोशाला में सुधार

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

लाखो रुपये की आय, लाखो का व्यय, पर अर्बुदा गोशाला का गोवंश पॉलीथिन, इंजेक्शन,कांच के टुकड़े खाने को सिटी एरिया में मजबूर।

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही | राजस्थान सरकार के गोपालन मन्त्री ओर जिले के प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया के राज में बेसहारा मूक गोवंश की बदहाली पर गोवंश की आर्तनाद पुकार सुनने वाला कोई नही है।भले ही कोरोना काल चल रहा हो पर जिले की गोशालाओं का अनुदान भी विधायक जी की संजीदगी से स्वीकृत हो गया।पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली ऐतिहासिक अर्बुदा गोशाला जिसके संचालन का भार अभी नगर परिषद सिरोही के हवाले है।

अर्बुदा गोशाला के गोचर में भी अंग्रेजी बबूल का ठेका 5 बरस का होता है जो अभी करीब 55 लाख का छूटा है साढ़े चार हजार बीघा वाली अर्बुदा गोशाला पर बरसो से भूमाफिया काबिज है।स्वर्गीय ज्ञानचंद जी गांधी ओर अर्बुदा गोशाला के मेंबर स्वर्गीय पूनम चन्द जी बाफना के प्रयासों से कालका तपोवन अवश्य अस्तित्ब में आया लेकिन वहाँ से भी पूर्व में घास अर्बुदा गॉशाला की गायो को जगह अन्य पशुपालको की गाय घास चरती थी।

जिले का यह भी सौभाग्य रहा कि गत भाजपा सरकार के गोपालन राज्य मंत्री इसी विधानसभा से निर्वाचित हुए उन्हें ओर सांसद को अनेक गो भक्तो व हिन्दू वेव संस्था ने खूब पत्र लिखे पर हालात नही सुधरे। नगर में गोवंश पॉलीथिन खा के मर रहा है।जिला प्रशाशन प्रतिबंधित पॉलीथिन बेग,सिंगल यूज पॉलीथिन बेग को रोकने व करवायी का खूब ढिंढोरा पिट चुका, व्यापार मण्डल व गोभक्तो से मीटिंग कर चुका लेकिन प्रतिबंधित पॉलीथिन को रोकने में न तो जिला प्रशाशन ने कारवाई की न नगर परिषद ने। पूर्व भाजपा सरकार में विपक्ष में रहे मौजूदा विधायक संयम लोढा ने अर्बुदा गोशाला की बदहाली को खूब मुद्दा बनाया पर चंदा चोरों के खिलाफ सत्ता में आने के बाद वो खामोश हो गए। ओर उन्होंने नगर में बेसहारा भटक रहे गोवंश जिसके आश्रय के लिए पर्याप्त भूमि करीबन साढ़े चार हजार बीघा रखवाई सिरोही के पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय गोकुल भाई भट्ट ने तत्कालीन राज माता के सहयोग से जिसमे हजारो पशु धन गोवंश सरंक्षित हो सकता है।पर किसी भी जन प्रतिनिधि ने इस पर कार्रवाई करने की सुध नही ली।न इसके बने ट्रस्ट बोर्ड के नॉर्म्स के ऊपर अध्यक्ष कलेक्टर ओर तहसीलदार फैसला ले सके।

अगर किसी संजीदा सांसद, विधायक ने अर्बुदा गोशाला ओर डेरी फॉर्म्स के आर्टिकल ओर मेमोरेंडम के अनुरूप कार्य योजना बनाई होती तो अमुल ओर सरस डेरी की तर्ज पे अर्बुदा गोशाला सिरोही जिले की जनता के लिए रोजगार के अवसर खोलती ओर मिल्क क्रांति में कोंग्रेस के पहले प्रदेशाध्यक्ष ओर अर्बुदा गोशाला के स्वप्न सर्जक गोकुल भाई भट्ट के सपने भी पूरे होते पर हुआ इसका उल्टा। आज की तारीख में अर्बुदा गॉशाला का कोई धनी धोरी नही है आवक भरपूर है। लाखो की डिपॉजिट्स पड़ी है। सेवा देने वाले सेवा दे रहे है संचालन समिति अपना काम कर रही है।

फिर टेग लगी गाय और गोवंश बाहर कियु भटक कर पॉलीथिन बेग में इंजेक्शन ओर कांच के टुकड़े खाने को मजबूर है।जबकि गोशाला पर व्यय तो लाखों में हो रहा है। नगर परिषद के संविदा कर्मी ओर जोड़ो के रूप में सेवा देने वालो के भरोसे गोशाला राम भरोसे चल रही है।गोशाला की भूमि पे अतिक्रमन हो चुके है जिसको मुक्त कराने में जन प्रतिनिधि व तहसीलदार को फुरसत नही है। गत भाजपा सरकार के राज में तहसीलदार वीएस भाटी ने अतिक्रमण हटाने की मजबूत कार्रवाई की तो उन्हें ही हटा दिया।आज नगर में जो गोवंश भटक रहा है और क्रूरता का शिकार हो रहा है उसका जिम्मेवार जिम्मेवार जिला प्रशासन व नगर परिषद प्रशासन है। नगर का हर वार्ड मोहल्ला एक मिनी गोशाला बन गया है सिर्फ दुधारू गाय और बछड़े ओर कुछ नन्दियो को छोड़ सारा गोवंश नगर में भटकने को छोड़ दिया है जो भूखा प्यासा होटल ,ढाबे बन्द होने की वजह से अब कचरे के ढेर व होस्पिटल के कचरे में मुंह मार रहा है।

जिला कलेक्टर ओर विधायक करे पहल तो अर्बुदा गोशाला में खुल सकते रोजगार के अवसर नगर की अर्बुदा गोशाला के सुधार और गोवंश सरङ्क्षण में अनेक गोभक्त व दान दाताओं के अलावा नगर की पूरी जनता गो ग्रास सहायता देने को तैयार है।पर जिला कलेक्टर व तहसीलदार उन लोगो के साथ बैठक करते है जिनका गोशाला से कुछ लेना देना ही नही है और मीटिंग बेनतीजा निकलती है।जबकि गोचर भूमि पे घास भी उगाई जा सकती हैं व हजारो गो वंश यहाँ पल सकता है।

पशुपालन से जुड़े परिवार व घास कृषि कार्य के साथ सरकारी सरंक्षण में सरकारी योजना अमल में आवे तो गोपालन मंत्रालय तो नन्दी गोशाला भी खोल सकता है व बेसहारा गोवंश के सरङ्क्षण के साथ अर्बुदा डेरी अपने बनने की कहानी भी सार्थक कर सकती है।हालांकि अर्बुदा गॉशाला की भूमि को हड़पने में जिले के अन्य स्थलों पे हड़पे गोचर की तरह गिद्धों व भूमाफिया की दृस्टि यहाँ भी लगी हुई है। क्या राज्य के गोपालन ओर जिले के प्रभारी मंत्री प्रमोद जैन भाया इस ऐतिहासिक गोशाला का काया कल्प कराते है या गत गोपालन राज्य मन्त्री की तरह यह भी इसका वैभव लौटने में विफल रहते है इसपे जिले की जनता की नजर है।और जिले की जनता किसी भी हाल में अर्बुदा गोशाला को किसी का उपनिवेश बनने नही देगी।

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