कोरोनावायरस

क्रूरता की मिसाल दे रहा नगर परिषद प्रशाशन

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

अभी आयुक्त महोदय के साथ में है चालान काट रहे हैं

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही नगर परिषद क्षेत्र की जनता एक तरफ तो वैश्विक महामारी के दुबारा हुए महा अटैक को झेल रही है। दूसरी तरफ आवारा पशुओं की समस्या भटकते गोवंश, ओर विशाल काय नन्दियो की वजह तथा हर गली मोहल्ले में सामान्य व काटने वाले कुत्तों की पाशविकता में आवागमन में भारी दिक्कतें झेल रही है। नगर परिषद क्षेत्र में अनेक कराहता हुआ गोवंश ओर नन्दी नित रोज किसी न किसी गली में तड़पते दिखे यह आम नजारा रहता है व आम जन इन घायल पशु वंश के इलाज या तीमारदारी के लिए नगर परिषद प्रशाशन को फोन पे इत्तला दे तो कोई सुनवाई करने वाला नही है।

ऐसा ही एक वाक्या नेहरू पार्क गार्डन के सामने साय 7 बजे घटित हुआ जब वानर समूह से भटका एक बंदर कुत्तों की चपेट में आ गया जिसे कुत्तों ने उसे लहूलुहान कर दिया और पूछ भी छिन्न भिन्न कर दी वहां खेल रहे बच्चों व राहगीरों ने कैसे भी कर बंदर को बचाया।ओर नगर परिषद प्रशाशन को इत्तला दी।पर नगर परिषद में सुनवाई करने को कोई तैयार नही हुआ व घायल बंदर तड़पता रहा व आम जन उसको कुत्तों से बचाने में जुटे।किसी ने पशुपालन विभाग के कार्मिक लाला को इत्तला दी तो उन्होंने नगर परिषद में सूचना दी लेकिन वहां कोई सुनने को तैयार नही व एक कार्मिक ने कहा हम तो आयुक्त साहेब व पुलिस प्रशाशन के साथ बाजार में कोविड नियम तोड़ने वालों का जुर्माना कर रहे है और उसने बदतमीजी पूर्वक जवाब दिया।आखिर कार लाला व चार युवा उसे पीएफए शेल्टर ले के गए और कम्पाउंडर को कॉल कर उसका इलाज करवाया और शेल्टर में छोड़ा।

इस घटनाक्रम को देख भटकड़ा में रहने वाले राहगीरों ने सवाल किया कि नगर परिषद की कोई जिम्मेदारी है कि नही की वो काटने वाले कुत्तों को पकड़े ओर भटकने वाले गोवंश को अर्बुदा गॉशाला में आश्रय दे।अगर कोई भी पशु घायल हो या मर जाये तो उसकी अग्रिम व्यवस्था करना नगर परिषद का दायित्व है जिससे नगर परिषद प्रशाशन व अधिकारी कन्नी काटते है और जन प्रतिनिधि भी बेपरवाह रहते है।जिला मुख्यालय में नित रोज पशु क्रूरता की घटनाएं भी जाने अनजाने होती रहती है पर घायल या क्रूरता के शिकार मूक पशु को राहत देने में नगर परिषद की कोई यूनिट काम नही करती।

अब कोरोना के बढ़ते प्रकोप में पुलिस प्रशाशन के साथ नगर परिषद के कार्मिक चालान काटने में सहयोगी बन भले ही काम करते हो।पर अनेक सफाई कर्मी व अन्य कर्मचारी अपनी तय शुदा पोस्ट पे तो ड्यूटी नही निभाते ओर आयुक्त ओर जन प्रतिनिधियों ने अन्यत्र ड्यूटी पे लगाया है व विधायक संयम लोढा के गत बोर्ड मीटिंगों में अनेक पार्षदों द्वारा आवाज उठाने के बाद आयुक्त को भी चेतावनी दी थी कि जिसकी ड्यूटी जहा हो वहाँ लगाया जाए। अगर नगर परिषद की सेवाओं में कार्मिक मुस्तेदी से ड्यूटी निभाये ओर परिषद प्रशाशन के पास भी मूक आवारा पशुओं की समस्या के समाधान व घायल पशुओं को राहत देने में कार्मिक मुकर्रर हो तो जनता व मूक घायल पशु दोनो को कठिनाइयों से राहत मिल सकती है।

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