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राजनीतिक सरंक्षण में रेती के अवैध उत्खनन से जिले में मंडरा रहा पर्यावरण का खतरा

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

खनिज विभाग और पुलिस का सरंक्षण,बिना नम्बर के ट्रेक्टरों से हो रहा रेती का परिवहन।

रिपोर्ट हरिश दवे

सिरोही नदियों में अवैध रेती उत्खनन पर भले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई हो पर जबसे रोक लगी है प्रदेश में सरकार भाजपा की हो या कोंग्रेस की नदियों को खोद खोद कर बजरी व्यापारी अपनी स्वार्थ पिपासा में बजरी का अवैध उत्खनन करने से नही चूक रहे।

जिन्हें खनिज विभाग और विभिन्न थाना क्षेत्रों में पुलिस का जम कर सरंक्षण है और प्रति ट्रेक्टर नियमित राशि चुकाने के बाद रेती तस्कर धड़ल्ले से बजरी तस्करी कर रहे है। जिला मुख्यालय समेत रामपुरा, जावाल,बरलूट, पाडिव, कालन्द्री, जवाई शिवंगज, झाडोली, कोजरा, रोहिड़ा, बनास, आबूरोड, करोटी जिले की कोई छोटी या बड़ी नदी या नाला नही बचा जहाँ रेती तस्कर नदी में खड्डा कर अपने काले कारनामो को अंजाम नही देते हो।

शिवंगज में तो रात्रि में भी बजरी का स्टॉक जवाई नदी से किया जाता है। अगर कोई पर्यावरण प्रेमी नदियों में रेती के अवैध खनन पे खनिज विभाग के अभियंता ओर सम्बंधित थाने को इत्तला दे तो अव्वल तो फरियाद सुनी नही जाती ओर शिकायत सुन ली जाए तो शिकायत कर्ता को ही हड़का दिया जाता है।

जिला मुख्यालय पे सरकारी और गैर सरकारी कार्यो में संगठित गिरोह बाज की तरह रेती ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने से राजनीतिक सरंक्षण में पुलिस कतराती है या सरंक्षण देती है यह जांच का विषय है पर परिवहन करने वाले रेती ट्रेक्टर भी अक्सर नाबालिग ओर अकुशल चालक बिना नम्बर प्लेट के यातायात पुलिस की नजरों से सरपट गलियों में दौड़ाते है उंन्हे भी सीज कर चालान नही काटे जाते।

अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवज्ञा कर अवैध रेती उत्खनन यू ही चलता रहा तो अरावली से निकलने वाली नदियों का अस्तित्ब जो पहले से अतिक्रमण की चपेट में है जबरदस्त पर्यावरण संकट में घिर जाएगी।

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