बेजुबान जानवरो का दर्द समझकर करे सेवा उसमे ही बसते भगवान
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
रिपोर्ट किशन माली
50 से अधिकरतर वानरों की हिन्दू विधि विधान से समाधि
पिंडवाड़ा कस्बे के युवाओं की टीम ने मूक जानवर बेजुबानो के लिए मिसाल कायम कर दी इनके कार्यो को देखकर हर कोई चकित हो जाता है।
जानवरो और पक्षियों से हर कोई प्यार करता है लेकिन ऐसे भी नगर के अंदर ऐसे युवा है जो अपना व्यस्त कार्यो को छोड़ घायल जानवर की सूचना मिलने तुरंत घटनास्थल पे पहुच जाते है बेसहारा पशुओं का मशीहा कहे या गोरक्षक कई वर्षों के कार्यो से लोगो के दिलो में बच गए अबतक भरत टांक दारा नगर में गाय के अलावा कई भी वानर की घटना की जानकारी होने पे वे तुरंत ताबड़ तोड़ इलाज करवा देते है।
(मूक जानवरो के लिए निस्वार्थ कार्य )
भरत टांक ने बताया की हम 3 वर्ष से उप्पर हो गए है।
अब तक नगर में किसी भी समय किसी भी जानवर की घायल होने की सूचना एवं बीमार होने की सूचना मिलती है तो हम तुरंत युवा निस्वार्थ कार्य के लिए तुरंत पशु चिकित्सको को ले जाकर मूक जानवर का इलाज कराते है इलाज के बाद कई जानवरो की जान बचाई गयी है जिससे हमें काफी बहुत खुश होती है लोगो मे प्रेणा लाने का काम करते है
हम मूक जानवरो के इलाज के लिए किसी राजनीति दल एवम नगर पालिका पर आशित्र नही है।
(वानर की मौत ने नही दिया सोने तब से मिली प्रेणा )
टांक ने बताया कि एक बार अज्ञात वानर ने टक्कर वानर को टक्कर मार दी तो वानर सड़क पे कई घंटों तक तड़पता रहा वहां से कई लोग गुजरे उसके बावजूद भी लोग उसका इलाज नही कर पाए तब वानर की मौत हो गयी जिससे दिल काफी पसीज गया।
लोगो ने नगर पालिका को सूचना दी उसे एक कट्टे में डाल लें गए उसके बाद थान लिया कि आज के बाद यदी वानर की मौत होती ह तो उसे मान सम्मान से धार्मिक रूप से हिन्दू विधि विधान से समाधि दी जाएगी अब तलब 50 से अधिकतर वानरों को समाधि दी जससे दिल मे काफी खुशी होती है मरने दम तक जानवर की सेवा करता रहूंगा।