सिरोही में वर्षा जल का भंडारण हो कर तालाबो में नही हुआ वर्षा जल का भंडारण तो भविष्य में जनता का होगा पलायन : ऐड सुरेश चंद्र सुराणा
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
नगर के सभी तालाबो में अतिक्रमन, दूधिया व अन्य तालाबो के पानी के आवक मार्ग भी रुक गए।
नगर के तालाबो के सरंक्षण में विधायक लोढा ले दिलचस्पी।
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही नगर परिषद एवम पेराफेरी बेल्ट की सीमा में क्षेत्र में वर्षा जल का भंडारण हो सके इसके लिए पूर्व देवड़ा शाशको ने विशाल तालाब व बांध रियासत काल मे बनाये थे जिसमें वर्षा जल भंडारण होने से तालाबो में वर्ष भर पानी भरा रहता था व क्षेत्र की कुएं बावडिया व हेण्डपम्प रिचार्ज होने के साथ नगर परिषद से जावाल नगर पालिका के आस पास तक भूगर्भ जल स्तर बढ़ा हुआ रहता था।
विगत 3 दशक से ज्यादा समय तक सिरोही नगर पालिका व नगर परिषद में भाजपा का बोर्ड रहा निर्दलीय समर्थित कोंग्रेस ओर अब कोंग्रेस के विशाल बहुमत के बोर्ड के दौरान नगर के आखेलाव,लाखेलाव,कालकाजी, मानसरोवर,दूधिया,नीडोरा, धंधेला इत्यादि तालाबो की भूमि व सिरनवा की पहाड़ियों से बहने वाले नालो व आवक मार्गो पे राजनीतिक रसुखातो से जम कर अवैध अतिक्रमण,पेटा काश्त भूमि पे अतिक्रमण व कच्ची बस्ती के नाम झोप बुझ नाले में नियमन हुए और बरसाती नालो को गंदे पानी की नाली में तब्दील कर दिया जिसका पानी पवित्र तालाबो के पानी को दूषित कर रहा है।किसानों व आम जन के लिए लाइफ लाइन का कार्य करने वाले सिरोही के ऐतिहासिक तालाबो पे भुमाफ़ियाओ की गिद्ध दृष्टि पे समय समय पे बदलते रहे जन प्रतिनिधियों,नगर परिषद,तहसील महकमे,पंचायत समिति के कार्मिकों व अधिकारियों का भी फूल सपोर्ट रहा कि धंधेला ओर नीडोरा का तो अस्तित्व ही समाप्त कर कब्जो को स्थायी कर दिया व बरसाती नाले लुप्त कर दिए और उनपे पार्टी प्लाट भी बन गए।गत समय के दौरान नगर परिषद के पैरा फेरी बेल्ट से 4 लेन हाइवे का निर्माण हुआ तब जम कर नियमो के विपरीत टनल निर्माण के दौरान अवैध ब्लास्टिंग व बरसाती नालो पे पत्थर आने की वजह से तालाबो में पानी के आवक मार्ग थम गये।तब इस दौरान गत दशक में वरिष्ठ एडवोकेट सुरेश चंद्र सुराणा के नेतृत्व में गठित हुई "जल बिरादरी" ने तालाबो से डिसिल्टिंग की शुरुआत जन सहयोग से पुराने बस स्टैंड के तालाब से करवाई ओर सेकड़ो ट्रेक्टर मिट्टी निकाली और तालाब गहरा होता
लेकिन कुछ जनो का आंदोलन चला कि भटकड़ा डूब जाएगा उसके बाद जल बिरादरी ने कलका जी,मानसरोवर,नीडोरा,दूधिया तालाब से डिसिल्टिंग का जिम्मा लिया उसमे अनेक जन भी स्वार्थ,निस्वार्थ भाव से जुड़े तालाब की निकली मिट्टी का भरपूर व्यवसायिक उपयोग भी हुआ लेकिन तालाब गहरे हुए तथा तालाबो के आवक मार्ग खुलवाने को लेकर जल बिरादरी ,पत्रकार महावीर जैन,हरीश दवे ने आंदोलन कर जिला प्रशाशन,सांसद देवजी पटेल,तब के विधायक ओटाराम देवासी,विपक्षी विधायक संयम लोढा के नोटिस में लाया और 4 लेन अथॉरिटी,एलएनटी कम्पनी,सानिवि हरकत में आई और कुछ हद तक तालाबो के आवक मार्ग खुले ओर तालाबो के आवक मार्ग खुले।पर तालाबो से अतिक्रमण हटाने में जिला प्रशाशन व जन प्रतिनिधियों ने दिल चस्पी नही ली।
नगर के तालाबो पर हुए अतिक्रमण को लेकर जनता व जल बिरादरी की शिकायत पर पूर्व तहसीलदार वीएसभाटी अवश्य सक्रिय हुए उन्होंने कालकाजी,मानसरोवर,आखेलाव, लाखेलाव,नीडोरा,दूधिया पे अवश्य अतिक्रमण चिन्हित कर अतिक्रमण हटाने की ठानी पर भूमाफियाओं की मददगार राजनीति ने उनका तबादला करवा दिया।
पूर्व तहसीलदार वीएस भाटी ने सारणेश्वर जी मंदिर मार्ग स्तिथ दूधिया तालाब जो 4 लेन बनने के बाद आधा कट गया और तालाब की भूमि पर धर्म व आस्था की आड़ में सुनियोजित तरीके से अतिक्रमण कारियो,नगर परिषद,तहसील,व पंचायत समिति,गोयली ग्राम पंचायत की सरंक्षण पे लघु मन्दिर बनाया जो नित रोज विशाल होता जा रहा है
उसमें अतिक्रमण हटा दूधिया तालाब की भूमि बचाने की कोशिश की व अतिक्रमण हटाये लेकिन उनके तबादले के बाद तालाबो व आवक मार्ग से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई थम गई।लेकिन वहां बढ़ रहे अतिक्रमण पर प्रशासन कि अभी तक नजर नहीं पड़ी है जो पहाड़ के ऊपर से बहता हुआ नाला आ रहा था उसे भी अब अवरुद्ध कर दिया है क्या प्रशासन इसके ऊपर ध्यान देगा जो दूधिया तालाब के अंदर पानी आ रहा था उसको बरसात के पहले पूर्ववत सही तरीके से कर दिया तो पानी की आवक दूधिया तालाब में होगी अन्यथा पानी फिजुल बहेगा।
जल बिरादरी के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेश चंद्र सुराणा ने बताया कि सिरोही के विधायक संयम लोढा को संजीदगी से सिरोही के सभी तालाबो की स्तिथि की जानकारी ले कर तालाबो की भराब क्षमता बढ़वानी चाहिए व अतिक्रमणों को योजना बद्ध तरीके से हटाने चाहिए जिससे नगर के तालाब भरे रहेंगे ओर भविष्य की पीढ़ी को जल संकट से जूझना नही पड़ेगा।
जल बिरादरी के मीडिया प्रभारी हरीश दवे ने कहा कि सत्ताधीश नगर की जनता को सेही, माही, नर्मदा,बतिसा का लोली पोप दिखा जल संकट के निवारण का दम्भ भरते है पर 1965 से अब तक बनी विभिन्न जल योजनाओ का सिरोही को फायदा नही मिला लेकिन सिरनवा की पहाड़ियों का वर्षा जल यहाँ के ऐतिहासक तालाबो में हो जाये तो सिरोही को कभी जल संकट का सामना नही करना पड़े
जिसके लिए विधायक संयम लोढा को पहल कर नगर के सभी तालाब व आवक मार्गो को 1947 के पूर्व की स्तिथि में लाना चाहिए व तालाबो के अतिक्रमन ध्वस्त करवाने चाहिए वरना जिला प्रशाशन को विजय पताका के पास अतिक्रमन तो दिख जाता है पर सरला टेड के आस पास कालकाजी तालाब व मानसरोवर नहर ओर दूधिया तालाब के आस पास की भूमि पर हो रहे अतिक्रमन क्यो नही दिखते व नही हटाये जाते इनमे किसके हित प्रभावित हो रहे और कौन सरंक्षण देकर नगर के जल सरङ्क्षण हितों को प्रभावित कर रहा है।