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सीएम सिरोही में अधिकारियों की नियुक्ति सिफारिश पे नही योग्यता पे करे

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

जीवाराम आर्य। तहसीलदार कल्पेश जैन के ट्रेप होने पर गरमाई जिले की राजनीति, कौन दे रहा भृष्ट अफसरों को सरंक्षण।

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही | जिले में पिछले दो दिनों मे भष्ट्राचार को लेकर हुऐ घटनाक्रम पर निवर्तमान कोंग्रेस जिलाध्यक्ष एवं सिरोही से विधानसभा चुनाव में प्रत्याषी रहे जीवाराम आर्य ने बयान जारी कर कहां कि जिले में पनप रहे भष्टाचार को आखिर किसकी षह है तथा भष्ट्राचारियों के साथ-साथ एसीबी को तह तक जाकर उनकी मां को भी पकडना चाहिऐ। पिण्डवाडा तहसीलदार जिसकी कार्यषैली को लेकर पिछले लम्बे समय सें आम नागरिको के साथ-साथ वकील मण्डल व तहसीलदार के अधिनस्थ कार्मिको ने भी शिकायते की थी, जिस पर राज्य सरकार ने तो हटा लिया लेकिन न्यायालय का सहारा लेकर पूनः कार्यभार संभाल लिया। जैसा कि कहावत है ”अति सर्व़त्र वर्जते” आखिर भंडा फूट ही गया।

आर्य ने कहां कि इसी तरह शिवगंज के तहसीलदार पर भी एक व्यक्ति नें सोषल मीडिया पर विडियों डालकर भष्ट्राचार के खुले आम आरोप लगाऐ है। शासन-प्रषासन आखिर क्यो नही कार्यवाही-करता है। उन्होने कहा कि जिले में इस तरह के अधिकारी आखिर कौन चयन कर लगवा रहे। सरकार जब भी अधिकारियों की नियूक्ति जिनकी सिफारीश पर करती है उनकी जवाबदेही तय करनी चाहिऐ। सिरोही जिला सीधे व सरल मानसिकता के लोगो वाला जिला है जंहा पर सेवा भाव-से प्रेरित अधिकारी कर्मचारियो को लगाया जाना चाहिऐ ताकि उनको लुटने से बचाया जा सके।

आर्य ने ब्यान में कहां कि भष्ट्र व बेइमान अधिकारी कर्मचारी अगर कही है तो कांग्रेस जन खुलकर उनकी शिकायत राज्य के मुखिया अशोक गहलोत व एसीबी को बेखौफ करे। उन्होने कहां कि पिण्डवाडा तहसीलदार की करतुत ने जिले के अधिकारीयों की कार्यषैली पर आम आदमी को अंगुली उठाने पर मजबुर कर दिया। आर्य ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पत्र लिखकर आग्रह किया है कि सिरोही जिले में अधिकारियो की नियुक्ति सिफारिसों की बजाय स्वंय उनके रिकार्ड देखकर करे ताकि जनता को राहत मिल सके।

आर्य ने कहा कि ऐसे भष्ट्र अधिकारियो को जिन्हे एसीबी द्वारा पकडा जाता है उन्हे नौकरी से निष्कासित करे ताकि भष्ट्राचार पर रोक लग सके।

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