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राजस्थान बीजेपी में खींचतान के बीच राजे व शाह की मुलाकात के बाद भाजपा में भूचाल

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

नेता प्रतिपक्ष या प्रदेषशाध्यक्ष पद पे वसुंधरा तब ही बन सकती भाजपा सरकार।पूर्व बजट सत्र वसुंधरा ने खोले पत्ते हर हाल मे भाजपा सरकार।

रिपोर्ट हरीश दवे

प्रदेषशाध्यक्ष पुनिया कर रहे संगठन की मजबूत,सिरोही मोर्चा,प्रकोष्ठों पर प्रदेश की नजर इस माह होगी नियुक्तियां।

जयपुर/सिरोही राजस्थान बीजेपी में चल रहे घमासान में सम्पन्न हुए पंचायती राज व स्वायत्त शाशि संस्थाओं के चुनावो ओर सीएम गहलोत पायलट कोंग्रेस के विवाद में केंद्रीय भाजपा और पीएम नरेंद्र मोदी को भाजपा की संस्थापक महारानी वसुंधरा राजे की बेटी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के तेवर ओर राजस्थान में उनकी अहमियत तो समझ आ चुकी है क्योकि कर्नाटक और एमपी के बाद मिशन लोटस राजस्थान में विफल हुआ उसमे भाजपा प्रदेषशाध्यक्ष,नेतृत्व या नेता प्रतिपक्ष कमजोर रहे या नही पर भाजपा के छह गायब विधायकों ने पायलट के अंजामों पे पानी फेरा।जिसमे सिरोही निर्दलीय विधायक लोढा की बाजीगरी ने भी कारनामा दिखाया। पर मौजूदा राजस्थान सरकार की गहलोत पायलट सरकार के अंतर्द्वंद में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी गुल नही खिला सके और होटलों ओर कोठियो में चली गहलोत सरकार अब तक कामयाब रही।

इधर आगामी बजट बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में मुलाकात की है। इन दोनों की मुलाकात के बाद प्रदेश की राजनीति में हलचलें तेज कर दी है जिसमे पर्देष संघटन भी सहम गया है वही वसुंधरा खेमे के विधायक खासे उत्साहित है और वो प्रदेश की राजनीति में नया गुल खिला सकते है।

अमित शाह से मिली वसुंधरा राजे

सूत्रों के अनुसार सम्पन्न हुए लोकल बोडी व पंचायती राज चुनावो व उसके परिणामो में टीम पुनिया को टीम वसुंधरा की बगावत के चलते भाजपा को ऐसा नुकसान उठाना पड़ा कि अनेक भाजपा गढ़ो मे चोकाने वाली मात खानी पड़ी।

राजस्थान बीजेपी में चल रहे सियासी घमासान के बीच अब प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता वसुंधरा राजे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की खबर मीडिया में सामने आ रही है। राजे ने स्वयं ट्वीट कर खुद इस संबंध में जानकारी दी है।

राजे- शाह की एक घंटे तक चली मैराथन बैठक में राजे ने प्रदेश के हर जिले के हालात उजागर कर दिये है। वहीं उनकी इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि राजस्थान बीजेपी में चल रही गुटबाजी को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व काफी गंभीर है। वहीं सतीश पूनियां टीम की ओर से वसुंधरा राजे को साइडलाइन करने की बात भी कही जा रही है। इन सभी सुगबुगाहटों के बीच पार्टी में सामंजस्य बनाने के लिए शाह ने राजे से मुलाकात की है। वहीं दोनों की मुलाकात के साथ ही प्रदेश की राजनीति गर्मा गई है।

सूत्रों की मानें, तो उप चुनाव में प्रदेश संगठन में सामजस्य बनाने को लेकर भी इस मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं। क्योंकि निकाय चुनाव में बीजेपी कुछ ज्यादा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। वहीं आगामी दिनों में चार सीटों पर उपचुनाव होने हैं तथा सम्पन्न लोकल बॉडी के चुनावों में भाजपा के अनेक किले ध्वस्त हुए है।

इसी बीच पूर्व सीएम खेमे में बटे प्रदेश संगठन को मजबूत कर बीजेपी आगे का दांव लगाना चाहती है। लिहाजा राजे की पार्टी में सक्रियता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि राजे पिछले काफी समय से पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रही है। वहीं प्रदेश संगठन की ओर से उठाए गए मुद्दों पर भी उनकी सक्रियता नहीं दिखी है व हर जिले में टीम वसुंधरा की बी टीम काम कर रही है। बीजेपी कोर कमेटी की पहली मीटिंग में भी निजी कारणों से उनका ना पहुंचना भी चर्चा का विषय बना था।

दिल्ली में मिली राजे नेताओं से

मीडिया रिपोटर्स की मानें, तो राजे पिछले हफ्ते से दिल्ली में अपने निवास पर ही समय गुजार रही हैं। साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों और वरिष्ठ नेताओं से भी मिल रही है। वहीं वसुंधरा राजे से पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, गुलाबचंद कटारिया और अन्य बड़े नेताओं ने कुछ वक्त पहले पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर चुके हैं। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि राजस्थान बीजेपी के नेताओं की मुलाकात नए सियासी मायनों को पनपा रहा है।

अब तय है कि पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में ही आगामी सीएम की दावेदारी में भाजपा चुनाव लड़ेगी ओर शाह राजे की मुलाकात प्रदेश की राजनीति में आने वाले समय मे राजनीतिक कोहराम मचाये या नहीं पर सम्भव है पुर्व सीएम वसुंधरा या तो नेता प्रतिपक्ष बनेगी या भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इसके बिना भाजपा का सत्ता में लौटना दुष्कर है।राजे अपने जन्मदिवस 8 मार्च को भरतपुर में रैली कर अपनी शक्ति का भी अहसास करवाएगी।अब भाजपा संगठन और विधायक दल विधानसभा के बजट सत्र में गहलोत मन्त्री मण्डल का विस्तार नही होने व गहलोत पायलट विवाद में क्या रुख अख्तियार करता है और नेता प्रतिपक्ष कटारिया व उप नेता राठौड़ समेत सबकी नजर वसुंधरा राजे पे टिकी हुई है जो कोई भी राजनीतिक घट विस्फोट कर सकती है और सूत्र बताते है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व पूर्व सीएम राजे को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष या नेता प्रतिपक्ष पद की ताज पोषी कर सकता है। ओर इसी माह श्रीमती राजे की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात संभव है।

प्रदेश भाजपा में अभी संगठन को मजबूत करने का दौर चल रहा है तथा विभिन्न मोर्चा प्रकोष्ठों की कार्यकारिणीया मीडिया विभाग को छोड़ बन चुकी है।सिरोही जिले से भाजपा में प्रदेश प्रतिनिधियों में वीरेंद्र सिंह चौहान,लुम्बाराम चौधरी,विधायक समाराम गरासिया,ओर विशेष आमंत्रित ओटाराम देवासी मनोनीत हो चुके है और अन्य मोर्चो में अब तक भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती रक्षा भंडारी ही भाजपा महिला मोर्चा में प्रदेश मंत्री बन चुकी है अन्य सिरोही जिले भाजपाइयों को मोर्चा प्रकोष्ठ विभागों में कोई प्रतिनिधित्व नही मिला।अब जिले के मोर्चा प्रकोष्ठ ओर विभागों में जिलाध्यक्ष पद प्राप्त करने की होड़ मची है।

जिसके लिए भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित युवा मोर्चा किसान मोर्चा व महिला मोर्चा जो पार्टी की अहम ताकत है उसके अलावा सभी मोर्चा प्रकोष्ठ विभागों में कार्यकर्ताओं को खपाने में दिमागी मशःक्क्त कर रहे है जिसमे युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष पद में दीपेंद्र सिंह पिथापूरा व मांगू सिंह देवड़ा दौड़ में आगे चल रहे है पर प्रदेषशाध्यक्ष पुनिया व संगठन महामंत्री चंद्रशेखर की निगाहें जिले की मजबूती में विशेष टिकी हुई।

जो मोर्चा प्रकोष्ठ विभाग में मजबूत जिलाध्यक्ष बनाना चाहते है। भाजपा महिला मौर्चा जिलाध्यक्ष की दावेदारी में दर्शना देसाई मजबूत स्तिथि में है।पर प्रदेश नेतृत्व पूर्व जिला प्रमुख श्रीमती पायल परसरामपुरिया पर भी महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष का दांव लगा सकता है।जबकि टीम वसुंधरा महिला मोर्चा का गठन सिरोही जिले में कर चुका है।

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