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भूमि पुत्रों के समर्थन में शिक्षक संघ ने राष्ट्रपति के नाम जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापन

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

सिरोही | जय जवान जय किसान जय जय हिन्दुस्तान के नारे की बुलन्दी के साथ राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत के नेतृत्व में जिला कलक्टर सिरोही भगवती प्रसाद को किसान विरोधी कानून के खिलाफ चल रहे जन आन्दोलन के समर्थन में रैली के रूप में प्रदर्शन कर सैकडों शिक्षकों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर किसान विरोधी कानूनों को तत्काल निरस्त किये जाने की मांग की।

संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि देश की वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा जिस कृषि कानून को पारित किया गया हैं इससे देश का किसान हताश और निराश हो रहा हैं।

देश के तत्कालिन प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा देकर देश के भूमि पुत्रो और सीमा रक्षको का जो मान बढाया था उसमें तत्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जय विज्ञान और जोडकर उसे और भी ज्यादा कारगर बनाया था। लेकिन बडे दुर्भाग्य से कहना पड रहा हैं इस राष्ट्रव्यापी नारे का वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार में अर्थ ’’ मरे चाहे जवान या मरे चाहे किसान बस जीते मेरा अभिमान ’’ नजर आ रहा है। हजारों बरस की गुलामी का दौर झेलने के बाद देश का किसान आजादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा बनाये कृषि कानूनों से सम्भलता नजर आ रहा था।

उसे अपनी फसल का न्युनतम समर्थन मुल्य प्राप्त होने, समय पर ऋण सुविधा मिलने, फसल का बीमा होने, प्राकृतिक आपदा पर सरकार से सहायता मिलने से भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसान के खेत में फसले लहलहाने लगी है उसके घरों में सम्पन्नता देखने को मिली, उसके बच्चों में शिक्षा का स्तर अपेक्षित ऊँचा उठा हैं। लेकिन बडी पीडा के साथ लिखना पड रहा हैं कि जिन भूमि पुत्रों ने अपने पसीने से देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में भारत को आत्म निर्भर बनाया, जिन अन्न दाताओं के बेटे देश की सीमा पर सुरक्षा प्रहरी बन खडे हैं उनके चेहरे की मुस्कान उनके घरों के सुख चैन को खत्म कर उनकी पहचान समाप्त करने का केन्द्र सरकार का वर्तमान कृषि कानून उन पर थोपने का प्रयास किया जा रहा है।

देश की कृषि क्रय विक्रय व्यवस्था को चन्द उघोगपतियों के हाथों बेचकर निजीकरण को बढावा देने वाले ऐसे कृषि कानून का आन्दोलनरत लाखों किसानों द्वारा किये जा रहे विरोध का सगंठन ने ज्ञापन में पुरजोर समर्थन किया हैं। ज्ञापन में राष्ट्रपति से विनम्र प्रार्थना की है कि एैसे किसान विरोधी बिल पर केन्द्र सरकार यदि हठधर्मिता त्याग इसे निरस्त नहीं करती है वे अपने स्तर पर इसे निरस्त करने की कृपा करावे।

संगठन के जिला प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश शिक्षक नेता डॉ.हनवन्तसिंह मेडतिया, जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह सोलंकी, जिला मंत्री इनामुल हक कुरैशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश खण्डेलवाल, उपाध्यक्ष भगवतसिंह देवडा, उपशाखा अध्यक्ष सिरोही देवेश खत्री, शिवगंज छगनलाल भाटी, पिण्डवाडा मनोहरसिंह चौहान, इन्दरमल खण्डेलवाल, रमेश परमार, गुरूदीन वर्मा, सविता शर्मा, धर्मेंद्र खत्री , नवनीत माथुर , रमेश रांगी , उमाराम मीणा , अमर सिंह , गिरीश रावल, रणछोड़ कुमार , ओम जी ओम जी शर्मा , दलपत सिंह परमार , रामावतार , मुनीर हुसैन अशोक आढा , अयूब खान , अशोक मालवीय , रघुनाथ मीणा , दिलीप सिंह सिंदल रमेश परमार , दुर्गेश गर्ग , राजेश कोठारी , भंवर सिंह दहिया, वरुण खत्री, नरेश परमार, शैलेंद्र सिंह, भीकाराम कोली, रमेश दहिया, मोटाराम, प्रवीण जानी, भंवरलाल हिंडोणिया ललित देवड़ा आदि उपस्थित थे ।

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