शिक्षामंत्री के आदेशों की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही हो - गहलोत
सिरोही ब्यूरो न्यूज़
सिरोही | शिवगंज - राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र गहलोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवम शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भेजे ज्ञापन में शिक्षामंत्री के आदेशों की बार बार अवहेलना करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध के कठोर कार्यवाही की मांग की है ।
गहलोत ने भेजे ज्ञापन में बताया कि शिक्षामंत्री डोटासरा ने केवल कोविड -19 के कार्यों में ही शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के आदेश अधिकारियों को दिये है तथा भीलवाड़ा के एक उपखंड अधिकारी द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी नरेगा में लगाने पर शिक्षामंत्री ने उक्त अधिकारी के आदेश को निरस्त करवाया तथा उसके बाद शिक्षामंत्री द्वारा बारां के एक शिक्षा अधिकारी द्वारा शादी के कार्यक्रम में सोशल डिस्टेसिंग के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाने के आदेश को निरस्त करवाया गया । शिक्षामंत्री द्वारा अधिकारियों के ऐसे आदेशों पर रोक लगाये जाने के बावजूद भी अधिकारी सरकार और शिक्षकों को समाज में बदनाम करने के लिए शिक्षकों के लिए आये दिन तरह तरह के आदेश जारी कर रहे है । अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की ड्यूटी कभी बाढ़ नियंत्रण में तो कभी टिडडी नियंत्रण में तो कभी आवारा पशुओं की गिनती में लगाई जाती है । कुछ इस तरह के आदेश करौली जिला कलेक्टर द्वारा क्वोरेंटिन सेंटर में मनोरंजन करने के लिए और बाड़ी उपखंड अधिकारी द्वारा राशनकार्ड की जांच के लिए शिक्षकों के लिए ऐसे आदेश जारी करके शिक्षकों को जनता के बीच बदनाम किया जा रहा है । इसी तरह भीलवाड़ा में जहाजपुर के उपखंड अधिकारी द्वारा चेकपोस्टों पर अवैध ट्रेक्टर और ट्रक की निगरानी के लिए भी शिक्षकों के लिए ऐसा आदेश जारी किया गया है । इस तरह अधिकारियों द्वारा शिक्षकों के लिए बार बार ऐसे आदेश जारी करना ,अधिकारियों द्वारा शिक्षकों को समाज में निठल्ले ,बेकार और मुक्तखोर दिखाकर शिक्षकों की गरिमा को गिराने का कार्य किया जा रहा है । अधिकारियों के इन कृत्यों को संगठन कभी बर्दाश्त नहीं करेगा तथा ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के लिए आंदोलन शुरू करेगा । अधिकारियों द्वारा शिक्षामंत्री के आदेशों की बार बार अवहेलना करके आये दिन शिक्षकों के नाम ऐसे आदेश जारी करना, सरकार को शिक्षकों एवम समाज के बीच बदनाम करने की साजिश है ।
गहलोत ने कहा कि हर विभाग के कार्य शिक्षकों से नहीं करवाकर सम्बंधित विभागों के कर्मचारियों द्वारा ही करवाये जाये तथा शिक्षामंत्री की अनुमति के बिना और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अनुमति के बिना हर विभाग के कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाना कानूनी रूप से भी गलत और नियमों के विरुद्ध है ।
गहलोत ने भेजे ज्ञापन में शिक्षकों की ड्यूटी कोविड -19 के अतिरिक्त अन्य कार्यों में नहीं लगाने की सख्त मांग करते हुए शिक्षामंत्री के आदेशों की अवहेलना करके सरकार और शिक्षकों की छवि खराब करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की बात कही है ।