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सिरोही नगर परिषद आयुक्त महेंद्र चौधरी ने आज घोटाले की एक ओर एफआईआर दर्ज दर्ज करवाई

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

सिरोही नगर परिषद के बीजेपी बोर्ड में हुए घोटालो पर घोटालो में लिप्त लोगो से 72 लाख रुपये वसूली के लिए आयुक्त ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया।

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार और पूर्व गोपालन राज्य मंत्री ओटाराम देवासी के कार्यकाल में बना सिरोही नगर परिषद का भाजपा बोर्ड ने भरस्टाचार की इबारत ऐसी गढ़ी की 1650 करोड़ के विकास कार्य कराने वाले पूर्व विधायक ओटाराम देवासी की हार के जिम्मेदार सिरोही नगर परिषद के ऐतिहासिक घोटाले रहे जिसे ढाल ओर चुनावी हथियार बना मौजूदा विधायक संयम लोढा ने भाजपा के मंत्री को निर्दलीय शिकस्त दी।स्वायत शासन विभाग ने सिरोही नगर परिषद में बीजेपी के बोर्ड में हुए घोटालो की जांच के बाद उन सभी आयुक्तों, लेखाकारों, स्टोरकीपर व तत्कालीन सभापति जिन्होंने

स्वीकृत राशि से अधिक राशि का भुगतान वर्ष 2017-18 में टेंट इत्यादि के किराए में नियमो के विरुद भुगतान कर नगर परिषद को चुना लगाया है उनको नोटिस जारी कर राशि जमा कराने का अवसर दिया लेकिन उनकी ओर से राशि जमा नही कराने पर आज परिषद के आयुक्त महेंद्र सिंह ने पुलिस थाना सिरोही में इन सबके विरुद एक एफआईआर दर्ज करवाई जिस पर थानाधिकारी श्रीमती अनिता रानी ने मामला दर्ज कर उसकी जांच एस आई अशोक सिंह को सौपी है।

राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में नगर परिषद के आयुक्त महेन्द सिंह चौधरी ने सभी को नोटिस भेज कर कहा था कि वे अधिक राशि के भुगतान की राशि 7 दिवस में जमा करावे अन्यथा उनके विरुद आपराधिक कृत्य कर राजस्व नुकसान के लिए नियमानुसार वसूली की कार्यवाही की जावेगी ।

वसूली नोटिस इनको जारी किया है

जिसमे मदन दत्ता 13 लाख 26 हजार 497 प्रहलादराय वर्मा ,आयुक्त 7 लाख 1 हजार 989 ,दिलीप माथुर,आयुक्त 4 लाख 67 हजार 487,ताराराम माली सभापति, 18 लाख 2 हजार 987,रामलाल परिहार,स्टोरकीपर 18 लाख 2 हजार 987, संतलाल मक्कड़ आयुक्त 6लाख 24 हजार 508, जगदीश बारोलिया लेखाकर्मी 4लाख 76 हजार 487 को अभियुक्त बनाया।

बीजेपी बोर्ड में नियमो को ताक में रखकर खुलकर नगर परिषद को तत्कालीन सभापति , तत्कालीन आयुक्तों व कार्मिको ने मिलकर लुटा जिसकी परते अब खुलती ही जा रही है।

विधायक संयम लोढा को इन घोटालो का बहुत पहले से पता चला था इसलिए उन्होंने पब्लिक मीटिंग में बीजेपी बोर्ड पर 50 करोड़ के घोटाले करने का खुला आरोप लगाया और कांग्रेस की सरकार व कांग्रेस का बोर्ड बनने के बाद इसकी जांच पड़ताल शुरू करवाई ओर अब राज्य सरकार ने घोटाले की राशि केस वाइज खोज कर उसकी वसूली के निर्देश परिषद को दिए जिस पर जनता को मालूम चला कि किस तरह के घोटाले बीजेपी बोर्ड व बीजेपी राज में मिलीभगत से हुए ।

इससे पूर्व भी घोटालो की 5 एफआईआर दर्ज हुई जिसकी जांच पुलिस कर रही है ।

अब सीसीटीवी घोटाले की जांच भी एसीबी आगे बढ़ाएगी ओर उसमे भी अनेक गिरफ्तारियां होने के आसार दिखाई दे रहे है ।

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