राजस्थान

क्या नए जमीदार है कि राजस्थान के माथे मांगते हैं - लोढा

पूर्व मंत्रियो द्वारा सुविधाए व बंगले खाली नही करने पर उठाये लोढा ने सवाल, 70 साल में जरूरत नहीं पड़ी वह पूर्व की सरकार ने कैसे पारित कर दिया तो भडका विपक्ष

विधानसभा में सिरोही विधायक संयम लोढा द्वारा पूर्व मंत्रियों के बंगले व सुविधाये समाप्त करने को लेकर उठाये गये सवालों के बाद गहलोत सरकार दो माह के भीतर ही सरकारी आवास खाली करने के आदेश दे दिए है एैसा नही करने पर राज्य सरकार की पूर्व मंत्रियों से 5 हजार रुपए प्रतिमाह की जगह अब 10 हजार रुपए प्रतिदिन किराया वसूलस जाएगा और इसके लिए विधेयक भी पेश हो चुका है

लोढा ने विधानसभा सुविधाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि मंत्री ना होते हुए भी लंबे समय तक सरकारी आवास खाली नही किया जा रहा है लोढा ने पूर्व मंत्रियों पर सवाल उठाते हुए कहा जब आप पद ही नही हो तो आप जयपुर में बंगले और प्रशासनिक कर्मचारी की पूर्ति क्या राजस्थान के माथे मांगते हो जबकि उत्तर प्रदेश के सुप्रीम कोर्ट भी यह कह चुका है कि ये गलग और गैरकानूनी है और इसको खत्म कर चुके हैं

पुराने मंत्री जबरन इस पर कब्जा कर अपनौ के साथ इसका जमकर उपयोग करते है जिससे नये मंत्रियों को सरकारी आवास नहीं मिल पाते हैं। सरकार ने इस स्थिति की वजह मानी है कि पूर्व मंत्री के आवास खाली नहीं करने पर किराया काफी कम है। इस स्थिति का हवाला देकर ही सरकार ने किराया बढ़ाया है।

जबरदस्ती खाली होंगे बंगले

इतना ही नहीं तय समय पर जुर्माना जमा नहींकरवाने पर प्राधिकृत अधिकारी जबरदस्ती सरकारी बंगला खाली करवा सकेंगे। इसके लिए राज्य विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन विधेयक 2019 पारित किया गया।

लोढा ने उठाया ये भी मामला
वहीं इस पर चर्चा के दौरान निर्दलीय सदस्य संयम लोढ़ा ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को पद से हटने के बाद भी आजीवन कैबिनेट मंत्री के समान सुविधाएं देने का मामला उठा दिया। इसको लेकर भाजपा सदस्यों ने हंगामा कर दिया और नारेबाजी करते हुए वैल में आ गए। इस दौरान नारेबाजी और हंगामे के बीच ही यह विधेयक पारित करवा दिया गया।विधेयक पर चर्चा के दौरान निर्दलीय लोढ़ा ने कहा कि पूर्वमुख्यमंत्रियों को आजीवन कैबिनेट मंत्री के बराबर सुविधा का कानून बदलना चाहिए।


भाजपा पर ये लगाया आरोप
उन्होंने भाजपा पर इसे काले कानून को पारित करवानेका आरोप लगाया और कहा कि पिछली सरकार ने जो कानून पारित कराया है उसे सरकार पर हर माह एक करोड़ रुपए का भार आएगाए जिसकी कोई जरूरत नहीं है। इस पर विपक्ष ने हंगामा कर दिया तो सभापति राजेन्द्र पारीक ने लोढ़ा को बैठने के निर्देश दिए लेकिन लोढ़ा बिना रुके बोलते ही रहे। इस पर भाजपा सदस्य वैल में आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी तो सभापति ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल को विधेयक पारित करवाने के निर्देश दिए सरकार को

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