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व्यक्ति अगर सुखी रहना सीख ले तो जीवन मे कभी दुखी नही हो सकता, विद्यालय के विकास में सदैव तैयार : भामाशाह देवेंद्र जानी

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही | समीपवर्ती राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय डोडुआ में भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित हुई। कार्यक्रम के मुख्य मुख्य अतिथि ग्राम पंचायत डोडुआ के सरपंच गिरजा कुंवर कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यवाहक प्रधानाचार्य हुनर सिंह देवड़ा विशेष अतिथि ग्राम सहकारी समिति के अध्यक्ष भवानी सिंह देवड़ा भामाशाह ओमप्रकाश जानी देवेंद्र जानी के सानिध्य में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

विद्यालय परिवार की ओर से अतिथियों का माला अर्पण कर स्वागत किया कार्यक्रम में विशेष अतिथि भवानी सिंह देवड़ा ने संबोधित करते हुए कहा है कि अपनी भावनाओं पर ध्यान दें यह जानने की कोशिश करें कि आप जिस भी परिस्थिति में आप है क्या आप उससे वाकई खुश है अभी तो जीवन आप जी रहे हैं क्या वह आपको ऊर्जा दे रहा है क्या वह आपको खुशी दे रहा है अब बदलाव पर अमल करने का वक्त है यह बदलाव सार्वजनिक भी हो सकता है और व्यक्तिगत भी यह भी हो सकता है कि इससे आपके साथियों की आपसे उम्मीद पूरी तरह बदल जाए जैसे आप का अचानक ही एक नई जिम्मेदारी ले लेना जिससे समय जरूर से ज्यादा नहीं देना पड़ सकता है इच्छा है तुरंत पूरी नहीं होती है इसमें समय लगता है आप बीज बोकर तुरंत फसल काटने के बारे में नहीं सोच सकते आज लोगों में सब्र नहीं है धैर्य हमारी जिंदगी हमसे गायब हो रही है हर काम का नतीजा हमें तुरंत चाहिए जबकि प्रकृति का नियम है कि जिस काम में जितना समय लगना है उतना लगेगा ही अपनी इच्छाओं को जल्दी बाजी में पूरा करने की चाहत नहीं होना चाहिए इमानदारी से कर्म करते रहना चाहिए उसे सफलता जरूर मिलती है उन्होंने कहा कि आज विद्यालय में जितने भी कार्य हुए हैं वह कार्य शिक्षकों एवं ग्रामीणों की कर्मठ कार्य करने से वह है विद्यालय में ऐसा के शिक्षक है जो अपने कार्य को इमानदारी के सहशिक्षा के अतिरिक्त भी समय देखकर विद्यालय को ऊंचाई दिलाने के लिए कार्य करते हैं आज हमारे विद्यालय खेलों के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियां जिसमें पर्यावरण व अन्य गतिविधियों में भी राष्ट्रीय स्तर पर भी राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया है वह हमारे डोडुआ के लिए गौरव की बात है कार्यक्रम में भामाशाह देवेंद्र जानी ने संबोधित करते हुए कहा मनुष्य को 3 वस्तुओं से प्रेम करना चाहिए सर्वप्रथम धरती माता दूसरा गौ माता तीसरी अपने जन्म देने वाली मातृश्री को जिन्होंने आपको अपने जीवन में उच्च पद पर पहुंचाने के लिए संघर्ष किया हो उन्होंने कहा है कि खुशी जिन्हें मिलती है वह समर्थ हो जाते हैं जो देते हैं वह गरीब नहीं होते उन्होंने कहा कि थोड़ा सा ज्ञान जिससे प्रयोग में लाया जाए वह बहुत सारा ज्ञान जो बेकार पड़ा है उससे कहीं अधिक मूल्यवान होता है यदि व्यक्ति खुश रहने का फैसला कर ले लेगा तो जीवन में कभी दुखी नहीं होगा उन्होंने कहा कि विद्यालय के सहयोग के लिए मेरा और मेरे परिवार हमेशा तैयार रहेंगे कार्यक्रम में विद्यालय के सारे शिक्षक रंजी स्मिथ ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया कार्यक्रम में व्याख्याता सुरेंद्र सिंह चौहान मोहनलाल परमार नरेश सेन चंचला वती देवी सुबोध कुमार सिन्हा शारीरिक शिक्षक रंजीत स्मिथ ओमप्रकाश चावल स्वरूपा राम माली हिम्मत सिंह चारण टीना मिस्त्री प्रीती आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन मोहनलाल परमार ने शेर शायरियां एवं कविता के माध्यम से संबोधन किया

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