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प्रधानाचार्य पदोन्नति में व्याख्याता-प्रधानाध्यापक का अनुपात 80/20 करने पर संगठन करेगा स्वागत - गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही - राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ज्ञापन प्रेषित कर उच्च माध्यमिक प्रधानाचार्य पदोन्नति में व्याख्याता - प्रधानाध्यापक अनुपात को योग्यता संख्यात्मक आधार पर 80 : 20 करने के स्वागत योग्य आदेश अविलम्ब जारी करवाने की दरकार की है।

संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष गहलोत ने ज्ञापन में लिखा है कि राज्य की जनप्रिय सरकार द्वारा शिक्षक संगठनों से हुई वार्ता में उपरोक्त उल्लेखित प्रकरण पर संगठन के ज्ञापन अनुसार सहमति प्रकट की थी जिससे राज्य के लाखों व्याख्याताओं ने सरकार के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर खुशी जाहिर की थी। चूंकि पूर्व में माध्यमिक विद्यालय प्रदेश में अधिक थे तो अनुपात अलग था।

लेकिन अब राज्य में 80 फीसदी उच्च माध्यमिक विद्यालय है जिसमे प्रधानाचार्य पद पर न्यूनतम योग्यता ही अधिस्नातक है।साथ ही राज्य में व्याख्याताओं और माध्यमिक प्रधानाध्यापक का संख्यात्मक अनुपात भी 95 : 5 के लगभग है। व्याख्याता से पदोन्नत प्रधानाचार्य उच्च कक्षाओं में अध्यापन करवा अपनी योग्यताओं का लाभ छात्रहित में दे सकते है जो माध्यमिक प्रधानाध्यापक से अपेक्षित नहीं। संगठन ने दरकार की हैं कि लोकतंत्र में सरकार व्याख्याताओं के विशाल संख्यात्मक अनुपात की एकमत माँग को सम्मान पूर्वक स्वीकार कर योग्य उपयोगी निर्णय करते हुए पदोन्नति अनुपात को 80/20 करने के अविलम्ब आदेश जारी कर लम्बे समय से प्रतिक्षा कर रहे सैकडो व्याख्याताओं को तौहफा दिये जाने की पुरजोर शब्दों में मांग की।

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