शिक्षा

स्टेट ओपन में बालिकाओं के लिए परीक्षा शुल्क नहीं लेने का फैसला ऐतिहासिक एवं स्वागत योग्य कदम - गहलोत

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

शिवगंज - राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल जयपुर में दसवी एवं बारहवीं में पढाई करने वाली छात्राओं को परीक्षा शुल्क नहीं देने के फैसला ऐतिहासिक एवं सराहनीय हैं। राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने छात्राओं के हित में लिये गये निर्णय पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री ममता भुपेश को संगठन द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया।

संघ (प्रगतिशील) के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि कि महिला अधिकारिता विभाग एवं राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल जयपुर के बीच एमओयु हुआ हैं

बालिकाओं की ओर से यह शुल्क महिला अधिकारिता विभाग वहन करेगा। दसवीं की परीक्षा में न्युनतम 14 वर्ष एवं बारहवीं की परीक्षा में न्युनतम 15 वर्ष की बालिका पंजियन करवा सकती है। बालिकाओं के लिए आयु में कोई अधिकतम सीमा नहीं हैं। दसवीं में महिला अभ्यार्थी के लिए प्रवेश शुल्क 1225 रू. एवं बारहवीं में महिला अभ्यर्थी के लिए 1475 रू. नहीं लिया जायेगा। शिक्षा सत्र 2020-21 में प्रवेश लेने वाली छात्राओं के प्रवेश शुल्क, प्रायोगिक परीक्षा शुल्क, अग्रेषण प्रवेश शुल्क, सै़द्धान्तिक एवं प्रायोगिक प्रवेश शुल्क नहीं लिया जायेगा। साथ ही पुनः प्रवेश, आंशिक प्रवेश, आईटीआई हेतु पंजीयन एवं परीक्षा शुल्क प्रति विषय दसवीं के लिए 530 रू. बारहवीं के लिए 590 रू. हैं, दोनो पाठ्यक्रमां में प्रायोगिक शुल्क प्रति विषय 120 रू. अग्रेषण शुल्क 50 रू. इन सभी शुल्कों का पुनर्भरण महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जायेगा। इसके साथ ही दोनो पाठ्यक्रमों में प्रति विषय सैद्धान्तिक परीक्षा शुल्क 150 रू., प्रायोगिक परीक्षा शुल्क 60 रू. एवं अग्रेषण शुल्क प्रति अभ्यर्थी 5 रू. हैं इनका भी पुनर्भरण महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जायेगा। ओटीसी एवं फॉर्म ऑन लाईन करने की शुल्क छात्राओं को स्वयं वहन करना पडेगा। शिक्षा की सर्व सुलभता एवं सहजता के लिए राजस्थान स्टेट ओपन की स्थापना 21 मार्च 2005 में की गई जो आज पुरे राजस्थान में व्यापक रूप से छात्र-छात्राओं के लिये आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं।

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