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पीएफए सिरोही का परिचय एवं सेवा कार्यों की संक्षिप्त झलक

सिरोही ब्यूरो न्यूज़

रिपोर्ट हरीश दवे

पीएफए सिरोही की स्थापना 1999 में हुई । शुरुआती दौर में इस संस्था द्वारा जीव रक्षा के कार्यों को आमजन तक जन जागृति के माध्यम से जोड़कर सेवा दी जा रही थी । सत्र 2002 में जिला मुख्यालय कि नजदीक ऐतिहासिक प्राचीन मंदिर श्री सारणेश्वर महादेव तीर्थ के समीप 10 बीघा भूखंड पर रुपये 40 लाख लागत लगाकर आश्रय स्थल की स्थापना करना की गई । जिसमें महत्वपूर्ण भूमिका संस्था की चेयरपर्सन श्रीमती मेनका संजय गांधी की रही है । उपरोक्त राशि द्वारा शुरुआती दौर में पशुओं के लिए आश्रय स्थल एवं चारा गोदाम एवं भूखंड के चारों और बाउंड्री का निर्माण किया गया। वर्तमान में संस्था अपने प्राणी सेवा के उल्लेखनीय कार्यों से राजस्थान में अव्वल नंबर का कार्य कर रही है।

 

जिसमें एंबुलेंस सेवा , हेल्पलाइन, वन्यजीवों के संरक्षण हेतु आश्रय स्थल एवं चिकित्सा व्यवस्था करना,पशु पक्षियों के इलाज के लिए पशु चिकित्सालय का संचालन करना, पीड़ित व असहाय प्राणियों के लिए आश्रय व संरक्षण की व्यवस्था करना, वृक्षारोपण , जन जागृति के लिए समय-समय पर अभियान चलाना, अभावग्रस्त गांवों में निशुल्क पशु चिकित्सा शिविर करवाना , ग्रीष्म काल अवधि तक सिरोही जिले के वन क्षेत्रों में पेयजल सुविधा उपलब्ध करवाना , पशु क्रूरता रोकने के उपाय पर ध्यान देना एवं देश का प्रथम ऊट संरक्षण केंद्र का संचालन करना, राजस्थान का प्रथम पीडीत व असहाय गदभो का संरक्षण केंद्र का संचालन करना इत्यादि सेवा कार्य को संस्था वर्तमान में संचालित करवा रही है ।

वर्तमान में संस्था मे करीबन 17 वेतन भोगी कर्मचारी पशु सेवा कार्यों में सेवा दे रहे है। एवं करीबन 13 पशु रक्षक ट्रस्ट मंडल मे अपनी सेवा दे रहे हैं। यह संस्था प्रतिदिन 15 से 20 हजार रूपये का खर्च पशु पक्षियों की सेवा में वहन कर रही है । पशु सेवा कार्य मे उल्लेखनीय सेवा देने के उपलक्ष में जिला प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर 5 बार, राज स्तर पर दो बार एवं राष्ट्रीय स्तर पर दो बार अवार्ड से सम्मानित किया गया।

यह जानकारी अमित देवल पीपल फॉर एनिमल सचिव द्वारा दी गई

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