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नए कृषि कानून से देश में बढ़ेगी कालाबाजारी, किसान नहीं जा सकेगा कोर्ट : लोढ़ा

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

ग्राम सेवा सहकारी समिति को राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए उपलब्ध करवाए ट्रेक्टर

पालड़ी एम सहित अन्य ग्राम सेवा सहकारी समितियों को प्रदान किए गए १० ट्रेक्टर

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही | सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए कृषि कानून किसानों के लिए खतरनाक साबित होगा। इस कानून के अमल में आने से देश में कालाबाजारी बढ़ेगी तथा किसान व फसल खरीद करने वाले पूंजीपति के बीच यदि कोई विवाद की स्थिति बन जाएगी तो वह कोर्ट तक नहीं जा सकता। आज दिल्ली में जो किसान लंबे समय से संघर्ष कर रहे है, वे किसानों के हक तथा उनके भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे है। इसके लिए हमें एकजूट होना होगा। विधायक ने चेताया कि यदि ये कानून लागू हो गए तो किसान हासिए पर चला जाएगा। विधायक लोढ़ा गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से विभिन्न ग्राम सेवा सहकारी समितियों को उपलब्ध करवाए गए १० ट्रेक्टर के वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। गौरतलब है कि किसानों को खेत जोतने के समय होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ट्रेक्टर उपलब्ध करवा रही है ताकि किसान को निर्धारित किराए पर ये ट्रेक्टर उपलब्ध हो सके। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से प्रति ट्रेक्टर आठ लाख रूपए का वहन किया गया है तथा ग्राम सेवा सहकारी समिति को दो लाख रूपए देने होंगे।

पालड़ी एम में आयोजित समारोह को संबोधित करत हुए विधायक लोढ़ा ने कहा कि देश में हरित क्रांति कांग्रेस की देन है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु वे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने किसानों को उनकी जमीन का हक यह कहते हुए दिया था कि जो किसान जिस जमीन को जोत रहा है वह उसका मालिक होगा। विधायक लोढ़ा ने कहा कि देश के गांव गांव में विद्युतीकरण इंदिरा गांधी ने करवाया इतना ही नहीं बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर सभी लोगों के लिए बैंकों के दरवाजे खोले। विधायक लोढ़ा ने कहा कि आज हम जिस जगह पर आकर खड़े है, वहां से हमें फिर से पीछे धकेलने की कोशिश की जा रही है। विधायक ने कहा कि कांग्रेस ने यह कानून बनाया था कि कोई भी कितना भी बड़ा पूंजीपति क्यों नहीं हो वह खाद्यान का एक सीमा तक ही स्टॉक कर सकता है। अब केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए कानून में इसे हटा दिया गया है। अब कोई भी पूंजीपति कितना भी स्टॉक कर सकता है। इससे देश में कालाबाजारी बढऩी तय है। विधायक लोढ़ा ने कहा कि आज दिल्ली में जो किसान संघर्ष कर रहे है वे आपके और हमारे बच्चों के भविष्य के लिए संघर्ष कर रहे है। जो कालाबाजारी सामने आने वाली है उससे हमें बचाने के लिए संघर्ष कर रहे है। विधायक ने कहा कि नए कृषि कानून में यह प्रावधान है कि कंपनी और काश्तकार के बीच विवाद होने की स्थिति में किसान कोर्ट नहीं जा सकता। दिल्ली में जो किसान संघर्ष कर रहे है उनका कहना है कि सरकार एमएसपी तय कर दे कि कोई भी कंपनी एमएसपी से कम में खरीदी नहीं कर सकती। सरकार की ओर से इसे कानून में नहीं जोड़ा जा रहा है। यहां तक कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को केन्द्र सरकार नहीं मान रही है। विधायक ने कहा कि अब समय आ गया है कि हमें अपने हक के लिए जागरुक होना पड़ेगा, अन्यथा आने वाले समय में किसान का भविष्य अंधकार में चला जाएगा।

राज्य के कानून को नहीं मिल रही मंजूरी

विधायक लोढ़ा ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से बनाए गए कानून के बाद राज्य सरकार ने किसानों के हक में तीन कानून बनाए है जिन्हें केन्द्र सरकार मंजूरी नहीं दे रही है। इसमें यह बताया गया है कि जिस काश्तकार की भूमि १२ बीघा से कम है तथा यदि वह ऋण चुकाने में सक्षम नहीं है तो उसकी जमीन की निलामी नहीं हो सकती। दूसरा यह कि न्यूनतम मूल्य से कम में माल की खरीदी नहीं की जा सकती अन्यथा जेल जाना होगा। विडम्बना है कि केन्द्र की किसान विरोधी सरकार राज्य सरकार की ओर से बनाए गए इन कानूनों को मंजूरी नहीं दे रही है।

राष्ट्रीयकृत बैंकों का कर्जा माफ क्यों नहीं

विधायक लोढ़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष २०१४ के चुनाव के समय यह घोषणा की थी कि किसानों के कर्जो को माफ किया जाएगा। विडम्बना है कि केन्द्र सरकार की ओर से देश के राष्ट्रीकृत बैंकों में जिन किसानों के कर्जे है उन्हें अभी तक माफ नहीं किया गया है। इसके विपरित राज्य सरकार ने अपने घोषणा पत्र के अनुरूप २० हजार करोड़ के कर्जे माफ कर दिए है।

पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत केन्द्र की देन

विधायक लोढ़ा ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत १०७ डॉलर प्रति बेरल से घटकर ४५ डॉलर प्रति बेरल हो गई है। इस लिहाज से ३२ रूपए प्रति लीटर पेट्रोल उपलब्ध हो रहा है। इस पर केन्द्र सरकार की ओर से ५० रूपए एक्साईज सहित अन्य टेक्स लगाए जा रहे है। यहीं वजह है कि आज पेट्रोल १०० रूपए तक पहुंच गया है।

 

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