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विधानसभा में गूंजा लोढा,दे रहे झोलाछाप गोडा

झोलाछाप डॉक्टर के हाथों मरीज की मौत के बाद खड़े हुए तमाम सवाल

डॉक्टर परिवार सहित मौके से फरार
     

सिरोही जिले के रेवदर तहसील से एक बड़ा मामला सामने आया जिससे जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर तमाम सवाल खड़े हो गए है...। सिरोही जिले में एमबीबीएस मुन्ना भाई बनकर गरीबो मरीजो के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डॉक्टर के हाथो इंजेक्शन लगाने के दौरान युवक की मौत का मामला सामने आया है

जानिए यह है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार रेवदर में एक झोलाछाप द्वारा बीमार मरीज को इंजेक्शन लगाने से मौत हो गई... मृतक थल निवासी  थल का बताया जा रहा है । वही शव को अनादरा मोर्चरी में रखवाया गया...वही आक्रोशित परिजनों ने पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर अड़े है।

सिरोही के ऊर्जावान विधायक संयम लोढ़ा ने विधानसभा में कई बार चिकित्सा के ऊपर सवाल खड़े किए....उसके बावजूद भी किसी प्रकार का अधिकारियों को डर नहीं...जब विधायक महोदय द्वारा विधानसभा में प्रश्न पूछे जाने पर भी और जिले की चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने के लिए अनगिनत सवाल किए और पूर्व में विधायक नहीं होते हुए भी हाई कोर्ट के द्वारा डॉक्टर लगवाने के सार्थक प्रयास किए है। उसके बाद भी संयम लोढ़ा द्वारा विधानसभा में अनेकों बार चिकित्सा व्यवस्था पर सवार उठाए गए थे की पूर्व में भी गरीब मरीजों के पेट काटे जा रहे हैं तब भी कलेक्टर परिसर में महारैली और धरना प्रदर्शन किया गया था अब भी जिले में ऐसे हालात बने हुए थे अब लोढा द्वारा विधानसभा में भी चिकित्सा के ऊपर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए चिकित्सा व्यवस्था को कैसे सुंदर ढंग से चला जाए तब भी क्या प्रशासनिक अधिकारी किसका इंतजार कर रहे हैं क्यों नहीं कठोरता पूर्वक कार्रवाई होती है? लगातार आवाज उठाई जा रही है आखिर कार्रवाई के लिए किसका इंतजार किया जा रहा है...यह सब सवालों के घेरे में अब आगे विधायक संयम लोढ़ा इसके ऊपर क्या संज्ञान लेते हैं यह देखने वाली बात होगी..।
तो उधर  जिले में लंबे समय से  अवैध कारोबार को रोकने में विभाग जिम्मेदार विभाग पूर्ण रूप से नाकाम साबित हुआ है...कई बार चेताने के बावजूद भी संबंधित अधिकारी और विभाग कार्यवाही के नाम पर केवल आश्वासन ही देते नजर आया...जिसके चलते आज एक युवक को अपने जान से हाथ धोना पड़ा इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन? क्या राज्य सरकार विषय पर गम्भीरता दिखाएंगी या जिम्मेदारो की आपसी साठगांठ के चलते यह मौत का खेल चलता रहेगा..बड़ा सोचनीय प्रश्न है। लेकिन कभी कार्यवाही नही  की जिसके चलते आज भोले भाले गरीब मरीजो के स्वास्थ्य के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है । 

सिरोही कलेक्टर के आदेश हुआ हवा
 जिला कलेक्टर ने मामले पर गम्भीरता दिखाते हुए जहा चिकित्सा विभाग को तत्काल काईवाई के निर्देश दिए थे.. उसके बाद भी जिम्मेदार विभाग ने इन आदेशों की पूरी तरह अवहेलना की जिससे मौतों का सिलसिला लगातार जारी है...अब मरीज की मौत के बाद विभाग, प्रशासन और कमेटी कैसी कार्यवाही करती है ये बड़ा सवाल है..।
इसी तरह क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों पर काईवाई नही होने से क्षेत्र में दिनों दिन इनकी तादात बढ़ती जा रही है... ओर अब इसी क्रम में बुधवार को  रेवदर तहसील के एक युवक को झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद तबियत बिगड़ने से मौत होना विभाग और कमेटी पर कई सवाल खड़े करता है...

गिरफ्तारी पर अड़े परिवार
 तो उधर डाक निवासी एक युवक की तबियत खराब होने पर उसे थल के एक निजी क्लिनिक के झोलाछाप डॉक्टर के.के. पटेल के वहा ले गए। जहां पर उसे इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन लगाने के बाद तबियत और ज्यादा खराब होने पर उसे अनादरा हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जा रहे थे उसी समय बीच रास्ते ही युवक ने दम तोड़ दिया। दूसरी तरफ घटना की जानकारी लगने पर झोलाछाप डॉक्टर परिवार सहित फरार हो गया।
 
परिजन गिरफ्तारी पर अड़े मृतक के परिजनों ने आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी नही होने तक शव को नही उठाने व पोस्टमार्टम करने से मना कर दिया है। मृतक का शव राजकीय सामूदायिक केंद्र अनादरा के मोर्चरी कक्ष में रखवाया गया है।

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