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कोरोना मरीज नहीं, फिर भी अदालतें बंद, यह राजस्थान के लोगों के हित में नहीं : लोढ़ा

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

जनआंदोलन के माध्यम से निपटने के लिए हुई वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग में बोल

रिपोर्ट हरिश दवे

शिवगंज। सिरोही विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि प्रदेश की कई अदालतें ऐसी है, जहां अभी तक कोरोना का कोई भी मरीज नहीं आया है। बावजूद इसके अदालतें पिछले छह महिने से ठप पड़ी है। ये किसी भी तरह से राजस्थान की जनता के हित में नहीं है। विधायक संयम लोढ़ा बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में कोरोना को जनआंदोलन के माध्यम से निपटने के लिए हुई वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग में बोल रहे थे।

इस वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी, प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे सिंधिया सहित मंत्रीमंडल के सदस्य, विधायक, जिला कलक्टर व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

लोढ़ा ने मुख्यमंत्री गहलोत सहित राज्य के न्याय व विधि मंत्री शांति धारीवाल से आग्रह किया कि प्रदेश की कई ऐसी अदालतें है जहां किसी भी तरह से कोई कोरोना का मरीज नहीं आया है। बावजूद इसके न्यायालयों में काम काज पिछले छह महिने से ठप पड़ा है।

विधायक ने कहा कि बिना किसी कारण के न्यायालय का कामकाज बंद रहना राजस्थान के लोगों के हित में नहीं है। न्यायालय बंद होने से लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे है, उनका मनोबल भी गिर रहा है। विधायक लोढ़ा ने राज्य के न्याय एवं विधि मंत्री से आग्रह किया कि वे इस बारे में जानकारी लेकर मुख्य न्यायाधीश से संपर्क कर उनसे आग्रह करे तथा राज्य की अदालतों में सामान्य कामकाज प्रारंभ करवाए ताकि प्रदेश की जनता को राहत मिल सके।

विधायक लोढा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर स्थित जिला अस्पतालों में एक उच्चस्तरीय अधिकारियों की टीम भेजकर वहां के हालातों व कमियों की समीक्षा करवाई जाए। क्योंकि चिकित्सा विभाग के अधिकारी किस तरह से मॉनिटरिंग कर रहे है यह समझ से परे है। विधायक लोढ़ा ने कहा कि सिरोही जिले की बात करें तो यहां के जिला अस्पताल में मेल नर्स के ४० पद खाली है। वरिष्ठ लेब टेक्नीशियन की ७ पोस्ट है और वे सभी खाली है, लेब टेक्नीशियन के सात में से पांच पद खाली है। सीनियर रेडियोग्राफर एवं सहायक रेडियोग्राफर के चार-चार पद है ये सभी खाली है।

विधायक ने कहा कि इतने पद खाली है फिर चिकित्सा विभाग के अधिकारी किस तरह से मॉनिटरिंग कर रहे है। विधायक लोढ़ा ने जोर देकर कहा कि यह कैसी विडम्बना है कि राज्य के मुख्य सचिव ने आदेश जारी किया था कि आशान्वित जिलों से कोई कर्मचारी नहीं हटाया जाएगा। बावजूद इसके वर्ष २०२० में सिरोही के जिला अस्पताल से १६ कर्मचारी हटा दिए गए।

विधायक लोढा ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपने जो विधायक कोष जारी किया उसके उपयोग के लिए सरकार को लिखकर दे दिया। इसके एक साल बीत जाने के बावजूद भी अस्पतालों में सुविधाएं नहीं है, मशीनें नहीं है। कोरोना से निपटने के लिए भामाशाहों के सहयोग से वेंटिलेटर तो उपलब्ध करवा दिए गए है, मगर उसका उपयोग नहीं कर पा रहे है, अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है। मेन पॉवर की कमी है। बावजूद इसके जिले में लोगों का हौंसला बुलंद है। जिले में कोरोना से निपटने के लिए भामाशाहों व नागरिकों ने खूब सहयोग दिया है।

मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम

विधायक लोढ़ा ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दलगत राजनीति से उपर उठकर कोरोना से निपटने के लिए सबके मन की बात को अनेकों बार सुना और उनके सामने जो भी विचार आए उनको पूरा महत्व दिया। इस कारण राजस्थान देश में पहला ऐसा राज्य बना है, जिसने छह माह में कोरोना से बचाव के लिए जो कार्य किया है

वो नजीर बनकर उभरा है। विधायक लोढ़ा ने कोरोना को अब जन आंदोलन के रूप में लोगों तक पहुंचाने की मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत करते हुए भरोसा दिलाया कि प्रदेश के सभी लोग इसे सफल बनाने में कोई कमी नहीं रखेंगे।

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