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सेवा भारती को भूमि नही मिली ओटाराम एन्ड कम्पनी जिम्मेवार - विधायक संयम लोढा

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

भाजपा और संघ के लोग जनता को बेवकूफ बनाने से बाज आये।सोसल मीडिया में चल रहा हंगामा।

रिपोर्ट हरीश दवे

ज्ञापन दे कर विरोध जता रहे हिन्दू वादी संगठन। 25 दिसम्बर को आंदोलन की चेतावनी

सिरोही जिला मुख्यालय के नगर परिषद क्षेत्र में नेहरू गार्डन के निकट पूर्व में आवंटित सेवा भारती को भु-आवंटन के मसले का विवाद राजनीतिक रंग लेता दिखाई दे रहा है। जिसको लेकर भाजपा व आरएसएस के कार्यकर्ता और पदाधिकारियो ने जिले की विभिन्न तहसील आबूरोड, शिवगंज, पिंडवाड़ा में धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया और इसका जिम्मेदार विधायक संयम लोढा को जिम्मेदार ठहराते हुए रात्रि रामझरोखा मंदिर में हिन्दू वादी संगठनों और व्यापार मंडल की बैठक रात्रि को बुलाई ओर राज्य सरकार द्वारा निरस्त किये गए भू आवंटन को सेवा भारती के पक्ष में न किये जाने पर 25 दिसम्बर से उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

उधर विधायक संयम लोढा ने भी इस मसले पर सर्किट हाउस में दोपहर को आहूत पत्रकार वार्ता में सेवा भारती भू आवंटन मसले का जिम्मेवार ओटाराम एन्ड कम्पनी को करार देते हुये कहा कि भाजपा और संघ परिवार आम जन को बेवकूफ बनाने से बाज आये ।मास्टर प्लान में यह भूमि आवासीय है सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग है की लेंड टाइटल बदल नही सकता। गुलाब कोठारी बनाम सरकार का फैसला आया हुआ है राज्य सरकार इस भूमि को आवंटित कर नही सकती सेवा भारती के वकील भी यह जानते है।

भाजपा सरकार में यह भूमि आवंटित नही हुई न रजिस्ट्री हुई ने एक रुपया जमीन आवंटन का भरा ओर जनता को गुमराह करते हुए यह कहना कि जमीन हड़प लेंगे खुर्द बुर्द कर देंगे यह सरासर झूठ है।राज्य सरकार की स्पस्ट नीति बनी हुई है सामाजिक संस्थाओं को भूमि आवंटित होती हैं मेने भी विभिन्न संस्थाओं को भूमि आवंटित करवाई है आगे भी करवाऊंगा सेवा भारती भी आवेदन करें उसे भी नियमो के तहत आवंटन हो सकती है अथवा अगले माह ग्यारह बारह तारीख को होने वाली नीलामी में सेवा भारती के मित्र आये बोली लगा कर यह जमीन खरीदे किसी को कोई आपत्ति नही है।। उधर भाजपा और संघ परिवार के धरना प्रदर्शनों को लेकर जिला प्रशाशन भी एलर्ट मोड़ पे आ गया है और एडीएम गीतेश मालवीय ने आयुक्त महेन्द सिंह चौधरी से सेवा भारती भू आवंटन को लेकर पत्रावली की सम्पूर्ण जानकारी ली।भाजपा,संघ परिवार,हिन्दू वादी संगठनों,व्यापार मंडल इत्यादि की आज रामझरोखा परिसर में बैठक हुई और भू आवंटन निरस्त किये जाने के खिलाफ आंदोलन की रूप रेखा तय की ओर कानूनी पहलुओं पर भी चर्चा की।

उधर सोसल मीडिया में जम कर सेवाभारती भू आवंटन को लेकर भाजपा, कोंग्रेस व संघ परिवार अपने अपने दावों के साथ आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है।भाजपा और संघ परिवार के लोग सीधे भू आवंटन निरस्तगी को लेकर संयम लोढा को जिम्मेदार ठहरा रहे है।वही कोंग्रेस के सहवृत पार्षद धनराज माली का खनस है कि मसले में विधायक संयम लोढा या परिषद के एडमिनिस्ट्रेशन की बदनीयती होती तो बोर्ड मीटिंग में ही इस गलत आवंटन को रद्द कर देते।

किसी पर दोष मढ़ने के पहले बीजेपी के नेताओ व तत्कालीन बोर्ड के पार्षदों को पूछो की वे 2018 में आवंटित भूमि को सेवा भारती को दिलाने में क्यो चुप रहे क्यो कब्जा नही दिलाया ओर क्यो आवंटन का आदेश सेवा भारती को नही दिया गलती करने वालो को कोसने की बजाय उन्हें कोस रहे हो जिन्होंने बोर्ड मीटिंग में साथ दिया । अब आवंटन की शर्तों को आपने पूरा नही किया तो आवंटन आपके अकेला का नही पूरे राज्य की उन सभी संस्थाओं का हो रहा है जिन्होंने राशि जमा नही कराई ओर भूमि का कब्जा नही लिया।

विधायक संयम लोढा इसीलिए निर्दलीय जीते क्योकि उनको बीजेपी व कांग्रेस के लोगो ने भी उनकी योग्यता व काम करवाने की सोच को देखते हुए वोट दिए । विरोध के लिए व अपनी गलतियों को छुपाने के लिए संयम जी पर बेबुनियाद आरोप लगाना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा काम मत करो । सेवा भारती ही नही सभी 36 कॉम को अपने अपने समाज के भवन बनाने के लिए विधायक संयम लोढा ने कार्य किया है जो काम किया है वो देखो । सिरोही में कितने समाजो को जमीन मिली और उसके लिए किसने पैरवी की उसको कोई नकार नही सकता । पूर्व में मेघवाल समाज,मुस्लिम समाज को जमीन कांग्रेस के राज में आवंटित हुई लेकिन बीजेपी के राज में कब्जा नही मिला तब अब संयम जी ने दोनों समाज को कब्जा दिलाया है।

विधायक संयम जी विरोध की नही विकास व प्रेम की राजनीति करते है । अच्छा होता संयम जी से सेवा भारती व बीजेपी वाले मिलते ओर जो बात कल प्रेस वार्ता में की वो उनसे करते तो संयम जी पर बदनीयती के झूठे आरोप लगाने की जरूरत नही पड़ती । अपनी आवंटन की पूरी फाइल देखते ओर कारण ढूढते आवंटन रद्द क्यो हुआ । ओर लगता कि राज्य सरकार ने बदनीयती से आवंटन रद्द किया है तो फिर मोर्चा खोलते सरकार के विरुद्घ न्यायालय का द्वार खटखटाते।भूमि आवंटन को सनातन धर्म से जोड़ना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है । सेवा भारती की सेवा सराहनीय है ,उसको जमीन देनी चाहिए लेकिन उसको नियमो के विपरीत भूमि यदि दी है तो उसका कोई समर्थन कैसे करेगा ,विरोध या धमकी या बरगलाने से गलत को सही नही ठहराया जा सकता है ।अगर अन्याय हुआ है

तो आवाज उठानी चाहिए लोकतंत्र का यही तकाजा है पर बेजा विरोध और दवाब से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों ओर राज्य सरकार के नियमो के विपरीत कोई सरकार किसी भी संस्था को भूमि आवंटित नही कर सकती।अब इस मसले को लेकर गरमाई राजनीति में ऊंट क्या करवट बदलता है और भाजपा और संघ परिवार सेवा भारती के निरस्त हुए भू आवंटन के फैसले को लेकर राज्य सरकार को झुकाते है या 11 जनवरी को नीलामी होगी इस पर सब की नजर टिकी हुई है।

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