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जननायक के रूप में विधायक लोढ़ा का आदिवासियों ने किया परंपरागत रूप से ऐतिहासिक स्वागत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

- मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन होने पर आबू-पिंडवाडा के सैकड़ों की संख्या में आदिवासी पहुंचे शिवगंज
- परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ झुमते गाते विधायक आवास पहुंचे आदिवासियों ने विधायक को मोरिया नृत्य के साथ नवाजा
- आदिवासियों के प्रमुख शस्त्र तीर कमान भेंट कर किया स्वागत
- आदिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों ने कहा ७० साल बाद मारवाड क्षेत्र के आदिवासियों के विकास की उम्मीद बंधी

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही | आजादी के बाद से ही पिछड़े मारवाड क्षेत्र के जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए विधानसभा के आवाज बुलंद कर मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन करवाने के लिए विधायक संयम लोढ़ा का मंगलवार को आबू-पिंडवाडा क्षेत्र के सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने शिवगंज पहुंचकर उनका आदिवासी परंपरा के अनुसार गर्मगोशी से स्वागत करते हुए मारवाड क्षेत्र के आदिवासियों के उत्थान की दिशा में आवाज उठाने के लिए आभार प्रकट किया। अपने परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ आदिवासी नाचते गाते हुए मुख्य बाजार से जुलूस के रूप में विधायक आवास पहुंचे तथा विधायक को तीर कमान भेंट कर आदिवासियों के प्रमुख मोरिया नृत्य के साथ नवाजाते हुए इस पल को ऐतिहासिक बना दिया।

जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह ११ बजे आबू पिंडवाडा क्षेत्र से प्रदेश कांग्रेस सचिव निंबाराम गरासिया और पूर्व विधायक गंगाबेन गरासिया के नेतृत्व में आए सैकड़ों की संख्या में आदिवासी कांग्रेस कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए। उत्साह और उमंग के साथ ये आदिवासी काफी देर तक कांग्रेस कार्यालय के बाहर नाचते गाते रहे। इसके बाद जुलूस के रूप में विधायक आवास के लिए रवाना हुए। ये आदिवासी शहर के मुख्य बाजार, गोलबिल्डिंग, आजाद चैक होते हुए नाचते गाते विधायक आवास पहुंचे। विधायक आवास पहुंचकर आदिवासियों ने अपनी परंपरा के अनुसार सर्वप्रथम विधायक का साफा एवं पुष्पहार पहनाकर स्वागत करते हुए अपना प्रमुख शस्त्र तीर कमान यादगार के रूप में भेंट किया। इस मौके पर आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने विधायक संयम लोढ़ा सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन करवाने के लिए आभार प्रकट किया।

मोरिया नृत्य के साथ दिया सम्मान

इस मौके पर आदिवासी समाज ने अपने प्रमुख नृत्य मोरिया नृत्य जिसे किसी उत्सव अथवा किसी प्रमुख अवसर पर पेश किया जाता है उसके साथ सम्मान दिया। इस नृत्य में आदिवासी विशेष व्यक्ति जिसे सम्मान दिया जाना है उसे अपना साथ लाए एक पलंग पर बैठाकर कई लोग उसे उठाते है तथा उसे झुलाते एवं नृत्य करते हुए सम्मान देते है। इस दौरान आदिवासी अपने प्रमुख वाद्य यंत्र मांडल, थाली, पुडी, बंसरी, ढोल आदि बजाते हुए अपनी खुशी व्यक्त करते है। आदिवासियों की ओर से उत्साह पूर्वक किए गए इस सम्मान एवं स्वागत समारोह को ऐतिहासिक बना दिया।

बोर्ड का गठन होने से ये मिलेगा फायदा

मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन होने से मारवाड क्षेत्र के आदिवासियों को विकास की मुख्य धारा से जोडने में मदद मिलेगी। आजादी के ७० सालों में मारवाड क्षेत्र के आदिवासियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं एवं आरक्षण का जो फायदा नहीं मिला वह मिल सकेगा। मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन होने से आदिवासी क्षेत्र में आवासीय विद्यालय खुल सकेंगे। विद्यार्थियों को कोचिंग की सुविधा मिल सकेगी, रोजगार के नए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे तथा सरकारी नौकरियों में जिले के मूल निवासियों को प्राथमिकता मिल सकेगी। इसके अलावा जनजाति वर्ग के उत्थान के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं को लाभ मिल सकेगा। वैसे मारवाड क्षेत्र में जनजाति बोर्ड बनाने की मांग लंबे समय से उठती आ रही है। लेकिन आदिवासियों की इस प्रमुख मांग की तरफ आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने आवाज प्रखर नहीं की। विधायक संयम लोढ़ा ने आदिवासियों की इस प्रमुख मांग की तरफ ध्यान देते हुए विधानसभा में उनकी आवाज को उठाया। परिणामस्वरूप राज्य सरकार ने मारवाड जनजाति विकास बोर्ड का गठन करने को हरी झंडी दी। जिससे आदिवासी समाज में उत्साह है।

इनकी रही मौजूदगी

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस सचिव निंबाराम गरासिया, पूर्व विधायक गंगाबेन गरासिया, गरासिया समाज के जिलाध्यक्ष पूराराम गरासिया, आबूरोड पंचायत समिति सरपंच संघ के अध्यक्ष दौलाराम गरासिया, पूर्व प्रधान अणदाराम गरासिया, बाली ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश गरासिया, पिंडवाडा सरपंच संघ उपाध्यक्ष नवाराम गरासिया, सचिव जानकीराम गरासिया, पूर्व सरपंच भूला कन्हैयालाल अग्रवाल, सरपंच ललीता गरासिया, सरपंच वीराराम गरासिया, धन्नाराम गरासिया, गोमाराम गरासिया, अनिता भील, हसियाराम दोइतरा, विमला देवी भील ईसरा, वालकीदेवी गरासिया, सौपादेवी भील सहित सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग मौजूद थे।

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