सिरोही गायत्री शक्ति पीठ के कार्यकर्ताओ 11 सदस्यों वाले परिवार को उनके गांव मोहरिया टोला बण्डी मध्यप्रदेश पहुंचा ही दिया
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
प्रशासनिक स्तर पर सहायता नहीं मिल पाने के कारण गायत्री परिवार आया आगे
रिपोर्ट हरीश दवे
सिरोही गायत्री शक्ति पीठ के कार्यकर्ताओ ने प्रशासनिक स्तर पर सहायता नहीं मिलपाने के बावजूद आखिरकार बंधु कोल के 11 सदस्यों वाले परिवार को उनके गांव मोहरिया टोला बण्डी मध्यप्रदेश पहुंचा ही दिया ये बात अलग है इस मजदूर परिवार को सिरोही से अपने गांव की 1100 किलोमीटर की दूरी तय करने में 6 दिन का समय लगा । ये कहानी है उस गरीब मजदूर परिवार बंधु कोल व उसके भाईयो के परिवार की जो अपने पेट की आग बुझाने के लिए मध्यप्रदेश के सतना जिले से राजस्थान में उदयपुर जिले के केलवाड़ा में पहुच गया
जहां किसी ठेकेदार के यहाँ चिमनी भट्टी पर चुनाई करने का काम करने लगा अभी काम करते हुए कुछ माह ही बीते थे कि कोरोना बीमारी ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया पुरे देश में लाॅक डाउन के कारण इन लोगो को काम मिलना मुश्किल हो गया उपर से जहां काम कर रहे थे उस ठेकेदार ने भी बिना मजदूरी दिए काम से निकाल दिया हालात से परेशान ये मजदूर 2 जून को पैदल ही सतना जाने के लिए निकल गए लेकिन दिशा भ्रम होने के कारण रास्ता भटक गये किसी भले ट्रक ड्राईवर ने इन्हे अपने ट्रक में बैठा कर इन्हे 5 जून को सिरोही पहुंचा दिया।
गायत्री शक्ति पीठ के संजय कुमार वर्मा ने बताया कि गोयली चैराये पर बैठे मजदूर परिवार को गायत्री शक्ति पीठ के हरीश खण्डेलवाल ने देखा इनसे पुछताछ करने पर इन्होने भुख प्यास से परेशान परिवार जिसमें चार महिलाए व तीन बच्चो व अपने तीन भाईयों के साथ बिना पैसो के घर कैसे जाये की चिंता के बारे में बताते हुए सतना जाने की मदद मांगी।
वर्मा ने बताया कि गायत्री शक्ति पीठ के सदस्यों ने जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी और इनके घर जाने की व्यवस्था करने के लिए आग्रह किया किन्तु जिला प्रशासन द्वारा उदासीन रवैये के कारण गायत्री शक्ति पीठ व अन्य भामाशाह ने उनके रात्रि में रुकने का इंतजाम रेन बसेरे में करवाया वर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन ने इन मजदूरो की परेशानी खबर प्रकाशित होने के बाद अपने सर की मसीबत दुसरे के सर पर डालने का काम करते हुए इन मजदूर परिवार को घर छोड़ने का कह कर एक गाड़ी में बैठा कर उदयपुर बस स्टेण्ड पर वहां के प्रशासन को सूचना दिये बिना भगवान के भरोसे छौड़ दिया इस बात का पता लेसे ही गायत्री शक्ति पीठ के सदस्यों को लगा कि उन्हें प्रशासन ने सतना की जगह उदयपुर भेज दिया है तो उन सभी मे रोष पैदा हो गया उन लोगो ने सतना के मजदूरों से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि हमे तो कुछ मालूम नही कहा ले जारहे है
तब गाड़ी के ड्राईवर गुलाबसिंह ने कहा कि प्रशासन ने इन्हें उदयपुर बस स्टैंड छोड़ने के लिए कहा है इसलिए में इन्हें वहा ले जा रहा हूँ। वर्मा ने बताया कि गायत्री शक्ति पीठ के कार्यकर्ताओ ने अपने स्त्र पर इन मजदूर परिवार को घर पंहुचाने का बीडा उठाया ओर पुरे देश भर में कार्यरत गायत्री शक्ति पीठ की आपदा प्रबंध समिति को सारी घटना से अवगत करवाते हुए इन्हे घर पहुचाने के लिए व्यवस्था करने को कहा सिरोही गायत्री शक्ति पीठ व उसकी युवा शाखा दीया के सदस्यो रमेश गोमतीवाल,हितेश खण्डेलवाल ने उदयपुर से कोटा तक ट्रेन के टिकट की व्यवस्था की रास्ते में किसी चीज की जरूरत के लिए आर्थिक सहायता मीठाालाल जैन ने की। उदयपुर में आपदा समिति के कार्यकर्ता प्रणय त्रिपाठी,हेमेन्द्र सिंह मकवाना व नरेन्द्र चैधरी ने इनके रूकने व खाने की व्यवस्था की वर्मा ने बताया कि कोटा पहुचने पर कोटा शक्ति पीठ के मुख्य ट्रस्टी जीडी पटेल ललित सोनी,प्रज्ञेश यादव,विशाल,अरविन्द राठौड व आपदा प्रंबध समिति के मुकेश प्रजापत ने इन्हे विश्राम करवाकर व खाना खिलाकर कोटा से मध्यप्रदेश बार्डर तेदंआ जिला शिवपुरी तक टवेरा गाड़ी में रवाना किया बार्डर पर गायत्री शक्ति पीठ से जुड़े तेंदुआ थानाधिकारी अरविन्दसिंह चैहान ने बार्डर पर बने रिलीफ सेटंर पर रख कर उनके भोजन की व्यवस्था के साथ गाड़ी करवा कर उनके गांव मोहरिया टोला बण्डी पंहुचाया । वर्मा ने बताया कि, टुकड़ो टुकड़ो में ही सही आखिरकार इस परिवार को अपनी मंजील मिल ही गयी। अपने गांव के क्वारेन्टीन सेंटर में पहुचने पर इस परिवार की खुशी देखते ही बनती थी वर्मा ने बताया कि बंधु कोल,अपने भाई सुरेश,माया,हरिकेत,रामप्यारी,अशोक,लीला,रामजी, ,सुमन,मीना व शुभम ने घर पहुचने के बाद अपनी मदद करने वालो को आभार जताया। वर्मा ने बताया कि इस परिवार को घर तक पहुचाने में मीठालाल जैन, मनीषा देओल, विजयाराजे , अरूण कुमार, विजय शर्मा, जेपी शर्मा ने अपना सहयोग दिया।