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भाजपा में रार, सिरोही नगर परीषद नेता प्रतिपक्ष पद भाजपा पार्षदो में तकरार

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

अनुभवी या युवा नेता प्रतिपक्ष किसको मिलेगी तरहिज:

रिपोर्ट हरीश दवे।

सिरोही राजस्थान की पहली नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती तारा भण्डारी सिरोही की चेयरमेन बनी तब से भाजपा का एक छत्र साम्राज्य सिरोही नगर परीषद के भाजपा बोर्ड के रूप में रहा।इस दौरान चेयरमेन के सीधे चुनावो में निर्दलीय सभापती श्रीमती जयश्री राठौड़ भाजपा नेत्री हेमलता पुरोहित को हरा कोंग्रेस के समर्थन से अवश्य बनी पर विधायक संयम लोढा के कार्यकाल में बोर्ड की तनातनी रही।

पूर्व विधायक ओटाराम देवासी के विधायक काल मे बोर्डो के कार्यकाल में भरस्टाचार की महागाथा कोन्ग्रेसी भाजपाई अनेक दिग्गज पार्षदो के रहते लिखी गई जिसको मुद्दा बना विधायक सयंम लोढा ने गत नगर परीषद चुनावो में भाजपा बोर्डों की विगत करतूतों को मुद्दा बना जम कर भुनाया।वही पूर्व गोपालन मंन्त्री को भाजपा की भितरघात से हारना पड़ा।और नगर परीषद चुनावो में भाजपा के निश्ठावान कार्यकर्ता,मौजूदा पार्षदो के टिकट काट जिला पदाधिकारी,ओर पर्यवेक्षकों ने टिकट वितरण ओर चुनाव प्रचार में भाजपा का बोर्ड बनाने में दिलचस्पी नही दिखाई न भाजपा ने चुनावी सभा की ओर विधायक संयम लोढा की सूझबूझ से सभापती महेंद्र मेवाडा ने 24 कोन्ग्रेसी पार्षदो व 4 निर्दलीयों का समर्थन ले कर कोंग्रेस का अजेय बोर्ड बनाया और तमाम विकास के बावजूद भाजपा 35 वार्डो में 9 पार्षदो की जीत ही हासिल कर सकी।

उसके बाद बोर्ड को कार्य करने का मौका मिलता उस दौरान कोरोना काल आ गया सभी पार्षद जरूरत मन्द ओर भूखों को खाना खिलाने ओर किट बांटने,खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़वाने,स्ट्रीट वेंडर का फॉर्म भराने में व्यस्त हो गए।लेकिन नगर परीषद क्षेत्र में अवैध निर्माण का उधोग पनप गया।

आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण करने लगी,सदर बाजार और पैलेस रोड पे पार्षद ओर एसआई की शह पर अतिक्रमण पनपने लगे पर मौजूदा बोर्ड की कार्य शैली का मुखर विरोध करने की क्षमता भाजपाई पार्षद नही दिखा सके।

जिसकी प्रमुख वजह नेता प्रतिपक्ष का चयन होना भी रहा।बुधवार को रीको कॉलोनी के मीडिया हाउस में भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित की अध्यक्षता में नेता प्रतिपक्ष पद के चयन ओर सर्वानुमति बनाने की बैठक बेनतीजा रही भाजपा के अनुभवी पार्षद मगन मीणा, प्रवीण राठौड़,अरुण ओझा,व भाजपा नेत्री गीता पुरोहित ने अपनी प्रबल दावेदारी बताई।महिला मंडल अध्यक्ष व पार्षद मणि देवी,व हंजा पटेल,व नए पार्षद गोविंद माली ओर गोपाल माली ने भी बैठक में अपने विचार रखे और पूर्व वाइस चेयरमैन ओर नेता प्रतिपक्ष रहे पार्षद सुरेश सगरवंशी ने नेता प्रतिपक्ष पद की दावेदारी में रुचि नहीं दिखाई।और बैठक में नेता प्रतिपक्ष के चयन को प्रदेश नेतृत्व पे डाला।

लेकिन भाजपा पार्षद गीता पुरोहित ने सीनियर पार्षदो को मौका देने में राय रखी और नए को मौका देने की सूरत में अपनी प्रबल दावेदारी पेश की।भाजपा पार्षद मगन मीणा ओर प्रवीण राठौड़ ने संगठन में अपने कार्यो ओर सदैव योगदान की बात कहते हुए नेता प्रतिपक्ष की दावेदारी जताई।

अब देखना यह है कि "एक अनार सो बीमार" नेता प्रतिपक्ष के चयन में अनुभव,जातिवाद, या युवा चेहरा किस पे भाजपा संगठन दांव लगाता है वही नेता प्रतिपक्ष बनेगा।

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